हरियाली तीज को महिलाएं बेहद धूमधाम से मनाती हैं। पति की लंबी उम्र के लिए इस दिन व्रत और पूजा की जाती है। वहीं हरियाली तीज पर हाथों पर मेहंदी रचाना बेहद शुभ माना जाता है (henna on Teej)। हालांकि, मेहंदी केवल शृंगार में चार चांद नहीं लगाती, बल्कि इसमें कई चिकित्सीय गुण भी पाए जाते हैं, जो इसे अधिक खास बना देते हैं।
आजकल ज्यादातर महिलाएं बाजार में मिलने वाले मेहंदी के कोन का इस्तेमाल करती हैं। इन्हें बनाने में कई प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है जो हाथों पर साइड इफेक्ट भी छोड़ सकते हैं। ऐसे में अपनी संवेदनशील त्वचा का ध्यान रखते हुए ही मेहंदी का चयन करें। यदि आपकी त्वचा संवेदनशील है तो आप मार्केट में मिलने वाली मेहंदी के बजाय घर पर मेहंदी का कोन तैयार कर सकती हैं।
हरियाली तीज के अवसर पर आज हेल्थ शॉट्स सभी महिलाओं के लिए मेहंदी लगाने से संबंधी कुछ जरूरी टिप्स और ट्रिक्स लेकर आया है। मेहंदी लगाने से पहले और लगाने के बाद किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है। साथ ही जानेंगे मेहंदी के गहरे रंग के लिए और इन्फेक्शन से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
यदि आप केमिकल फ्री नेचुरल मेहंदी अप्लाई कर रही हैं, तो यह आपके हाथों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। मेहंदी में प्राकृतिक कूलिंग प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो आपके बॉडी हीट को अवशोषित कर लेती है। शरीर का एक संतुलन तापमान पाचन स्वास्थ्य से लेकर समग्र सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है।
मेहंदी में एंटीसेप्टिक और हीलिंग प्रॉपर्टी पाई जाती है। इसे अप्लाई करने से ब्लड सर्कुलेशन इंप्रूव होता है। इसके अलावा मेहंदी में एंटी इन्फ्लेमेटरी एजेंट पाए जाते हैं, जो अर्थराइटिस यानी की गठिया के दर्द से राहत पाने में प्रभावी रूप से मददगार होते हैं। इतना ही नहीं इसका इस्तेमाल नाखूनों की सेहत को भी बनाये रखता है।
मेहंदी के पत्तों में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रॉपर्टी पाई जाती है। इसे त्वचा पर अप्लाई करने से संक्रमण आदि का खतरा कम हो जाता है, साथ ही यह विभिन्न प्रकार के इन्फेक्शन में भी कारगर होती है।
यदि आप मार्केट से हिना पाउडर या हिना कोन खरीद रही हैं तो सबसे पहले इसमें मौजूद इंग्रेडिएंट्स को अच्छी तरह पढ़े और देखें कि कहीं इनमें कुछ ऐसा तो नहीं जिससे आपको एलर्जी या इंफेक्शन है। कई बार हम बिना सोचे समझे अपने हाथों पर मेहंदी अप्लाई कर लेते हैं और बाद में हमें इन्फेक्शन और इचिंग का सामना करना पड़ता है। इसलिए सामग्री की जांच करना बेहद महत्वपूर्ण है।
यदि आपके आसपास कहीं मेहंदी का पेड़ उपलब्ध है, तो प्राकृतिक मेहंदी को प्रथम प्राथमिकता दें। बाजार में मिलने वाले मेहंदी को बनाने में केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं जब आप घर पर प्राकृतिक मेहंदी की पत्तियों को अपने हाथों से पीसकर तैयार करती हैं, तो यह पूरी तरह से टॉक्सिन फ्री होती है और इससे आपके हाथों पर प्राकृतिक रंग उभरकर नजर आता है।
प्राकृतिक मेहंदी में कई चिकित्सीय गुण पाए जाते हैं, जो आपके हाथों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इसमें कूलिंग प्रॉपर्टी पाई जाती है, जब आप इसे अपनी हथेलियों पर अप्लाई करती हैं तो यह आपके शरीर को भी ठंडक प्रदान करता है।
हाथों पर मेहंदी अप्लाई करने से पहले अपनी हथेलियों को अच्छी तरह साफ करें। यदि आप अपने हाथ के पीछे के हिस्से पर मेहंदी अप्लाई करने जा रही हैं, तो इसे एक्सफोलिएट भी कर सकती हैं। ऐसा करने से आपके मेहंदी का रंग अधिक गहरा चढ़ता है।
बाजार से खरीदी गई मेहंदी हो या घर पर प्राकृतिक रूप से पीसकर बनाई गई मेहंदी किसी को भी सीधा अपने हाथों पर अप्लाई करने से बचना चाहिए। कई लोगों की त्वचा पर मेहंदी सूट नहीं करती और इससे उनकी त्वचा पर एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। इसलिए अपने हाथ के किसी हिस्से पर थोड़ी सी मेहंदी लगाकर छोड़ दें, फिर इसे साफ करें और कुछ घंटे इंतजार करें।
यदि आपको किसी प्रकार की इचिंग या एलर्जी नहीं होती है, तो आप इसे अपने हाथों पर अप्लाई कर सकती हैं। परेशानी से बचना चाहती हैं, तो पैच टेस्ट को कभी भी इग्नोर न करें।
मेहंदी अप्लाई करने के कुछ घंटे पहले अपने हाथों पर मॉइश्चराइजर अप्लाई करने से आपके मेहंदी की रंगत निखर कर नहीं आ पाती। मॉइश्चराइजर आपकी मेहंदी और हाथ के बीच बैरियर का काम करता है, जो मेहंदी के असली रंगत को हाथों में अवशोषित होने से रोकता है। हमेशा मेहंदी उतारने के बाद ही मॉइस्चराइजर रिप्लाई करें न कि मेहंदी लगाने के पहले।
यह भी पढ़ें : कलर और शाइन के साथ बालों को पोषण भी देती हैं ये 3 प्राकृतिक सामग्री, जानें DIY हेयर कलर बनाने का तरीका