तपती गर्मी में यह कहीं ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है कि आप अपनी स्किन को सूरज की अल्ट्रा वॉयलेट किरणों (UV) के हानिकारक प्रभाव से बचाएं। इसमें आपकी मदद करती है सनस्क्रीन। पर क्या आप जानती हैं कि सनस्क्रीन भी दो प्रकार की होती हैं। नहीं, एसपीएफ के आधार पर नहीं, बल्कि सनस्क्रीन में मौजूद इन्ग्रीडीएंट्स के आधार पर। तो आइए जानते हैं कौन सी सनस्क्रीन है आपके लिए बेहतर और क्या है अपनी स्किन के हिसाब से परफेक्ट सनस्क्रीन (How to choose perfect sunscreen) चुनने का तरीका।
दो तरह की होती हैं सनस्क्रीन
सनस्क्रीन में मौजूद इन्ग्रीडीएंट्स के आधार पर इन्हें दो वर्गों में बांटा जा सकता है। इसमें मौजूद फॉर्मूलेशन हैं, जो एक दूसरे से काफी भिन्न होते हैं। सबसे आम हैं – केमिकल और मिनिरल सनस्क्रीन। चलिए इन दोनों ही सनस्क्रीन के विषय में जानें एक्सपर्ट्स से और यह भी कि दोनों में से बेहतर कौन सी है।
मिनिरल सनस्क्रीन क्या हैं?
हो सकता है कि आप किसी ‘मिनिरल सनस्क्रीन’ या शायद ‘ फिजिकल सनस्क्रीन’ शब्द से परिचित हों। दरअसल इन दोनों का मतलब एक ही है। “जिंक ऑक्साइड या टाइटेनियम डाइऑक्साइड एक मिनिरल सनस्क्रीन में मौजूद सक्रिय रसायन हैं। यूवी किरणों से होने वाली हानि रोकने के लिए, मिनिरल सनस्क्रीन त्वचा के ऊपर सेट हो जाती है।
ये सनस्क्रीन व्यापक स्पेक्ट्रम यूवीए और यूवीबी से सुरक्षा प्रदान करती हैं, जो एक सनस्क्रीन को बेस्ट बनाते हैं। मिनरल सनस्क्रीन में ऐसे रसायन भी होते हैं, जो आम तौर पर त्वचा में कम जलन पैदा करते हैं।
स्टाइल स्टेटमेंट ब्यूटी ट्रीटमेंट सेंटर दिल्ली में बतौर ब्यूटी एक्सपर्ट काम कर रही अंशिका भगनानी कहती हैं कि जब आप मिनिरल सनस्क्रीन के बारे में सोचते हैं, तो आप अच्छे पुराने पारंपरिक लेस केमिकल वाले सनस्क्रीन के बारे में सोच सकती हैं। जिनमें केमिकल की मात्रा कम होती है या जिनका स्किन पर दुष्प्रभाव कम होता है।
“मिनिरल सनस्क्रीन फॉर्मूलेशन उपयोग सेंसिटिव स्किन के लिए केमिकल सनस्क्रीन से बेहतर है, भले ही आपकी त्वचा का रंग गहरा हो। यह टैनिंग पर भी काम करता है। इस सनस्क्रीन में चॉकलेट जैसे तत्त्वों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनका साइड इफेक्ट आपके चेहरे पर नहीं पड़ता है।
केमिकल सनस्क्रीन क्या हैं?
क्या आपने मखमली-मैट, सिल्की स्मूद और इनविजिबल सनस्क्रीन का नाम सुना है? ये सभी केमिकल सनस्क्रीन हैं। उनके टेक्सचर और इनके बारे में किए जा रहे दावों से लगता है कि ये आपकी त्वचा को नर्म बनाने के साथ उन्हें हेल्दी भी बनाएंगे। पर ऐसा बिलकुल नहीं है।
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कस्टमाइज़ करेंइस बारे में बात करते हुए शैम्पेन सैलून दिल्ली की ब्यूटी एक्सपर्ट सुवर्णा त्रिपाठी कहती हैं “केमिकल सनस्क्रीन में ऑक्सीबेनज़ोन, एवोबेंजोन और ऑक्टिसलेट जैसे तत्व होते हैं। दूसरी ओर ये कुछ सूर्य की किरणों या यूवी किरणों को प्रवेश करने की अनुमति देते हैं, लेकिन केमिकली उन्हें बदलते हैं या उन्हें इस तरह फिल्टर करते हैं कि वे आपके लिए हानिकारक नहीं रह जाती हैं। इसलिए, यह त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचता।
मिनिरल या केमिकल सनस्क्रीन कौन सी है ज्यादा बेहतर
सामग्री और बनावट के अलावा, इन दोनों प्रकार के सनस्क्रीन के प्रमुख योगों (कॉम्पोजीशन) में कई अंतर हैं। सबसे महत्वपूर्ण है, जिस तरह से वे स्किन पर काम करते हैं।
“फिजिकल सनस्क्रीन में अधिक व्हाईट फ़िनिश होता है, साथ ही वे आपकी स्किन पर एक परत सी भी बनाते हैं। इन दिनों कुछ अच्छे, मिनिरल सनस्क्रीन मौजूद हैं, जो मैट फिनिश के साथ आते हैं और आपकी त्वचा को नुकसान भी नहीं पहुंचाते।
दूसरी ओर, केमिकल सनस्क्रीन अधिक नुकसानदायक हो सकते हैं। “मिनिरल सनस्क्रीन को शुष्क या सामान्य त्वचा वाले लोगों के लिए सलाह दी जाती है और विशेष रूप से संवेदनशील त्वचा के प्रकारों के लिए उपयुक्त होती है। जबकि केमिकल सनस्क्रीन सभी प्रकार की त्वचा (संवेदनशील को छोड़कर) के लिए सही है बशर्ते उसमें कोई हार्श केमिकल न हो।
सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करने के लिए आप दोनों का भी उपयोग भी कर सकती हैं। ध्यान रखें कि अगर आपकी त्वचा पिम्पल या एक्ने प्रोन है, तो केमिकल सनस्क्रीन का इस्तेमाल बिलकुल बंद कर देना चाहिए।
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