अमेरिका में लगभग तीन साल पहले एक महिला गिरफ्तार की गई थी। ये घटना अजीब थी क्योंकि उसे अंडरकवर एजेंट्स ने गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप थे कि वो लोगों को चेहरे की झुर्रियों का इलाज़ दे रही रही थी, जो फेक था। और वो जो दवाईयां इस्तेमाल कर रही थी, उसकी इजाज़त नहीं थी।
आगे जांच हुई तो पता चला कि उसके दिए हुए इंजेक्शन से 11 राज्यों के 22 लोग बीमार हुए। वो महिला जिस इलाज़ के नाम लोगों को झांसा दे रही थी, उसका नाम है बोटॉक्स। यह इलाज़ अमूमन चेहरों की झुर्रियों को कम करने के लिए किया जाता है। डॉक्टर्स इसका इस्तेमाल और कई तरीकों से करते हैं। बहरहाल, हमने ये कहानी आपको इसलिए सुनाई क्योंकि आज हम बोटॉक्स (Botox) के फायदे और नुकसान पर ही बात करने वाले हैं,क्योंकि हमारे फायदे के लिए काम आने वाले बोटॉक्स के कुछ साइड इफ़ेक्ट्स (botox side effects) भी हैं।
बोटॉक्स (Botox) दरअसल एक इंजेक्शन है जो त्वचा की झुर्रियों को कम करने और जिसका इस्तेमाल डॉक्टर्स स्किन से जुड़ी कुछ प्रॉब्लम्स को दूर करने के लिए भी करते हैं। इसे क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नाम के बैक्टीरिया से बने टॉक्सिन से तैयार किया जाता है। ये बैक्टीरिया मांसपेशियों की मूवमेंट को अस्थायी तौर पर रोक देता है जिससे झुर्रियों को कम करने में मदद मिलती है।
बोटॉक्स अस्थायी तौर पर मांसपेशियों को लकवाग्रस्त कर देता है। इसी का फायदा उठा कर स्किन को बेहतर बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। चेहरे के जिस पार्ट पर भी झुर्रियां होती हैं,वहाँ इंजेक्शन लगाया जाता है। यह इंजेक्शन बोटूलिनम नाम का होता है। इसे लगाते ही मांसपेशियाँ ढीली पड़ जाती हैं। ये प्रोसेस कई बार रिपीट करने से झुर्रियों को खत्म करने में मदद मिलती है।
चेहरे की झुर्रियां जिनमें माथे की लकीरें, आँखों के किनारे होने वाली झुर्रियां या फिर भोहों के बीच बनने वाली लकीरें शामिल हैं, उन्हें कम करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। डॉक्टर्स इसका इस्तेमाल कई और परिस्थितियों में करते हैं।
डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर रत्नाकर शुक्ला के अनुसार, मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन के केस में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
अगर किसी को अधिक पसीना आने की शिकायत हो तो भी हम इसका इस्तेमाल करते हैं।
कई बार इसका इस्तेमाल माइग्रेन (Migraine) के इलाज के दौरान भी होता है।
गर्दन और कंधों के दर्द के इलाज के दौरान भी डॉक्टर इसका इस्तेमाल कर सकता है।
बोटॉक्स का सबसे बड़ा फायदा आपकी त्वचा को ही है। बुढ़ापे में या अचानक आपकी स्किन ढीली पड़ सकती है। ऐसे में बोटॉक्स आपके काम का हो सकता है। ये स्किन की झुर्रियों को कम करने में मददगार है और आपको जवान दिखने की कोशिश में मदद करता है।
अगर आप मांसपेशियों की ऐंठन से गुजर रहे हैं तो आपके लिए बोटॉक्स काम की प्रक्रिया हो सकती है। ये मांसपेशियों के दर्द और ऐंठन से आपको निजात दिला सकता है।
बहुत सारे लोग ज्यादा पसीना आने की समस्या से पीड़ित होते हैं। बोटॉक्स उनके लिए राहत वाली चीज है। बोटॉक्स उनकी इस समस्या को जड़ से खत्म कर सकता है। एक बात का ध्यान रखें, बिना डॉक्टर की देख-रेख के कुछ नहीं करना। अपने मर्जी से कोई फैसला नहीं लेना है।
