रेटिनॉल और रेटिनोइड्स दो ऐसे शब्द है, जिनका इस्तेमाल स्किनकेयर की चर्चाओं में आमतौर पर सुनने को मिलता है। हांलाकि अधिकतर लोग इन्हें एक ही मानकर एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग करते है। मगर वास्तव में इनके मायने एक दूसरे से पूरी तरह से जुदा हैं। इसके चलते इनकी विशेषताएँ और लाभ में भी अंतर है। अक्सर मौसम में आने वाला बदलाव स्किन संबधी समस्याओं का कारण बनने लगता है। ऐसी समस्याओं से राहत पाने के लिए जानें रेटिनॉल या रेटिनॉइड (retinol vs retinoid) में से क्या है आसान और बेहतरीन विकल्प।
रेटिनॉल की मदद से स्किन सेल्स को बूस्ट करके एजिंग के प्रभावों को कम किया जा सकता है। इससे कोलेजन को बढ़ावा मिलता है और स्किन का ग्लो मेंटेन रहता है। साथ ही स्किन संबधी समस्याओं का जोखिम कम होने लगता है। विटामिन ए से भरपूर रेटिनॉल को त्वचा पर सीरम, क्रीम और लोशन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता हैं जो मुंहासों को दूर करने और आपकी त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
ये त्वचा कोशिका के उत्पादन को बढ़ाता है जो छिद्रों को खोलने में मदद करता है। इसके अलावा त्वचा को एक्सफोलिएट करने और कोलेजन उत्पादन को बढ़ाने में भी मददगार साबित होता है। ये महीन रेखाओं और झुर्रियों जैसे उम्र बढ़ने के संकेतों को धीमा करता है।
रेटिनोइड एक शब्द है जिसका उपयोग विटामिन ए से प्राप्त होने वाले कंपाउड के लिए किया जाता है। वे नेचुरल या सिंथेटिक हो सकते हैं। इसमें रेटिनॉल, रेटिनल या रेटिनिल एस्टर सहित विभिन्न प्रकार और रूप शामिल हैं। वे त्वचा संबंधी दवाओं और कॉस्मेटिक्स में पाए जाने वाले एक एक्टिव कंपाउड हैं। इसका आपकी त्वचा और उसकी बनावट पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
दोनों में ही रेटिनॉल और रेटिनोइड्स विटामिन ए पाया जाता हैं। आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर ये तत्व कोलेजन उत्पादन में मदद करते है जो त्वचा को एजिंग से बचाते है। साथ ही त्वचा का लचीलापन बना रहता है।
ट्रेटिनॉइन, एडैपेलीन और टैज़रोटीन जैसे हेल्दी प्रिस्क्रिप्शन फ़ॉर्मूलेशन जहां रेटिनोइड्स में शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर रेटिनॉल रेटिनोइड्स का एक हल्का रूप है। इससे फायदा मिलता है और सेल्स की क्षति को कम किया जा सकता है।
रेटिनोइड्स रेटिनॉल की तुलना में अधिक शक्तिशाली होते हैं। वे त्वचा में गहराई से प्रवेश करके स्किन संबंधी समस्याओं को दूर करते हैं। वहीं रेटिनॉल, प्रभावी होने के साथ धीरे धीरे काम करते हैं और संवेदनशील त्वचा वाले व्यक्तियों के लिए उपयुक्त होते हैं।
मुंहासे, झुर्रियाँ और हाइपरपिग्मेंटेशन जैसी स्थितियों के उपचार पर रेटिनोइड्स काम करते हैं जबकि रेटिनॉल त्वचा की बनावट, महीन रेखाओं, ओपन पोर्स और सैगी स्किन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
बाज़ार में रेटिनॉल आसानी से क्रीम, सीरम और लोशन के रूप में उपलब्ध हैं। इसे पाने के लिए किसी प्रकार की प्रिस्क्रिप्शन की आवश्यकता नहीं होती है और संबधी समस्याओं का खतरा कम होने लगता है। वहीं, रेटिनोइड्स के लिए प्रिस्क्रिप्शन आवश्यक माना जाता हैं।
एंटी एजिंग गुणों से भरपूर रेटिनॉल का इस्तेमाल 25 वर्ष की आयु के बाद आरंभ करना चाहिए। दरअसल, उम्र के साथ कोलेजन का उत्पादन कम होने लगता है और त्वचा की लोच प्रभावित होती है। रेटिनॉल का इस्तेमाल जल्दी करने से आपको लंबे समय तक त्वचा की देखभाल करने में आसानी हो सकती है। 30 और 40 की उम्र में हाई कंसनटरेशन वाले मजबूत सक्रिय पदार्थों का इस्तेमाल करना चाहिए।
इसे एक्सफ़ोलीएटिंग एसिड और विटामिन सी के साथ मिलाकर लगाने से त्वचा पर जलन हो सकती है। इसे सेरामाइड्स, नियासिनमाइड और हाइलूरोनिक एसिड जैसे ह्यूमेक्टेंट्स जैसे बैरियर रिपेयरिंग तत्वों के साथ मिलाकर लगाने से फायदा मिलता है। रेटिनॉल की मदद से सन प्रोटेक्शन में मदद मिलती है और स्किन संबधी समस्याओं का जोखिम कम हो जाता है।
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।