हेयर प्रोब्लम्स बढ़ने के साथ ही हेयर केयर प्रोडक्ट्स की भी बाजार में बाढ़ आ गई है। हम सभी अलग-अलग प्रकार के शैम्पू कंडीशनर के साथ ही स्कैल्प स्क्रब, हेयर मास्क, हेयर सीरम आदि का भी इस्तेमाल करते हैं। पर क्या आपको मालूम है कि इन्हें बनाने में इस्तेमाल होने वाले कुछ इंग्रीडिएंट्स आपके बालों और स्कैल्प के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। यह सभी सामग्री जितना आपके बालों के लिए फायदेमंद हो सकती हैं उनसे कहीं ज्यादा हानिकारक होती हैं। यह बालों को टेम्पररी बेसिस पर बाहर से मुलायम और शाइनी तो बना देते हैं परंतु लांग टर्म में आपके बालों को बेजान, रुखा और ड्राई कर देते हैं।
इन परेशानियों से बचने के लिए किसी भी हेयर केयर प्रोडक्ट को खरीदने से पहले उसकी बोतल के पीछे लिखे इंग्रीडिएंट्स के कॉलम को जरूर पढ़ें। यदि बताये गए इन 7 में से उनमें कोई भी इंग्रीडिएंट नजर आते हैं, तो उस प्रोडक्ट को भूलकर भी न खरीदें। तो चलिए जानते हैं वे कौन से इंग्रीडिएंट हैं (bad ingredients in hair care products)।
सिलिकोन क्रिस्टल क्वार्ट्ज से प्राप्त पॉलिमर हैं यह हेयर केयर प्रोडक्ट्स जैसे की कंडीशन, शैंपू और फिजी हेयर को चिकना करने वाले प्रोडक्ट्स में इसका उपयोग किया जाता है। सिलिकॉन बालों को तुरंत चमकदार और मुलायम एहसास देता है।
पब मेड सेंट्रल की मानें तो यह उत्पाद आपके बालों को कंडीशनिंग का आभास देता है, जबकि वास्तव में, यह आपके बालों को केवल बाहर से मुलायम बनता है, यह बालों के अंदर प्रवेश नहीं कर पाता और उसे वास्तविक नमी प्रदान नहीं करता। इससे भी बदतर, क्योंकि सिलिकॉन पानी में अघुलनशील है, आपको उत्पाद को धोने के लिए सल्फेट-आधारित शैम्पू की आवश्यकता होगी और जैसा कि आपको मालूम होगा, सल्फेट एक ऐसा कंपाउंड है जिससे हमे बचने की सलाह दी जाती है।
पैराबींस अक्सर शैंपू में संरक्षक के रूप में काम करते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया और फंगस के विकास को रोकते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि पैराबींस एस्ट्रोजन उत्पादन में हस्तक्षेप करते हैं। यह भी माना जाता है कि यह घटक कैंसर का कारण बन सकता है, हालांकि इस बात की पुष्टि के लिए अभी कुछ और शोधों की आवश्यकता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार सल्फेट अपने काम में इतने प्रभावी होते हैं कि वे इम्प्योरिटीज को रिमूव करते हुए प्राकृतिक रूप से उत्पादित सीबम को भी हटा देते हैं। बालों को मॉइस्चराइज़ करने के लिए सीबम बेहद आवश्यक होता है। सल्फेट आमतौर पर हेयर केयर प्रोडक्ट्स में पाया जाता है, क्योंकि यह मुख्य रूप से फोमिंग एजेंट होता है। यह रफ और ड्राई बालों के लिए विशेष रूप से अस्वास्थ्यकर है और इससे पूरी तरह बचना चाहिए।
अमोनियम लॉरिल सल्फेट, सोडियम लॉरथ सल्फेट और सोडियम लॉरिल सल्फेट सहित सभी प्रकार के सल्फेट युक्त हेयर केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से बचें।
अपने स्मूथिंग गुणों के लिए मिनरल ऑयल एक डिटैंगलर या हेयर कंडीशनर के रूप में अच्छा काम करता है। लेकिन मिनरल ऑयल में पीएएच (पॉलीएरोमैटिक हाइड्रोकार्बन) का स्तर अधिक होता है, जो संभावित रूप से इसे नॉनमेलेनोमा त्वचा कैंसर से जोड़ता है। इसकी थोड़ी मात्रा भी बालों की कोशिकाओं के लिए हानिकारक हो सकती हैं। खासकर यह स्कैल्प को भी नुक्सान पहुंचाता है।
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पब मेड सेंट्रल के अनुसार बालों की देखभाल में उपयोग की जाने वाली अल्कोहल आपके बालों को अत्यधिक ड्राई बना सकती है। प्रोपेनॉल और आइसोप्रोपिल अल्कोहल से दूर रहें। अल्कोहल का उपयोग शैंपू को गाढ़ा करने वाले एजेंट के रूप में किया जाता है। कभी-कभी, पाम ऑयल या कोकोनट ऑयल से प्राप्त होने पर इन्हें इमोलिएंट के रूप में भी उपयोग किया जाता है। अल्कोहल हेयर फॉल का कारण बन सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंबालों की देखभाल करने वाले ब्रांड इतने स्मार्ट हैं कि वे सटीक सामग्री का खुलासा नहीं करते हैं और उन सभी को एक ही श्रेणी में रखते हैं। हेयर केयर प्रोडक्ट्स से आने वाली खुशबु विभिन्न प्रकार के जहरीले केमिकल्स के मिश्रण से बनाई जाती हैं।
यह स्पष्ट है की आपके शैंपू और कंडीशनर में प्राकृतिक फूल और फल नहीं होते। सिंथेटिक स्मेल से कैंसर, प्रजनन संबंधी समस्याएं या अस्थमा का दौरा पड़ सकता है। कुछ सुगंध ब्रेन को प्रभावित कर सकती हैं और बालों के झड़ने का कारण बन सकती है।
कई ऐसे हेयर केयर प्रोडक्ट्स हैं जो अलग अलग रंगके के होते हैं और इनमें आर्टिफीसियल कलर का इस्तेमाल किया जाता है। बालों की देखभाल करने वाले उत्पादों के सिंथेटिक रंग बनाने में जिस तरह की सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है, वह आपके बाल एवं स्कैल्प के लिए बिल्कुल भी हेल्दी नहीं होते हैं।
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