कई बार माइग्रेन का इलाज करते वक्त भी डॉक्टर्स इसका इस्तेमाल करते हैं। दरअसल, इसके इस्तेमाल से मांसपेशियों का तनाव ढीला पड़ जाता है, और इससे माइग्रेन के सिर दर्द से राहत मिलती है।
बोटॉक्स कई बार ऐसे मौके पर काम आता है जहां सर्जरी के बगैर काम नहीं चलता। चाहे वो स्किन से जुड़ी समस्याएं हों या फिर कोई और। तो एक तरह से बोटॉक्स सर्जरी का विकल्प भी है
बोटॉक्स लगाने के बाद उस जगह पर हल्का दर्द, सूजन या उतने दूर की स्किन लाल हो सकती है।ये बोटॉक्स के साइड इफ़ेक्ट्स (botox side effects) में से एक है। यह समस्या आमतौर पर 1-2 दिनों में ठीक हो जाती है लेकिन अगर दर्द बढ़े या लंबे समय तक बना रहे तो डॉक्टर से मिलकर अपनी समस्या बता कर उससे निदान पाने की कोशिश में जुट जाइये।
बोटॉक्स के साइड इफ़ेक्ट्स (Botox side effects) के तौर पर इंजेक्शन के बाद कुछ लोगों को सिरदर्द या चक्कर आने की समस्या हो सकती है।
यह असर उस इंजेक्शन पर आपके शरीर की प्रतिक्रिया के कारण होता है और आमतौर पर थोड़े समय में ठीक हो जाता है।
जिस एरिया में बोटॉक्स इंजेक्शन लगाया जाता है,कई बार उतने दूर की मांसपेशियों में कमजोरी महसूस हो सकती है। ये भी बोटॉक्स के साइड इफ़ेक्ट्स (botox side effects) का ही एक लक्षण है। ये कमज़ोरी अमूमन 2-3 सप्ताह में ठीक हो जाती है। लेकिन अगर उसके बाद भी ये समस्या बरकरार रहे तो डॉक्टर से सलाह लें।
बोटॉक्स का असर कभी-कभी चेहरे की मांसपेशियों पर अजीब तौर से हो सकता है। ये बोटॉक्स के साइड इफेक्ट (Botox side effects) के तौर पर देखा जा सकता है। कई बार इसके असर से मांसपेशियां एक ही ओर लटक सकती हैं। और इसके परिणामस्वरूप, आपकी भौहें ऊपर उठ सकती हैं, गाल लटके दिख सकते हैं। कई बार ये समस्या ठीक हो जाती है लेकिन अगर कुछ दिनों में ना जाए तो डॉक्टर से जरूर मिल लीजिये।
कुछ लोगों को बोटॉक्स से एलर्जी भी हो सकती है। इसलिए अगर आप बोटॉक्स से इलाज़ की ओर बढ़ रहे हैं तो पहले एलर्जी टेस्ट करा लेना जरूरी है। कई बार हम अपनी एलर्जी को जाने बगैर ही इसलिए कोई कदम उठा लेते हैं क्योंकि उससे दूसरों को फायदा होता है। लेकिन ये कोई जरूरी नहीं कि आपका शरीर भी दूसरों की तरह ही रिएक्ट करे। इसलिए अपनी एलर्जी जान कर ही बोटॉक्स की ओर बढ़िए।
वरना स्किन पर खुजली,लाल चकते,सूजन जैसी समस्याएं हो सकती है। कई बार ये समस्या सांस फूलने तक भी पहुंच सकती है।
हमसे बातचीत में बार बार बल्कि हर बार एक्सपर्ट्स ने यह स्वीकारा है कि दवाईयों का असर अच्छा भी हो सकता है और कई बार नुकसान भी हो सकता है। यह सब कुछ इस पर निर्भर करता है कि आप उसका इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं। यही बोटॉक्स के साथ भी है। बिना डॉक्टर्स की देखरेख में इसे ना आजमाएं। वरना फायदे से ज्यादा नुकसान आपकी राह देख रहे हैं। बोटॉक्स की मदद से अनगिनत लोगों को निदान मिला है,आपको भी मिल सकता है,लेकिन इस्तेमाल का सही तरीका चुनने पर ही ऐसा होगा।
ये भी पढ़ें- नेचुरल बोटॉक्स है केले का छिलका, झुर्रियां मिटाने के लिए जानिए कैसे करना है इसका इस्तेमाल