जानिए क्यों वर्क फ्रॉम होम करते हुए भी आपके लिए जरुरी है सनस्क्रीन का इस्तेमाल
सूरज से निकलने वाली यूवी रेज हमारी त्वचा के लिए हानिकारक होती है। इस बारे में हम सभी बहुत अच्छी तरह जानते हैं। इसलिए बाहर निकलने से पहले चेहरे, हाथों और शरीर के खुले हिस्सों पर सनस्क्रीन लगाना नहीं भूलते। पर क्या आपने यह महसूस किया है कि घर में रहने के दौरान भी ये मौसम आपकी त्वचा पर टैनिंग लेकर आया है? अगर हां, तो यकीनन इनडोर रहते हुए भी आपको सनस्क्रीन लगाने की जरूरत है। आइए जानते हैं क्यों।
घर पर रहने के दौरान भी क्यों हो जाती है टैनिंग
अमेरिकन कैंसर सोसायटी (ACS) के अनुसार आमतौर पर कार, घर और कार्यालय की खिड़कियों में इस्तेमाल होने वाले कांच को यूवीबी किरणों को अवरुद्ध करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। इसके बावजूद ये सभी यूवीए किरणों से सुरक्षा प्रदान नहीं करता है। इसलिए भले ही आप घर के अंदर हों, अगर आप खिड़की के करीब हैं, तो भी आप यूवीए किरणों के संपर्क में आने से नहीं बच सकतीं।
सनस्क्रीन और मिथ्स
मारिया टेरेसा ओचोआ, एमडी, यूएससी त्वचाविज्ञान में एक त्वचा विशेषज्ञ और नैदानिक त्वचा विज्ञान के प्रोफेसर हैं उनका कहना है कि- “त्वचा कैंसर को रोकने में सनस्क्रीन सबसे महत्वपूर्ण साधनों में से एक है। दुर्भाग्य से, सनस्क्रीन के उपयोग के बारे में बहुत सारी गलत जानकारी है, जिसके कारण लोग इसके उपयोग से बचते हैं।”
इसलिए, यदि आप सिस्टम, प्राइम टीवी या खिड़की के बगल में हैं, तो सावधान हो जाएं और अपनी त्वचा के लिए कुछ सुरक्षित कदम उठाएं। अध्ययनों से पता चला है कि, संयुक्त राज्य अमेरिका में, सूर्य की किरणों का असर चेहरे और शरीर के दाईं ओर ज्यादा पड़ रहा है।
कंप्यूटर स्क्रीन भी पहुंचाती है आपकी त्वचा को नुकसान
विशेषज्ञों का कहना है कि कंप्यूटर स्क्रीन से आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाली रोशनी निकलती है। ये नीली लाइट स्मार्ट फोन, कंप्यूटरों और टीवी से निकलती है। जो हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचाती है।
डिजिटल स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट आपकी त्वचा को दो तरह से प्रभावित कर सकती है। ब्लू लाइट त्वचा में मेलेनिन या पिगमेंटेशन को बढ़ावा दे सकती है, जिससे मेलास्मा और उम्र से पहले झुर्रियां हो सकती हैं। ब्लू लाइट मुक्त कण पैदा कर सकती है, जिससे सूजन भी हो सकती है और त्वचा में कोलेजन और टिशू टूटने लगते हैं।
रोजाना चेहरे पर सनस्क्रीन लगाएं, चाहे आप बाहर जा रही हों या नहीं
फिजिकल सनस्क्रीन लगाएं क्योंकि इसका अधिकतम एसपीएफ 20 होता है, जिसमें केमिकल बेहद कम होता है। त्वचा की प्राकृतिक नमी बरकरार रखने के लिए उसे मॉइश्चराइज करें। आजकल ऐसे बहुत सारे मॉइश्चराइजर मार्केट में हैं, जिनमें एसपीएफ भी होता है। ऐसे में आप अपने लिए मॉइश्चराइजर वाला सनस्क्रीन चुन सकती हैं।
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