जीवन शैली में हो रहे बदलाव के कारण विभिन्न प्रकार के लाइफस्टाइल डिसऑर्डर का सामना करना पड़ रहा है। यह केवल ब्लड प्रेशर और डायबिटीज तक सीमित नहीं है। त्वचा और बालों का प्रभावित होना भी कहीं न कहीं इस पर निर्भर करता है। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपनी सेहत को नजरअंदाज करते हुए आगे निकलते जा रहे हैं। जिसके कारण समस्याएं लोगों को गंभीर रूप से अपना शिकार बना लेती है। ऐसे ही हेयर फॉल (hair fall) की समस्या है, जिससे ज्यादातर महिलाएं काफी परेशान रहती हैं। हालांकि, एक सीमित मात्रा में बालों का टूटना आम है। परंतु यदि यह बढ़ जाए तो फौरन इसके प्रति ध्यान देना जरूरी है।
हालांकि, हेयर फॉल को कंट्रोल करने के लिए महिलाएं कई सारे घरेलू नुस्खे आजमाती हैं। साथ ही विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं। परंतु ब्यूटी ट्रीटमेंट की दुनिया ने एक नई थेरेपी से लोगों को वाकिफ करवाया है। जिसे हेयर लॉस ट्रीटमेंट के रूप में आजमाया जा रहा है। “पीआरपी” (Platelet-Rich Plasma) की मदद से बालों को टूटने झड़ने से रोका जा सकता है। तो आइए जानते हैं, आखिर पीआरपी (PRP) क्या है? साथ ही जानेंगे यह किस तरह काम करता है।
पीआरपी हेयर लॉस थेरेपी 3 स्टेप का एक मेडिकल ट्रीटमेंट है, जिसके तहत व्यक्ति के खून को निकाल कर प्रोसेस किया जाता है और फिर इसे स्कैल्प में इंजेक्ट कर दिया जाता है। ज्यादातर मेडिकल कम्युनिटी और ब्यूटी ट्रीटमेंट कंपनीज इस बात का दावा करते हैं, कि पीआरपी (PRP) इंजेक्शन प्राकृतिक रूप से बालों के ग्रोथ को ट्रिगर करता है। साथ ही ये हेयर फॉलिकल्स में ब्लड सप्लाई को बढ़ा देता है और बालों को घना और मोटा बनाता है।
पीआरपी थेरेपी के 3 स्टेप प्रोसेस होते हैं। इसके अलावा हर 4 से 6 महीने में इसे मेंटेन करवाना पड़ता है।
स्टेप 1 – आमतौर पर पीआरपी प्रोसेस के दौरान आपके बाजू से खून निकालते हैं और उसे मसीन के माध्यम से प्रोसेस किया जाता है।
स्टेप 2 – 10 मिनट के मशीनरी प्रोसेस के बाद आपके ब्लड को 3 लेयर में अलग अलग कर दिया जाता है। प्लेटलेट पुअर प्लाज्मा, प्लेटलेट रिच प्लाजमा और रेड ब्लड सेल्स।
स्टेप 3 – अब प्लेटलेट रिच प्लाजमा को सिरिंज से आपके स्कैल्प के प्रभावित एरिया में इंजेक्ट कर दिया जाता है। यह हेयर ग्रोथ को प्रोमोट करता है।
यूएस नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार पीआरपी आदमियों में गंजेपन से लेकर महिलाओं के पतले और झड़ते बालों ले लिए असरदार होता है।
गंजापन (महिला एवं पुरुष)
मेनोपॉज के दौरान बाल झड़ने और पतले होने पर।
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कस्टमाइज़ करेंवो लोग जो लंबे समय से हेयर लॉस की समस्या से परेशान हैं। क्योंकि ऐसे लोगों के हेयर फॉलिकल्स काफी छोटे हो जाते हैं जिसकी वजह से हेयर ग्रोथ सही से नहीं हो पाता।
हाइपोथाइरॉएडिज्म और हाइपरथाइरॉएडिज्म के कारण भी बाल काफी ज्यादा झड़ते हैं। परंतु इन समस्या से ग्रसित मरीजों को पीआरपी ट्रीटमेंट नहीं लेना चाहिए।
ब्लीडिंग डिसऑर्डर्स, क्लोटिंग डिसऑर्डर, खून का पतला होना और हेपेटाइटिस से ग्रसित हैं तो भूलकर भी पीआरपी ट्रीटमेंट न लें।
स्किन कैंसर या किसी प्रकार का स्कैल्प इनफेक्शन है तो पीआरपी से बचना चाहिए। क्योंकि यह आपकी स्थिति को और ज्यादा खराब कर सकता है।
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यदि आपका खून बहुत पतला है या आप हेवी स्मोकर हैं, साथ ही पास्ट में यदि अल्कोहल और ड्रग मिसयूज का कोई केस रहा है। तो आपको पीआरपी नहीं करवानी चाहिए। इसके साथ ही यदि आप पास्ट में किसी प्रकार के क्रॉनिक इन्फेक्शन, कैंसर, क्रॉनिक लिवर और स्किन डिजीज, हाइपोफाइबरिनोजेनीमिया, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर, प्लेटलेट डिस्फंक्शन सिंड्रोम, लो प्लेटलेट काउंट थाइरोइड डिजीज इत्यादि जैसी समस्याओं से पीड़ित रही हैं, तो पीआरपी करवाने का बिल्कुल भी न सोचें। अन्यथा इसके साइड इफेक्ट के तौर पर कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कुछ लोगों को पीआरपी थेरेपी के बाद साइड इफेक्ट का सामना करना पड़ सकता है।
ब्लड वेसल्स और नर्वस में इंजरी होना।
इंफेक्शन की संभावना बनी रहती है।
इंजेक्शन लगने वाली जगह पर कैलशिफिकेशन होना।
टिशु के डैमेज होने का खतरा बना रहता है।
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