सर्दियों में ड्राईनेस कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है। इस मौसम में आपके होंठ भी सूखने लगते हैं। इस ड्राईनेस के पीछे हवा में नमी की कमी मुख्य वजह है। लिप ड्राईनेस के कारण होंठ रूखे, फटे दिखने लगती हैं। कई बार तो होठों से खून भी आने लगता है। फटे होंठ न सिर्फ देखने में बुरे लगते हैं, बल्कि हंसने-बोलने में भी दिक्कत होती है। होंठों की ड्राईनेस को कुछ उपायों से नर्म मुलायम बनाया जा सकता है। पर कौन सा लिप बाप आपके लिए सही (Best lip balm) है और कौन सा नहीं, आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
एक्टा ओटोरिनोलेरिंजोल इटेलिका जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, होठों की त्वचा की सतह पर तेल पैदा करने वाली ग्रंथियां नहीं होती हैं। इसलिए नमी की कमी वाले हवा के संपर्क में आने पर होंठ सूखने और फटने लगते हैं। सूखे होंठ डिहाईड्रेशन का भी प्रतीक हैं।
शरीर के वजन का लगभग 70% पानी है। यह शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालता है और स्किन, बालों और होंठों पर नमी बनाये रखता है। दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीने पर होंठ रूखे और पपड़ीदार हो जाते हैं। साथ ही घर से लगातार बाहर रहने पर हवा और यूवी किरणों का जोखिम भी निर्जलीकरण का कारण बन सकता है।
इसके अलावा, खट्टे फलों के एसिड, विटामिन ए की आवश्यकता से अधिक मात्रा, मुंह से सांस लेना, बार-बार होठों को चाटना भी होंठ के सूखने का कारण बन सकते हैं।
शोधकर्ता डॉ. सुरुचि विश्वासराव के अनुसार, नेचुरल प्रोडक्ट से तैयार लिप बाम ठंड से प्रभावित होठों को बचाने में मदद करते हैं। जाड़े के दिनों में फ्लू और एलर्जी के कारण भी होंठ सूखते हैं। इससे बाम बचाव करते हैं। जब तेज हवा चलती है, तो फ्रिक्शन से सूखापन की अनुभूति अधिक होती है। ऐसी स्थिति में ओलिव आयल या कोकोनट आयल वाले लिप बाम कारगर होते हैं।
शोधकर्ता डॉ. सोनिया सिंह के अनुसार, सन ब्लॉक लिप बाम पराबैंगनी किरणों को रोकने के लिए सिद्ध होते हैं। यूवी विकिरण, सूखापन और प्रदूषण के कारण सबसे अधिक होंठ प्रभावित होते हैं। ऐसी स्थिति में ये बाम कारगर होते हैं।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च इन कॉस्मेटिक साइंस में महाराष्ट्र के अलार्ड कॉलेज ऑफ फार्मेसी के शोधकर्ता मयूरी कडू, डॉ. सुरुचि विश्वासराव और डॉ. सोनिया सिंह ने होंठों की ड्राईनेस को खत्म करने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले लिप बाम पर रिसर्च किया। शोधकर्ताओं के अनुसार, स्त्री हों या पुरुष, होंठों की ड्राईनेस के उपचार के लिए सबसे अधिक लिप बाम का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने नेचुरल प्रोडक्ट से तैयार लिप बाम और केमिकल युक्त लिप बाम पर स्टडी की।
दोनों की तुलना के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि कि जिस लिप बाम में कोकोनट आयल, बीट रूट, स्ट्रॉबेरी, बी वैक्स, ऑलिव आयल, शीया वैक्स, कोकोआ बटर, विटामिन ई, टी ट्री आयल, हल्दी, चंदन, सूर्यमुखी और रोजमेरी के तेल जैसे नेचुरल प्रोडक्ट का इस्तेमाल होता है, वह लिप हेल्थ के लिए सबसे बढ़िया है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च इन कॉस्मेटिक साइंस में प्रकाशित शोध के अनुसार, प्राकृतिक लिप बाम के नुकसान भी हो सकते हैं। कम गुणवत्ता वाली सामग्री से बने लिप बाम होंठों को फायदा पहुंचाने की बजाय नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इस तरह के लिप बाम होंठों को रूखा बना सकते हैं। इससे होठों के प्राकृतिक रंग, कोमलता और चमक की भी हानि हो सकती है। प्राकृतिक तेलों से तैयार बाम होठों को अधिक चिकनाई दे सकते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंइसलिए इसकी खरीदारी करते समय विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है। यदि बाम होंठों को रूखा बना रहे हैं, तो मॉइस्चराइज़ करना ज्यादा सही होता है। ध्यान दें कि महिलाएं होममेड लिप बाम का भी प्रयोग करती हैं। पर ये होंठों पर कम समय के लिए ही टिक पाते हैं।
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