हम में से ज्यादातर लोग हेयर फॉल का सामना करते हैं। फिर चाहें वह कोई भी मौसम हो, बालों का झड़ना बंद नहीं होता। बालों का झड़ना, समय से पहले सफ़ेद होना और रुसी, ये ऐसी समस्याएं हैं जिन पर तुरंत ध्यान देना जरूरी हैं। इन सभी के पीछे एक बहुत बड़ा कारण तो हमारी जीवनशैली और उससे उत्पन्न समस्याएं हैं। जिनमें से एक है थायराइड का असंतुलित होना। थायराइड हार्मोन में होने वाले बदलाव की वजह से जहां कुछ लोग वेट गेन करने लगते हैं, वहीं इसमें हेयर फॉल की समस्या भी बहुत आम है। पर आम चिंता न करें, क्योंकि आयुर्वेद में इसका समाधान भी है।
द जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म (The Journal of Clinical Endocrinology & Metabolism) के मुताबिक, थायराइड ग्रंथि द्वारा विकसित किए जाने वाले हार्मोन टी3 (triiodothyronine hormone) और टी4 (thyroxine hormone) हेयर ग्रोथ के लिए बेहद आवश्यक होते हैं।
असल में, बालों के पिगमेंट और हेयर फॉलिकल साइकिल जैसी कई बायोलॉजिकल प्रोसेस को कंट्रोल करने के लिए ट्राईआयोडोथायरोनिन और थायरोक्सिन दोनों ही हार्मोन जरूरी होते हैं और जब थायराइड ग्रंथि इन दोनों हार्मोन का अधिक या कम उत्पादन करना शुरू कर देती है, तो इसका सीधा प्रभाव हेयर फॉलिकल साइकिल पर होता है और बालों के झड़ने की परेशानी होने लगती है।
असल में आयुर्वेद एक सही जीवन शैली और खानपान की वकालत करता है। इसके बावजदू अगर आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो उसके लिए कुछ जड़ी-बूटियों का भी उल्लेख किया गया है। इसी तरह थायराइड असंतुलन के कारण होने वाले हेयर फॉल को रोकने के लिए भी यहां कुछ हर्ब्स मौजूद हैं। आइए जानते हैं उन हर्ब्स के बारे में विस्तार से।
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एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) पर प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, हाइपोथायराइड (थायराइड हार्मोन का विकास होना) के मरीजों के उपचार में अश्वगंधा का इस्तेमाल काफी फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। इसके साथ ही एलोपेशिया (बाल झड़ने से संबंधित समस्या) के ट्रीटमेंट में भी अश्वगंधा से तैयार हर्बल औषधि लाभकारी होती हैं। अश्वगंधा के उपयोग से बालों का विकास तो बढ़ता ही है साथ ही थायराइड की वजह से बालों का झड़ना भी काफी हद तक कम हो जाता है।
बालों की समस्या से निजात पाने के लिए आयुर्वेद में वर्षों से ब्राह्मी का प्रयोग किया जाता रहा है। ब्राह्मी टी 4 हार्मोन के विकास को बढ़ावा देने के साथ थायराइड ग्रंथि के कार्यों को सुचारु रूप से करने के लिए उत्तेजित कर सकती है।
इसलिए इसका प्रयोग हाइपरथायरायडिज्म के उपचार के लिए लाभकारी माना जाता है। इसके अतिरिक्त, हेयर फॉल को रोकने के साथ ही यह हेयर ग्रोथ को भी बढ़ावा देती है। इसलिए थायराइड में होने वाले हेयर फॉल के लिए ब्राह्मी का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है।
थायराइड के कारण होने वाले हेयर फॉल में गुग्गुल का उपयोग कुछ हद तक निजात दिला सकता है। दरअसल, गुग्गुल में गुग्गुलस्टरोन नामक तत्व शामिल होता है, जो थायराइड ग्रंथि की कार्यप्रणाली में सुधार करने का कार्य करता है।
इसके अतिरिक्त, थायराइड की सूजन को कम करने में इसका एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सहायता कर सकता है। थायराइड में हेयर टेक्स्टर पर असर होता है जिससे एलोपेशिया का खतरा अधिक हो जाता है। ऐसे में गुग्गुल का इस्तेमाल इस समस्या से राहत दिलाने में सहायता कर सकता है।
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