भारत में कई ऐसी जड़ी-बूटियां मौजूद हैं, जो आपके महंगे और विदेशी उत्पादों को भी पीछे छोड़ सकती हैं। पहाड़ों पर होने वाली ऐसी ही एक खास हर्ब है पेरिला। जिसकी पत्तियों से लेकर सीड्स तक का कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। खासतौर से नॉर्थ ईस्ट की महिलाएं पेरिला सीड्स ऑयल को अपनी स्किन को चमकदार और बेदाग बनाने के लिए इस्तेमाल करती हैं। आइए जानते हैं पेरिला सीड्स ऑयल के फायदों (perilla seeds oil benefits) के बारे में।
पेरिला सीड्स को भांगजीरा भी कहा जाता है। यह उत्तराखंड भी काफी इस्तेमाल किया जाता है। वहां के लोग इसकी चटनी बनाकर खाते हैं। इसके बीज और पत्तियों में ओमेगा 3 और 6 भरपूर मात्रा में होता है, जो कॉर्ड लीवर ऑयल से बेहतर है। स्किन के साथ-साथ भांगजीरा कई तरह के स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है।
पेरिला के पौधे का साइंटिफिक नाम पेरिला फ्रूटसेन्स है। इससे निकलने वाले बीजों का तेल निकाला जाता है। यह पौधा पुदीना परिवार का एक सदस्य है। इसमें कई लाभकारी गुण होने के कारण इसे व्यापक रूप से उपचार करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पेरिला पौधा एशिया का मूल निवासी है और आमतौर पर चीन, जापान और कोरिया में इसकी खेती की जाती है।
इसके बीजों में काफी तेल होता है, जो ओमेगा-3 फैटी एसिड, फ्लेवोन, पॉलीफेनोल और ट्राइटरपेनोइड से भरपूर होते हैं। यह त्वचा और स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी है। इसलिए नॉर्थ ईस्ट की महिलाएं इसे अपने स्किन केयर रूटिन में शामिल करती हैं।
बायोमेडिकल एंड फार्माकोलॉजी जर्नल के द्वारा एक पेरिला बीजों के तेल पर एक अध्यन किया गया। पेरिला ऑयल त्वचा में जलन, नमी की मात्रा, त्वचा की बनावट और लोच पर क्या प्रभाव डालता है ये जानने के लिए 40-60 वर्ष की आयु के तीस स्वस्थ लोगों पर क्लीनिकल जांच की गई। इन्हे 8 सप्ताह तक पेरिला ऑयल युक्त सीरम इस्तेमाल करते के लिए कहा गया। 8 सप्ताह बाद देखा गया कि इसने चेहरे को हाइड्रेट किया और लोच भी बढ़ा दी।
पेरिला सीड्स के बारे में हमें ज्यादा जानकारी दी डर्मेटेक क्लिनिक की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. कल्पना सोलंकी नें
पेरिला ऑयल में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA) होता है, जो एक महत्वपूर्ण ओमेगा -3 फैटी एसिड है। ALA में सूजन-रोधी गुण पाए गए हैं और यह जलन या सूजन वाली त्वचा को शांत करने में मदद कर सकता है। यह त्वचा के बैरियर के स्वास्थ्य को भी बनाए रखता है। यह त्वचा को हाइड्रेट रखने और वातावरण से होने वाली किसी भी क्षति से बचा कर रखने का काम करता है।
पेरिला तेल में मौजूद फाइटोस्टेरॉल सूजन को कम करने और त्वचा की इरिटेशन को शांत करने में मदद कर सकता है। फाइटोस्टेरॉल शरीर में कोलेजन का उत्पादन करने में भी मदद करता है, जो त्वचा की लोच में सुधार करने और महीन रेखाओं और झुर्रियों को कम करता है। इसे एंटी एजिंग के रूप में भी जाना जाता है।
पेरिला के बीजों के तोलों में अधिक मात्रा में पॉलीफेनोल्स और फ्लेवोन होते हैं, जो की एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट आपकी कोशिका को मुक्त कणों से होने वाली क्षति को रोकने में मदद करते है। ये फ्री रेडिकल्स को बेअसर करके समय से एजिंग, हाइपरपिग्मेंटेशन और अन्य त्वचा संबंधी समस्याएं को कम करते है।
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