एक्ने, पिम्पल, ब्रेकआउट की समस्या से लगभग सभी महिलाएं बेहद परेशान हो चुकी हैं। खासकर जब हम ट्रैवल कर रहे होते हैं तो त्वचा कई सारी परेशानियों से गुजरती है। वहीं इस दौरान त्वचा के प्रभावित होने का खतरा भी बढ़ जाता है। धूल, गंदगी, बदलता पानी, खान पान में बदलाव होने के साथ ही ट्रेवलिंग में त्वचा को उचित देखभाल नहीं मिल पाता, जिसकी वजह से त्वचा नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है।
आपमें से सभी ने अनुभव किया होगा की जब भी कभी लंबे समय के लिए ट्रैवलिंग पर जाती हैं तो त्वचा पर एक्ने निकलना शुरू हो जाते हैं। वहीं यदि आपकी त्वचा पर पहले से एक्ने और पिम्पल है तो ट्रैवलिंग के दौरान इसकी स्थिति काफी खराब हो जाती है और यह काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
आखिर इसके पीछे क्या कारण है? ऐसा क्यों होता है? मन में ऐसे सवाल आना पूरी तरह से सामान्य है। हर किसी को खूबसूरत, बेदाग और निखरी त्वचा पसंद होती है। तो चलिए आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानते हैं आखिर ट्रैवलिंग के दौरान क्यों बढ़ जाता है एक्ने और पिम्पल्स का खतरा (skin issues during traveling)।
ट्रैवलिंग के दौरान एक्ने ब्रेकआउट होने का सबसे सामान्य कारण डिहाइड्रेशन हो सकता है। अब जब आपके सोने, जागने और खाने का समय बदल गया है तो ऐसे में आपके शरीर में डिहाइड्रेशन की संभावना भी बढ़ जाती है। अपने शरीर और त्वचा को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड और स्वस्थ रखने के लिए पानी की बोतल कैरी करें और पर्याप्त मतीरा में पानी पियें।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिने से त्वचा पूरी तरह से हाइड्रेटेड रहती है, जिससे एक्ने और ब्रेकआउट का खतरा नहीं होता। वहीं यदि आपको पहले से एक्ने है तो आपकी त्वचा के लिए हाइड्रेशन अनिवार्य है क्युकी डिहाइड्रेटेड त्वचा अधिक तेल का उत्पादन करती है।
ऐसा नहीं है की आप अपनी पूरी स्किनकेयर किट को ट्रैवलिंग में कैरी नहीं कर सकती हैं। स्किन केयर में ब्रेक आने की वजह से त्वचा के प्रभावित होने का खतरा बढ़ जाता है। सनस्क्रीन और टोनर जैसे अन्य आवश्यक स्किन केयर प्रोडक्ट्स को जरूर कैरी करें।
त्वचा की देखभाल के लिए आवश्यक सामान साथ रखें और सुनिश्चित करें कि आप अपनी त्वचा को स्वस्थ रखने और मुंहासों को दूर रखने के लिए, यहां तक कि छुट्टी के दिन भी अपनी त्वचा की देखभाल की नियमित दिनचर्या का पालन कर रही हों।
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कस्टमाइज़ करेंआमतौर पर हमारी त्वचा एक निश्चित जलवायु और आहार की आदी होती है, लेकिन जैसे ही इनमें बदलाव आता है, इसका असर आपकी त्वचा पर दिखाई देना शुरू हो जाता है। इस स्थिति में त्वचा से अधिक तेल का उत्पादन होता है, और त्वचा शुष्क और परतदार हो जाती है।
इसके अलावा, यदि आप ऐरोप्लेन से यात्रा कर रही हैं, तो केबिन का दबाव अत्यधिक शुष्क हो सकता है, जिससे आपकी त्वचा तैलीय हो जाती है और एक्ने ब्रेकआउट का खतरा बढ़ जाता है। अपनी त्वचा से एक्सेस ऑयल को रिमूव करने के लिए अपने साथ एक मॉइस्चराइज़र और ब्लॉटिंग पेपर जरूर रखें।
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यात्रा काफी तनावपूर्ण होती है, यह केवल मानसिक तनाव को संदर्भित नहीं कर रहा यात्रा के दौरान शारीरिक रूप से भी काफी थकान हो जाती है। फ्लाइट, ट्रेन, बस पकड़ने से लेकर स्ट्रिक्ट प्लानिंग फॉलो करने तक, वहीं आपको हर जगह अलग अलग लोगों को डील करना पड़ सकता है। इसके अलावा कई बार ट्रैवलिंग के दौरान नींद भी पूरी नहीं हो पाती है जिसकी वजह से त्वचा के प्रभावित होने का खतरा बढ़ जाता है।
जब हम तनावग्रस्त होते हैं, तो हमारा शरीर स्ट्रेस हार्मोन “कोर्टिसोल” का उत्पादन करता है, यह हार्मोनल प्रतिक्रिया एक्ने, सोरायसिस और एक्जिमा को बढ़ा सकती हैं। स्ट्रेस हॉर्मोन्स के बढ़ने से पोर्स सिकुड़ जाते हैं साथ ही त्वचा में सूजन आ जाती है, और संक्रमण से लड़ने की त्वचा की क्षमता कम हो जाती है।
यदि आप सामान्य मौसम से अचानक से काफी ठंडे या गर्म वातावरण में जाति हैं तो त्वचा पर खुरदुरे पैच और ड्राई स्किन की समस्या हो सकती है। जो लोग एक्जिमा या सोरायसिस से पीड़ित हैं, उनके लिए फ्लेयर-अप पर ध्यान दें। यदि आप शुष्क जलवायु यानी की ड्राई क्लाइमेट से ह्यूमिड जलवायु में जा रही हैं, तो त्वचा पर अत्यधिक तेल और पसीने का उत्पादन होता है। जिसकी वजह से एक्ने ब्रेकआउट का सामना करना पड़ सकता है।
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