गर्मी के मौसम में बैकलैस टॉप और बिकनी का ट्रेंड तेज़ी से बढ़ने लगता है। ऐसे में बैक एक्ने और उससे बनने वाले दाग धब्बे त्वचा की खूबूसरती को कम कर देते हैं। इससे राहत पाने के लिए लोग कई प्रकार की क्रीम, क्लींजर और घरेलू नुस्खों का प्रयोग करते हैं। चेहरे के समान ही पीठ पर बढ़ने वाले एक्ने को दूर करने के उपायों के अलावा इसके कारणों को जानना भी बेहद ज़रूरी है। जानते हैं किन कारणों से बढ़ने लगती है बैक एक्ने की समस्या और इससे राहत पाने के उपाय भी।
एक्ने एक इंफ्लामेटरी स्किन डिसऑर्डर है। त्वचा पर मौजूद तेल और डेड स्किन सेल्स हेयर फॉलिकल्स को क्लॉग मुहांसों का कारण साबित होती हैं। पीठ पर होने वाली मुहांसों को ट्रंकल मुँहासे कहा जाता है। इसमें छाती, पीठ या कंधों पर पिंपल्स उभरने लगते हैं।
इस बारे में डॉ कशिश कालरा का कहना है कि त्वचा पर सीबम सिक्रीशन बढ़ने से एक्ने का सामना करना पड़ता है। इससे राहत पाने के लिए एसटरींजेंट और ऑयली प्रोडक्टस के प्रयोग से बचें। साथ ही सोप फ्री क्लींजर का प्रयोग करें। इससे त्वचा को पेथोजेनिक बैक्टीरिया से बचने में मदद मिलती है।
वे लोग जो ज्यादा केमिकल युक्त प्रोडक्टस का प्रयोग करते है, उससे त्वचा के पीएच लेवल को नुकसान पहुंचता है। इसके चलते ज्यादा मात्रा में एक्ने का सामना करना पड़ता है। इससे राहत पाने के लिए मिनरल बेस्ड प्रोडक्टस का प्रयोग करें।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के साल 2022 के सर्वे के मुताबिक बैक एक्ने यानि ट्रंकल एक्ने सामान्य तौर पर किशोरावस्था में पाए जाते हैं। ये समस्या महिलाओं के साथ साथ पुरूषों में भी सामान्य है। सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार फेशियल एक्ने से ग्रस्त 50 फीसदी लोगों को ट्रंकल एक्ने का सामना करना पड़ता है।
अक्सर एक्सरसाइज़ के बाद लौटकर कपड़ों को न बदलने या शावर न लेने से त्वचा में बैक्टीरियल संकमण का खतरा बना रहता है, जिससे मुहासों की समस्या का सामना करना पड़ता है। बढ़ रही गर्मी के चलते हल्के सूती कपड़े पहनने और बॉडी हाइजीन को बनाए रखना आवश्यक है।
अक्सर लोग बैकलेस कपड़े पहनने के लिए पीठ पर कई प्रकार के प्रोडक्ट का प्रयोग करते हैं। इससे त्वचा का पीएच संतुलन गड़ बड़ा जाता है। ऐसे में स्किन को हेल्दी रखने के लिए मिनरल बेस्ड प्रोडक्टस का प्रयोग करना चाहिए। इससे त्वचा पर ऑयल की समस्या भी हल हो जाती है। साथ ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स से राहत मिलती है।
किशोरावस्था में हार्मोनल परिवर्तन का सामना करना पड़ता है। इससे चलते चेहरे के अलावा पीठ पर भी मुँहासे बढ़ने लगती हैं। खासतौर से पीरियड साइकल और गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तन भी मुहासों का कारण बनने लगते हैं ।
शावर के दौरान अक्सर लोग बॉडी वॉश को लूफा पर स्प्रैड करके प्रयोग करते हैं। इससे लूफा में मौजूद बैक्टीरिया त्वचा पर संक्रमण का खतरा बढ़ा देते हैं। इससे स्किन इंफे्क्शन बढ़ने लगता है, जो मुहासों और रैशेज का कारण बनने लगता है।
ये भी पढ़ें- खीरे के छिलकों से करें चेहरे की देखभाल, जानें इसके फायदे और इससे तैयार फेस मास्क की विधि
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।