सूरज की हानिकारक किरणों का प्रभाव बेहद नकारात्मक हो सकता है। खासकर यह त्वचा को अधिक और बेहद जल्दी प्रभावित करता है, क्योंकि त्वचा सीधे इसके संपर्क में आती है। स्किन पिगमेंटेशन (pigmentation), सनबर्न (sunburn), डार्क स्पॉट (dark spot) के साथ-साथ सनलाइट स्किन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का कारण बन सकती है। इसलिए हम सभी को सन प्रोटेक्शन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है, अपने स्किन पर सनस्क्रीन अप्लाई करना। सूरज के संपर्क में जाने से पहले त्वचा पर सनस्क्रीन अप्लाई करने से आपकी स्किन कई खतरनाक समस्याओं से बच जाती है।
हालांकि, आजकल मार्केट में कई तरह के सनस्क्रीन उपलब्ध हैं। आप अपनी स्किन टाइप और सुविधा अनुसार सनस्क्रीन चूज कर सकती हैं। इतना ही नहीं सनस्क्रीन चूज करने से पहले मौसम का ध्यान रखना भी जरूरी है। बारिश का मौसम शुरू हो चुका है और इस मौसम वातावरण में ह्यूमिडिटी (humidity) बढ़ जाती है, इसे मध्य नजर रखते हुए ही आपको अपनी सनस्क्रीन का चयन करना चाहिए। तो चलिए जानते हैं, अलग-अलग प्रकार के सनस्क्रीन के बारे में, साथ ही जानेंगे कौन सा सनस्क्रीन मानसून (how to choose right sunscreen in monsoon) में अधिक प्रभावी साबित हो सकता है (best sunscreen for monsoon)।
केमिकल सनस्क्रीन त्वचा में अवशोषित हो जाती है और फिर UV किरणों को अवशोषित करती है। यह सन रेज को हिट में परिवर्तित कर देती है, और उन्हें शरीर से बाहर निकालती है। केमिकल सनस्क्रीन में एवोबेनज़ोन, ऑक्टिनॉक्सेट और ऑक्सीबेनज़ोन जैसे एक्टिव इनग्रेडिएंट शामिल होते हैं।
फिजिकल सनब्लॉक त्वचा के ऊपर होती है और सूर्य की किरणों को रिफ्लेक्ट करती है। मिनरल्स टाइटेनियम डाइऑक्साइड और जिंक ऑक्साइड फिजिकल सनब्लॉक में मुख्य सक्रिय तत्व होती हैं।
रेगुलर सनस्क्रीन का टेक्सचर क्रीमी होता है, और ये ऑयल, वॉटर और जेल बेस्ड हो सकती हैं। ये सनस्क्रीन सबसे पुरानी है, और इसका इस्तेमाल सालों से होता चला रहा है। इन सनस्क्रीन में एसएफ के साथ-साथ अन्य हेल्दी इंग्रेडिएंट्स भी होते हैं, जैसे हर्ब्स, फ्रूट्स आदि। आप इसे अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार चूज कर सकती हैं।
सनस्क्रीन स्टिक अन्य प्रकार के सनस्क्रीन की तुलना में कई लाभ प्रदान करते हैं। इन्हे लगाना बेहद आसान है, ये मेसी नहीं होते, इतना ही नहीं इन्हें अपने साथ कैरी करना भी बेहद आसान होता है। यदि आप लंबे समय तक सूरज की किरणों के संपर्क में रहने वाली हैं, तो इसे जरूर कैरी करें।
यह भी पढ़ें: Monsoon Skincare : बरसात के मौसम में त्वचा के लिए बढ़ जाता है इन 7 समस्याओं का खतरा, जानें बचाव के तरीके
इस स्टिक को आप हर 2 घंटे के अंतराल पर अपने चेहरे पर आराम से घुमा सकती हैं। यह खासकर ऑइली स्किन वाले लोगों के लिए अधिक प्रभावी साबित हो सकता है, क्योंकि आम तौर पर ये ऑयल फ्री और नॉन-कॉमेडोजेनिक होते हैं। जिसका अर्थ है, कि ये स्किन पोर्स को बंद नहीं करते और ब्रेकआउट एक्ने का कारण नहीं बनते।
पाउडर सनस्क्रीन एक प्रकार का मिनरल सनस्क्रीन है, जो बारीक पीसे हुए पाउडर के रूप में आता है। इस सनस्क्रीन को ब्रश या पफ का उपयोग करके लगाया जा सकता है। वे विशेष रूप से त्वचा की सतह पर बैठने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, ताकि एक फिजिकल प्रोटेक्शन प्रदान किया जा सके।
असल में पाउडर सनस्क्रीन हानिकारक UV किरणों को परावर्तित करता है और उन्हें रिफ्लेक्ट करता है। इस प्रकार के सनस्क्रीन को आप दिन में बार-बार आसानी से अप्लाई कर सकती हैं, ये त्वचा को चिपचिपा नहीं बनाते।
आसमान में छाए हुए बादल सूरज को छुपा सकते हैं, परंतु इसके हानिकारक uv रेज के प्रभाव को कम नहीं कर सकते। आमतौर पर लोग बरसात के मौसम में सनस्क्रीन अप्लाई करना बंद कर देते हैं, यह उनकी सबसे बड़ी गलती साबित हो सकती है।
बरसात के मौसम में भी बादलों से लगभग 80% यूवी रेडिएशन पास होता है, इसलिए घर से बाहर निकालने के पहले सनस्क्रीन जरूर अप्लाई करें। वहीं बरसात में यह एक बड़ी समस्या आती है, कि कई बार लोग भीग जाते हैं, जिसकी वजह से चेहरे को साफ कर पर सनस्क्रीन निकल जाती है। इसलिए अपने साथ सनस्क्रीन जरूर कैरी करें।
यदि आपकी त्वचा ऑयली है, तो बरसात में ह्यूमिडिटी के बढ़ने से त्वचा से अधिक तेल निकल सकता है। ऐसे में ऑयल फ्री और नॉन कोमेडोजेनिक सनस्क्रीन चुने। आपके लिए बेस्ट है, स्टिक और पाउडर सनस्क्रीन। क्योंकि इनमें ऑयल नहीं होता है, इसके अलावा आप चाहे तो जेल बेस्ट या वॉटर बेस्ड रेगुलर सनस्क्रीन भी अप्लाई कर सकती हैं।
इसके अलावा कम से कम 30 एसएफ युक्त ब्रांड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन जरूर अप्लाई करें। आप चाहे तो 50 या उससे अधिक spf युक्त सनस्क्रीन भी अप्लाई कर सकती हैं। लेकिन 30 से कम spf युक्त सनस्क्रीन न लें।
बारिश के पानी में भीग गई हैं, या ह्यूमिडिटी के कारण अधिक पसीना आ रहा है और अपने चेहरे को बार-बार क्लीन करना पड़ रहा है, तो ऐसे में हर 2 घंटे पर सनस्क्रीन अप्लाई करें। इसके लिए आप स्टिक सनस्क्रीन को आसानी से अपनी त्वचा पर अप्लाई कर सकती हैं। यह नॉन स्टिकी होते हैं, साथ ही साथ स्किन को रिफ्रेशमेंट देते हैं।
यह भी पढ़ें: डॉर्क स्पॉट से बचाने में मदद कर सकते हैं ये 5 स्किन केयर टिप्स