सनस्क्रीन के इस्तेमाल से जुड़े 5 मिथ्स, जिन्हें आज ही से तोड़ना है जरूरी

आप घर में हों या घर से बाहर, सनस्क्रीन आपको जरूरी प्रोटेक्शन प्रदान करती है। पर क्या आप भी सनस्क्रीन से जुड़े इन मिथ्स पर भरोसा करती हैं?
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सनस्क्रीन का इस्तेमाल स्किन को सुरक्षित रखता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
मोनिका अग्रवाल Published: 2 Aug 2021, 18:30 pm IST
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सनस्क्रीन की खूबियों के बारे में आपने कई जगह पढ़ा होगा। त्वचा की देखभाल के लिए सनस्क्रीन कितना जरूरी है ये बात वही समझ सकते हैं, जो नियमित रूप से इसका इस्तेमाल करते हैं। सनस्क्रीन हमारी स्किन को खराब होने से बचाती है। अगर आप भी उनमें से एक हैं, जिनके जीवन में सनस्क्रीन एक महत्वपूर्ण हिस्सा है तो आप भी इससे जुड़ी गलतफहमी से रूबरू होंगी। 

हालांकि सनस्क्रीन से जुड़ी कई तरह की बातें ऐसी हैं जिनके बारे में ये अंदाजा लगाना मुश्किल होता है वो बातें सही हैं भी या नहीं।

आप भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल करती हैं तो आपको इससे जुड़ी बुनियादी बातों से अवगत होना बेहद जरूरी है। तो चलिए आज इस खास लेख के जरिये सनस्क्रीन से जुड़ी ऐसी बातों के बारे में जानते है, जिन्हें लेकर आपको गलतफहमी है। 

आइए तोड़ते हैं सनस्क्रीन से जुड़े कुछ मिथ्स 

1 जितना SPF, उतना बेहतर 

ज्यादातर महिलाएं ये सोचती हैं, कि उनकी सनस्क्रीन में जितना ज्यादा SPF होगा, उनकी सनस्क्रीन उतनी ही ज्यादा बेहतर होगी। शोध के मुताबिक सूर्य की नमी सनस्क्रीन के यौगिक गुणों को खत्म करने लगती है। 

सनस्क्रीन में एसपीएफ महत्वपूर्ण मार्किंग है। चित्र: शटरस्टाॅक
सनस्क्रीन में एसपीएफ महत्वपूर्ण मार्किंग है। चित्र: शटरस्टाॅक

इसलिए सनस्क्रीन का SPF लेवल कितना है, इस बात की परवाह किये बिना आप सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर सकती हैं। आप बेहतर परिणाम के लिए हर दो घंटे में सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर सकती हैं।

2 विटामिन डी का स्तर होता है प्रभावित

सनशाइन के नाम से भी विटामिन डी को जाना जाता है। जो हड्डियों की हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद है। इससे सनबर्न होने की समस्या कम हो जाती है। कुछ लोग UVB को रोकने के लिए काफी मात्रा में सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने लगते हैं। 

हालांकि विटामिन डी के लिए सनस्क्रीन का प्रभाव बिलकुल भी महत्वपूर्ण नहीं होता। अगर आपके मन में भी इसी बात को लेकर डर है, तो आप सालमन, ओट्स, दूध, संतरे का रस जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें। जिससे आपकी स्किन में विटामिन डी का लेवल भी बढ़ेगा।

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3 कार की विंडो सूर्य से बचा सकती है

आमतौर पर कार की विंडो पर लगा ग्लास लैमिनेट होता है। जिससे UVB  और UVA रूकती हैं। शोध के मुताबिक वाहन चलाते समय चेहरे और आपके शरीर के बायीं ओर सूरज के सम्पर्क में आने से स्किन कैंसर होने की सम्भावना ज्यादा रहती है। अगर आप ज्यादा समय के लिए कार में रहते हैं तो फुल बाजू के कपड़े पहनें। साथ ही सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरुर करें।

4 घर पर बनाया जा सकता है सनस्क्रीन

हालांकि घरेलू सामग्रियों से कई तरह के सनस्क्रीन तैयार किये जा सकते हैं। सनस्क्रीन बनाने के लिए कई तरह की सामग्री ऐसी होती है, जो आसानी से नहीं मिलती। आपके लिए सही सलाह यही होगी कि आप घर पर सनस्क्रीन ना बनाएं। 

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घर पर सनस्क्रीन ना बनाएं।चित्र-शटरस्‍टॉक
घर पर सनस्क्रीन ना बनाएं।चित्र-शटरस्‍टॉक

आप ऐसे सनस्क्रीन का चयन करें, जो स्किन में अच्छे से समा जाए और जलन न पैदा करे। आप जब भी सनस्क्रीन का चयन करें, तो एक बार किसी जानकार से जरुर सलाह लें।

5 वाटरप्रूफ है सनस्क्रीन

सनस्क्रीन वाटरप्रूफ है या यूं कहें तो पसीने का भी इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा, तो ये आपकी सबसे बड़ी गलतफहमी है। शोध के मुताबिक कोई भी सनस्क्रीन पूरी तरह से वाटरप्रूफ हो ही नहीं सकती। 

अगर आप किसी वजह से भीग गयी हैं तो आपको दोबारा सनस्क्रीन लगानी चाहिए। क्योंकि स्किन में समाने के लिए सनस्क्रीन को कम से कम 15 से 20 मिनट का समय लगता है।

सनस्क्रीन से जुड़ी ये कुछ ऐसी गलतफहमी हैं जो आम तौर पर हम में से किसी को भी हो सकती हैं। उम्मीद है हमारा ये लेख पढ़ने के बाद कुछ हद तक आपकी भी सनस्क्रीन से जुड़ी गलतफहमियां दूर हुई होंगी।

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लेखक के बारे में

स्वतंत्र लेखिका-पत्रकार मोनिका अग्रवाल ब्यूटी, फिटनेस और स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर लगातार काम कर रहीं हैं। अपने खाली समय में बैडमिंटन खेलना और साहित्य पढ़ना पसंद करती हैं। ...और पढ़ें

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