शरीर को स्वस्थ रखने से उसका असर त्वचा और बालों पर भी दिखने लगता है। आंतरिक मज़बूती बालों को संक्रमण और मौसमी बदलाव के प्रभाव से मुक्त रखती है। इसके लिए आहार पर ध्यान देना आवश्यक है। साथ ही कुछ घरेलू नुस्खे भी मददगार साबित होते है। कोई भी व्यंजन तैयार करने के लिए प्याज को ब्लैंड किया जाता है। उससे निकलने वाला रस बालों के पोषण को बढ़ाने में मदद करता है। दरअसल, उसमें मौजूद सल्फर की मात्रा बालों को टूटने और झड़ने से बचाने में मददगार साबित होते है। जानते हैं प्याज किस तरह फ्रिज़ी बालों से राहत दिलाने में मददगार साबित होता है (Onion juice for frizzy hair)।
जर्नल ऑफ डर्माटोलॉजी के रिसर्च के अनुसार 38 लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि एलोपेसिया के इलाज के लिए प्याज के रस का इस्तेमाल फायदेमंद है। 6 सप्ताह तक दिन में दो बार प्याज का रस लगाने वाले लोगों में से 86.9 फीसदी लोगों के बालों में बढ़ोतरी देखने को मिली। रिसर्च के अनुसार प्याज का रस एलोपेसिया को दूर करने में मदद करता है।
ब्यूटी एक्सपर्ट डॉ भारती तनेजा बताती हैं कि प्याज में मौजूद सल्फर की मात्रा से कोलेजन का प्रोडक्शन बढ़ने लगता है। इससे हेयर फॉलिकल्स को मज़बूती मिलती है और हेयर डैमेज का खतरा कम होने लगता है। इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम केटेलिस की प्राप्ति होती है, जिससे स्कैल्प पर बढ़ने वाले संक्रमण को कम करके सिर की त्वचा को हाइड्रेट रखने में मददगार साबित होता है।
सल्फर अमीनो एसिड में पाया जाता है। ये प्रोटीन का एक कांपोनेंट हैं, जो केराटिन के रूप में बालों को फायदा पहुंचाता है। इससे न केवल हेयरलॉस से बचा जा सकता है बल्कि सफेद बालों की समस्या हल होने लगती है। स्कैल्प एलर्जी और रूसी की समस्या को भी हल किया जा सकता है।
अगर आप बालों को धोने से पहले हेयर ऑलिंग करती है, तो उसके लिए 4 से 5 चम्मच प्याज का रस लेकर उसमें 1 चम्मच नारियल का तेल मिलाएं। अब इसे स्कैल्प से लेकर बालों की लैंथ पर अप्लाई करें। इससे बालों का टूटना कम होता है और इचिंग की समस्या हल होने लगती है। 30 मिनट के बाद बालों को माइल्ड शैम्पू से धो लें।
ताजा प्याज का रस निकालकर उसमें कैस्टर ऑयल को मिलाएं और बालों में अप्लाई करें। इससे बालों में बढ़ने वाली फ्रिजीनेस को कम किया जा सकता है। नियमित रूप से बालों में चंपी करने से बालों की ग्रोथ बढ़ने लगती है और हेयर थिननेस कम होने लगती है। इसे अप्लाई करने से स्कैल्प में ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है और बात मज़बूत बनते हैं।
प्याज में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। अक्सर लोगों को सर्दियों में स्कैल्प एलर्जी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में प्याज के रस में शहद को मिलाकर कॉटनकी मदद से बालों की जड़ों में लगाएं। इससे बालों का टूटना कम होने लगता है और स्कैल्प की नमी बरकरार रहती है। 15 मिनट तक बालों में लगाने के बाद हेयरवॉश करें। इसके लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार हिबिस्कस पाउडर में विटामिन सी पाया जाता है, जो स्किन सेल्स में को बढ़ाता है। इससे बालों की क्षति को दूर किया जा सकता है। इसके लिए प्याज के रस में 1 चम्मच हिबिस्कस पाउडर को मिलाएं और बालों में अप्लाई करें। इससे हेयरफॉल को कम करने में मदद मिलती है।
मेथीदाना में फ्लेवोनोइड्स और सैपोनिन जैसे प्लांट बेस्ड कंपाउड पाए जाते हैं, जिससे बालों को आयरन और प्रोटीन की प्राप्ति होती है। एक चम्मच मेथीदाना के बीज को भिगोकर रख लें। 8 से 10 घंटे के बाद उन्हें छानकर अलग कर लें और उसका पेस्ट तैयार कर लें। अब उसमें अनियन जूस मिलाकर स्कैल्प पर अप्लाई करें। इससे बालों को पोण की प्राप्ति होती है।
एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर अदरक के रस को प्याज के रस में मिलाकर बालों में लगाने से फ्रिजीनेस को दूर किया जा सकता है। साथ ही बालों की डीप कंडिशनिंग में मदद मिलती है। इससे स्कैल्प पर बढ़ने वाली सूजन, जलन और इचिंग को कम करने में मदद मिलती है। इस मिश्रण को बालों में लगाकर मसाज करें और 30 मिनट के बाद बालों को धो लें।
बालों की थिननेस को कम करने के लिए सरसों के तेल में प्याज का रस मिलाकर लगाएं। इससे बालों की शाइन मेंटेन रहती है और हेयर डेंसिटी में सुधार आने लगता है। सरसों के तेल को गुनगुना कर लें और उसमें प्याज के रस को निकालकर मिक्स कर दें अब इससे स्कैल्प् की मसाज करें। बालों का रूखापन कम होता है और संक्रमण का खतरा दूर होने लगता है।