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हेयर कलर करने वाली हैं, बाल खराब न हों इसके लिए रखें इन 3 बातों का ध्यान

ढेर सारे केमिकल से भरे कलर जब आपके बालों पर लगते हैं, तो वे उनका शेड तो बदल देते हैं। पर बदले में उन्हें रूखा और बेजान बना देते हैं। इससे बचने के लिए आपको सेफ्टी टिप्स का पता होना चाहिए।
बालों में रंग पिगमेंट मेलेनिन से आता है, जो हेयर फॉलिकल में कोशिकाओं द्वारा बनाया जाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 2 Feb 2023, 11:00 am IST
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आजकल बालों में कलर करने का खूब ट्रेंड है। जिनके बाल सफेद नहीं हैं, वे भी अलग-अलग शेड्स से अपने बालों का नया लुक देना चाहते हैं। इसके लिए बाजार में कई तरह के प्रोडक्ट उपलब्ध हैं। पर इनमें बहुत ज्यादा केमिकल होते हैं। जिससे कई बार आपके बाल खराब हो जाते हैं। कुछ हेयर कलर इतने हार्श होते हैं कि आपकी स्कैल्प को नुकसान पहुंचाते हैं। जिसकी वजह से बाल जड़ों से कमजोर हो जाते है और झड़ने लगते है। आप इन सब समस्याओं से बचना चाहती हैं, तो हेयर कलर करते समय कुछ बातों का ध्यान रखें।

समझिए अपने बालों का स्ट्रक्चर

पॉयजम कंट्रोल के अनुसार बालों के दो मुख्य भाग होते हैं – हेयर फॉलिकल और हेयर शाफ्ट। हेयर फॉलिकल बालों की जड़ में होते हैं और बालों को स्कैल्प से जोड़ते हैं। हेयर शाफ्ट फॉलिकल से बाहर निकल जाता है। हेयर फॉलिकल में जीवित कोशिकाएं होती हैं, लेकिन हेयर शाफ्ट में यह नहीं होती हैं। बालों में रंग पिगमेंट मेलेनिन से आता है, जो हेयर फॉलिकल में कोशिकाओं द्वारा बनाया जाता है। जब इस मेलेनिन का उत्पादन कम या बंद हो जाता है तो बाल सफेद होने लगते हैं।

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हेयर कलर या हेयर डाई आपके हेयर के प्राकृतिक रंग को हटाता है और बालों में नया रंग जोड़ता है। कलर दो तरह के होते है प्राकृतिक और सिंथेटिक, प्राकृतिक रंगों में मेहंदी को रखा जाता है और सिंथेटिक रंगों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, स्थायी, अर्ध स्थायी और अस्थायी।

अस्थायी रंग केवल हेयर शाफ्ट की बाहरी परत पर ही रहते है और एक शैंपू के बाद उन्हें आसानी से निकाला जा सकता है।

अर्धस्थयी रंग हालांकि हेयर शाफ्ट की गहराई में जाते है और 4 से 12 बार शैंपू करने के बाद ये आसानी से निकल जाते है।

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हेयर डैमेज का कारण बन सकते हैं ये कलर

स्थायी रंगों बालों की काफी गहराई में चले जाते है क्योंकि इसमें केमिकल की मात्रा बहुत अधिक होती है जिसकी वजह से बालों में प्राकृतिक मेलेनिन को क्षति पहुंचती है। ये कलर मॉलिक्यूल्स बनाते है जो हेयर सॉफ्ट के अंदर फंस जाते है। ये रासायनिक बदलाव बालों को नुकसान पहुंचाता है।

अर्ध स्थायी रंग में भी काफी केमिकल मौजूद होते है और हेयर शाफ्ट को मेलेनिन (जिसकी वजह से बालों को प्राकृतिक रंग मिला है) को हटा देता है। लेकिन अर्ध स्थायी रंग बहुत ज्यादा स्ट्रोंग नहीं होते है और बालों को कम नुकसान पहुंचाते है।

स्थायी रंगों बालों की काफी गहराई में चले जाते है क्योंकि इसमें केमिकल की मात्रा बहुत अधिक होती है। चित्र : शटरस्टॉक

बालों को सुरक्षित रखने के लिए हेयर कलर के दौरान रखें इन 3 बातों का ध्यान

1 स्कैल्प पर कलर लगाने से बचें

किसी भी तरह के केमिकल हेयर डाई को बालों में लगाने से पहले, अपने पूरे स्कैल्प पर पेट्रोलियम बेस लगाएं। इससे आपके स्कैल्प में केमिकल के अवशोषण का खतरा कम होगा। यदि डाई आपके स्कैल्प में अवशोषित हो जाते हैं और ब्लड में मिल जाते हैं, तो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। आपको इस बात का खास ख्याल रखना होगा की आपके स्कैल्प को डाई करने के बाद अच्छी तरह से धोया गया हो।

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2 मॉइस्चराइज

केमिकल कलर आपके बालों डल, ड्राई और रफ बना सकता है। इसलिए ये जरूरी है कि अपने बालों पर कलर करने से पहले नारियल का तेल या जैतून के तेल लगाएं, बालों मे कलर करने से पहले मॉइस्चराइजिंग कंडीशनर और सप्ताह में एक या दो बार बालों को अच्छे से मॉइस्चराइज करें।

3 एलर्जी टेस्ट या पैच टेस्ट करें

यदि आप पहली बार किसी केमिकल हेयर डाई का इस्तेमाल अपने बालों के लिए कर रहे हैं, तो हमेशा सबसे पहले बालों के एक छोटे से हिस्से पर लगाकर इसका टेस्ट करें। अगर ये आपको किसी भी तरह की समस्या दे रहा है जैसे खुजली, जलन या सांस लेने में समस्या तो आप हेयर डाई का इस्तेमाल न करें। अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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