चाय, कॉफी, मीठे पकवान, ठंडे पेय, स्मूदी…. मीठे की मौजूदगी हर जगह है। खासतौर से गर्मियों के मौसम में खुद को कूल रखने की कोशिश में हम दिन भर में बहुत सारी चीनी निगल जाते हैं। इसके अलावा फ्रूट्स, कच्चे प्याज में भी शुगर की थोड़ी -बहुत मात्रा होती है। पर क्या आप जानती हैं कि मीठे की ये खपत न सिर्फ आपका वज़न बढ़ाती है, बल्कि आपकी स्किन के लिए भी नुकसानदेह है। आइए जानते हैं कैसे चीनी हमारी त्वचा को खराब (Too much sugar effects on Skin) कर देती है।
जब हमारे ब्लड में शुगर की बहुत अधिक मात्रा जमा हो जाती है, तो इससे ग्लाइकेशन की प्रक्रिया बढ़ जाती है। यह एक नेचुरल केमिकल रिएक्शन है। इससे ब्लड में शुगर की मात्रा इतनी अधिक हो जाती है कि इंसुलिन भी इस पर काम नहीं कर पाता है।
स्किन में कोलेजेन और एलास्टिन नाम के दो प्रोटीन पाए जाते हैं, जो स्किन को नमीयुक्त और चमकदार बनाए रखते हैं। इससे स्किन का एलास्टिक गुण भी बरकरार रहता है। ये स्किन के अंदर होने वाली टूट-फूट की भी मरम्मत करते हैं। ग्लाइकेशन के कारण स्किन का वह भाग ही अधिक प्रभावित होता है, जहां कोलेजेन और एलास्टिन प्रोड्यूस होता है। जब ये दोनों प्रोटीन शुगर के साथ मिलते हैं, तो ये पहले की अपेक्षा कमजोर हो जाते हैं।
फिर ये त्वचा की देखभाल अच्छी तरह नहीं कर पाते हैं। इससे स्किन ड्राय होने लगती है। स्किन की एलास्टिसिटी प्रभावित होने के कारण स्किन बेजान दिखने लगती है और रिंकल्स भी बनने लगते हैं। इस तरह आप उम्र से पहले बूढ़ी दिखाई देने लगती हैं।
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जब हमारी बॉडी में ग्लाइकेशन की प्रक्रिया अधिक होती है, तो हमारी स्किन पर एजिंग के निशान जल्दी आने लगते हैं। खासकर जब डायबिटीज के मरीज चीनी का सेवन करते हैं, तो उनके लिए ब्लड शुगर लेवल मेंटेन करना बेहद मुश्किल हो जाता है। इसलिए डायबिटीज के पेशेंट एजिंग के जल्दी शिकार हो जाते है।
शुगर या शुगर से तैयार उत्पादों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है। इसे खाने से शरीर में इन्फ्लेमेशन यानी सूजन की समस्या होने लगती है। इन्फ्लेमेशन से स्किन प्रभावित होती है।
जब हम भोजन में बहुत अधिक चीनी का प्रयोग करते हैं या मीठी चीजें अधिक खाते हैं, तो स्किन प्रॉब्लम्स जैसे कि पिंपल्स, एक्ने यहां तक कि एक्जिमा की भी समस्या हो जाती है।
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भोजन से चीनी को पूरी तरह हटाने का सुझाव कोई नहीं दे सकता है, लेकिन इस बात पर जरूर गौर करें कि आप दिन भर में कितनी चीनी का सेवन करती हैं? इसमें फ्रूट्स भी शामिल हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन भर में 25 ग्राम से अधिक चीनी नहीं लेनी चाहिए। रोजाना आप जितनी कैलोरी लेती हैं, उसका 10 प्रतिशत से अधिक चीनी नहीं लेनी चाहिए।
कोई भी प्रोसेस्ड फूड खरीदने से पहले उसका फूड लेवल पढ़ें। फूड में चीनी की मात्रा के आधार पर उसका सेवन करें।
शहद, फलों के जूस या दूसरे तरह के पेय पदार्थ और शराब सभी में चीनी अत्यधिक मात्रा में होती है।
खूब पानी पिएं। किसी भी डिब्बाबंद पेय या एनर्जी ड्रिंक के मुकाबले पानी पीना स्वास्थ्य के लिए बढ़िया होता है। फ्लेवर्ड वाटर का एक मुख्य इनग्रीडिएंट शुगर भी होता है।
अपनी स्किन की खातिर साउंड स्लीप लें। वैज्ञानिकों ने पाया है कि स्लीप हार्मोन मेलाटोनिन ग्लाइकेशन डैमेज को 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है।
तनाव रहित रहें और आराम करें। स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल के लेवल को बढ़ा देता है। यह ग्लाइकेशन लेवल को 20 प्रतिशत तक बढ़ा देता है।
जब भी तनाव में रहें, तो मीठा बिल्कुल न खाएं।
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