आजकल के ब्यूटी ट्रेंड्स में स्टाइलिश नेल्स रखना लोगों की पहली पसंद बन गया हैं। आउटफिट से लेकर एक्सेसरीज तक स्टाइलिश नेल्स आपके लूक को कंप्लीट करने में मदद करते हैं। वही जितना जरूरी नेल्स को मेंटेन करना है, उतना ही जरूरी है इसकी हाइजिन और केयर करने पर ध्यान देना।
अगर नेल्स हाइजीन पर ध्यान न दिया जाए, तो यह कई बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं हमारे नेल्स की हेल्थ भी स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी दे सकती है? जी हां, अक्सर कई लोगों के बिना कारण भी नाखून टूटने लगते हैं। इस समस्या को ब्रिटल नेल्स ( causes of brittle nails) कहा जाता है, जो शरीर में किसी पोषक तत्व की कमी और स्वास्थ्य समस्या की अोर इशारा करती हैं।
इस विषय पर जानने के लिए हमने बात कि गाजियाबाद से डर्मेटोलॉजिस्ट एंड कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ कनिका कपूर ( MBBS, DVD) से, जिन्होंने हमें इस समस्या के बारें में विशेष जानकारी दी।
हाथ-पैरो को बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन से बचाने के लिए नेल्स का हेल्दी होना भी जरूरी है। लेकिन कई बार आवश्यक पोषक तत्वों की कमी या कुछ स्वास्थ्य समस्याएं नाखूनों के कमजोर होने का कारण बनने लगती है। जिसके कारण नाखून बार-बार टूटने लगते हैं। इस समस्या को ब्रिटल नेल्स की समस्या कहा जाता है।
डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ कनिका के मुताबिक ब्रिटल नेल्स अधिकतर आयरन, जिंक और ब्रिटल नेल्स डेफिशिएंसी के कारण होती है। अपनी डाइट में हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ाकर इसकी कमी पूरी हो सकती है।
कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ कनिका का कहना है कि हाथ-पैरो की ड्राईनेस नाखूनों को कमजोर बना देती है। इसके अलावा अगर आप स्ट्रांग साबुन या डिटर्जेंट का उपयोग कर रही हैं, तो यह लगातार आपके नाखूनों को शुष्क बना सकता है जिससे ये नरम और टूटने में आसान हो जाते है।
एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आपमें थायराइड हार्मोन का लेवल कम है, तो यह हाइपोथायरायडिज्म का कारण हो सकता है। जिसके कारण बालों, त्वचा और नाखून में डाईनेस और कमजोरी बढ़ने लगती है।
जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपके नाखून और बाल कमजोर होने लगते हैं। क्योंकि इस दौरान आपकी स्किन में ड्राइनेस बढ़ने लगती है। इस दौरान पैरों के नाखून मोटे और सख्त होने लगते हैं, वही उंगलियों के नाखून पतले हो जाते हैं जिससे यह आसानी से टूट जाते हैं।
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नाखूनों के कमजोर होने का सबसे बड़ा कारण ड्राईनेस है। इसलिए खुद को पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड रखने के साथ अच्छे से मॉइश्चराइज करें। जब भी हाथ-पैर धोएं या सोने से पहले भी अपने नेल्स और हाथ पैरो को मॉइश्चराइज करना न भूले।
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कस्टमाइज़ करेंडॉ कनिका के मुताबिक ब्रिटल नेल्स के लिए डाइट में प्रोटीन लेना बेहद जरूरी है। क्योंकि नेल्स कमजोर होने के कारणों में केराटिन नामक प्रोटीन की कमी भी होती है। इसलिए डाइट में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाना फायदेमंद हो सकता है।
अक्सर केमिकल प्रोडक्ट भी नाखूनों के कमजोर होने का कारण बनते है। इसलिए नेल्स की हाइजिन का ध्यान रखने के साथ केमिकल प्रोडक्ट को अवॉइड करें। क्योंकि ये बार बार नाखून टूटने का कारण बन सकते हैं।
केराटिन सप्लिमेंट हेयर और नेल्स को स्ट्रांग बनाने में मदद कर सकते हैं। इसलिए एक्सपर्ट की सलाह पर केराटिन सप्लिमेंट लेना फायदेमंद हो सकता है।
नाखूनों का कमजोर होना कई स्वास्थ्य समस्याओं से भी जुड़ा होता है। इसलिए अगर लाइफ स्टाइल में बदलाव के बावजूद समस्या बनी हुई है। तो बिना देरी किये डॉक्टर से संपर्क करें।
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