दिनों दिन तनाव बढ़ रहा है। उसका असर ओवरऑल हेल्थ पर नज़र आने लगता है। तनावग्रस्त व्यक्ति का गुस्सा करना, बहस करना और फिर रोना पूरी तरह से सामान्य है। हांलाकि रोना एक बायोलॉजिक्ल प्रोसेस है, मगर बार बार रोना जहां मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है, तो वहीं त्वचा को भी प्रभावित करने लगता है। जानते हैं कि कैसे आंखों से निकलने वाले आंसू स्किन संबधी समस्याओं का कारण बनने लगते हैं।
इस बारे में डॉ महिमा डर्माटोलॉजिस्ट डॉ महिला अग्रवाल बताती हैं कि बार-बार और लगातार रोने से त्वचा नुकसान पहुंचता है। उनके अनुसार रोने से नाक, चेहरे और आंखों के नज़दीक की ब्ल्ड वेसल्स फैलने लगती हैं। इससे चेहरे पर सूजन, पफ्फीनेस और लालिमा बढ़ने लगती है। इससे त्वचा के पीएच लेवल यानि पोटनशियल हाइड्रोजन असंतुलित हो जाता है। ऐसे में रोने के बाद सामान्य पानी से चेहरे को धोएं और मॉइश्चराइज़ करें।
नेशनल आई इंस्टीट्यूट के अनुसार आंसू इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होते हैं और इनका स्वाद नमकीन होता हैं। इलेक्ट्रोलाइट्स वो ज़रूरी मिनरल होते हैं, जो कई शारीरिक गतिविधियों में मददगार साबित होते हैं। रोने, पसीना बहाने और यूरिन पास करने से इलेक्ट्रोलाइट्स खोने लगते हैं। ऐसे में नियमित मात्रा में पानी का सेवन करना आवश्यक है।
रोने के बाद आंसूओं को पोंछने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली व्हाइप्स और रूमाल से स्किन ब्रेकआउट का खतरा बना रहता है। एक्ने प्रोन स्किन के लिए ये बेहद नुकसानदायक है। इससे त्वचा पर संक्रमण बढ़ने लगता है। ऐसे में आंसूओं को धीरे से क्लीन करें और रोने के बाद चेहरे को अवश्य धोएं।
बार बार रोने से शरीर कार्टिसोल का सतर बढ़ जाता है। इससे त्वचा मेंं सीबम ग्लैंडस तेजी से काम करते हैं और ऑयल प्रोडक्शन बढ़ने लगता है। ऐसे में पोर्स में ऑयल बढ़ने लगता है, जिससे एक्ने का सामना करना पड़ता है।
लंबे वक्त तक लगातार रोने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी का सामना करना पड़ता है। इससे राहत पाने के लिए नियमित मात्रा में पानी पीएं और मॉइश्चराइज़र को अप्लाई करें। इससे स्किन हाइड्रेट रहती है और त्वचा पर बढ़ने वाला रूखापन, जलन और इचिंग कम होने लगते हैं।
तनाव को दूर करने के लिए रोना आवश्यक है। मगर लगातार रोने से चेहरे की ब्लड वेसल्स फैलने लगती है। इससे आंखों के आसपास और नाक व होठों के नज़दीक सूजन की समस्या का सामना करना पड़ता है। इंफ्लामेशन को दूर करने के लिए रोने से बचना चाहिए।
त्वचा को रूखेपन से बचाने के लिए चेहरे को धोने के बाद मॉइश्चराइज़ करना न भूलें। इससे त्वचा का रूखापन कम होने लगता है और त्वचा पर जलन, इंचिंग व स्किन डिहाइड्रेशन से राहत मिलती है। स्किन मॉइश्चराइज़ रहती है और स्किन संबधी समस्याओं से दूरी बनी रहती है।
चेहरे को धोने के बाद किसी मुलायम तौलिए या रूमाल से ही साफ करें। इससे त्वचा पर ब्रेकआउट्स का खतरा नहीं रहता है। इसके अलावा स्किन रैश से राहत मिलती है। किसी भी प्रकार के स्किन संबधी इंफे्क्शन से बचने के लिए अपना पर्सनल आवल ही प्रयोग में लाएं।
चेहरे पर सीबम के प्रोडक्शन को नियंत्रित करने के लिए स्किन केयर रूटीन को फॉलो करें। इसकी मदद से त्वचा पर बनने वाले एक्ने की समस्या से बचा जा सकता है और पोर्स में जमा गंदगी को दूर करने में भी मदद मिलती है।
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