इन दिनों चारकोल फेस मास्क सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहा है। ऐसे में लोग बड़ी तादाद में इसका प्रयोग कर रहे हैं। एक फिल्टर के तौर पर काम करने वाला ये फेस मास्क पोर्स में मौजूद ऑयल और गंदगी को बाहर निकालने में कारगर साबित होता है। इससे स्किन क्लीन और ग्लोई नज़र आने लगती है। एक्टिवेटिड चारकोल मास्क जहां स्किन को कई प्रकार से निखारता है, तो वहीं कई तरीके से स्किन को नुकसान पहुंचाने का भी काम करता है। ऑयली स्किन टैक्सचर के हिसाब से ये स्किन पर बार बार आने ववाले ऑयल से हमें राहत दिलाता है। मगर वे लोग जिनकी स्किन सेंसिटिव है। उनके चेहरे पर इससे रैशेज और इंचिंग की समस्या भी बढ़ सकती है। जानते हैं लोगों की पहली पंसद बन चुके चारकोल फेस मास्क (Charcoal facemask) के कुछ नुकसान।
चारकोल को एक्टिवेटिड कार्बन भी कहा जाता है। ये उस वक्त बनता है, जब लकड़ी का कोयला हाई हीट के संपर्क में आता है। इससे लकड़ी के कोयले में अंदर महीन और बेहद छोटे होल्स बनने लगते हैं। पाउडर की फॉर्म में मिलने वाला ये चारकोल तंदूर में इस्तेमाल होने वाले कोयले से पूरी तरह अलग है। इस पाउडर का प्रयोग फेस मास्क, साबुन और क्लींजर के अलावा इन दिनों टूथ पेस्ट में भी किया जाने लगता है। इसकी मदद से स्किन पर मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को आसानी से दूर किया जा सकता है।
चारकोल फेसमास्क जहां ऑयली स्किन (Oily skin) के लोगों के लिए फायदेमंद है, तो वहीं रूखी त्वचा के लिए नुकसानदायक भी है। दरअसल, चारकोल में एक प्रकार का एब्जॉर्बेट तत्व होता है। जो स्किन को हाइड्रेट करने की जगह उस पर मौजूद अतिरिक्त तेल को सोख लेता है। वे लोग जिनकी त्वचा ड्राई है। अगर वे नियमित तौर पर इसका प्रयोग करने लगते हैं, तो इससे स्किन पर सीबम की कमी महसूस होने लगती है। इससे हमारी असंतुलित होने लगती है।
अगर आपकी स्किन सेंसिटिव है, तो चारकोल फेसमास्क को अप्लाई करने से बचें। इसे स्किन पर लगाने से इचिंग (itching), रैशेज (rashes) और सूजन (inflammation) का खतरा बना रहता है। चेहरे पर लगाने से पहले इसे बाजूओं पर इस्तेमाल करना ज़रूरी है। इसके अलावा चारकोल फेसमास्क प्रयोग करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह ज़रूर लें।
उम्र के साथ हमारी स्किन पर उसका प्रभाव दिखने लगता है। चारकोल का प्रयोग करने से चेहरे पर मौजूद रोम छिद्र यानि पोर्स लार्ज होने लगते हैं। इससे त्वचा पर आसानी से एक्ने की समस्या बड़ने लगती है। पोर्स में ऑयल और डस्ट जमा होने से एक्ने का रूप ले लेते हैं। ऐसे में चारकोल फेसमास्क के प्रयोग से पहले कुछ खास बातों का ख्याल रखें। अपनी स्किन टाइप और टैक्सचर को समझना ज़रूरी है। साथ ही उम्र के हिसाब से ब्यूटी प्रोडक्टस का प्रयोग करना बहुत ज़रूरी है।
फेस मास्क चेहरे पर मौजूद डर्ट और डेड स्किन को दूर करने में सहायक होता है। अगर आप लंबे वक्त तक इसे चेहरे पर लगाए रखते हैं, तो चारकोल पील ऑफ फेस मास्क (Charcoal peel off facemask) को उतारना कई बार पेनफुल हो सकता है। ऐसे में इसे 10 मिनट से ज्यादा चेहरे पर न रखें अन्यथा ये स्किन की लेयर्स को चुकसान पहुंचा सकता है।
पैच टैस्ट करके अवश्य देखें। इसे आप एल्बो और बाजू पर लगाकर देख सकते हैं।
देर तक पील ऑफ फेस मास्क को लगाए रखने से बचें। इसके चलते उतारने के बाद चेहरे पर रेडनेस की समस्या हो सकती है।
स्किन टाइप के हिसाब से ही इस फेसमास्क का चुनाव करें।
लगातार इसका प्रयोग करने से बचें अन्यथा त्वचा में रूखापन बढ़ने लगता है।
चेहरे को पानी से साफ कर लें। उसके बाद ब्रश की मदद से इसे पूरे चेहरे पर लगाएं।
मास्क को नाक सहित पूरे चेहरे पर लगा लें। पर ध्यान रहे कि होंठ और आंखें इससे बची रहें।
इसके बाद 10 मिनट तक सूखने दें और फिर इसे उतार दें।
उसके बाद चेहरे को पानी से धोकर मुलायम कपड़े से पोंछें।
स्किन को किसी प्रकार के रैशेज से बचाने के लिए माइश्चराइज़र का प्रयोग करें।
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