बढ़ती उम्र के साथ हमारी स्किन कई तरह की समस्याओं का शिकार होने लगती है। झुर्रियां उनमें कॉमन हैं। लेकिन ऐसी ही एक और स्किन प्रॉबलम है जो उम्र बढ़ने के साथ ही होती है। उसका नाम है सायरोसिस। कई बार ये हमारे अपनी ही शरीर के इम्यून सिस्टम की देन होती है और कई बार इनके कारण बाहरी होते हैं। सायरोसिस (Psoriasis and swelling) के साथ साथ शरीर में सूजन की समस्या भी आम होती है और ये सूजन लंबे समय तक भी रह सकती है। लेकिन कुछ जतनों को अपना कर हम सायरोसिस के दौरान अपने शरीर की सूजन से छुटकारा पा सकते हैं।
सोरायसिस (Psoriasis and swelling) हमारी स्किन से जुड़ी ही एक बीमारी है। इसमें हमारी स्किन पर लाल चकते बनने लगते हैं और खुजली भी होती है। कुछ दिन में ये समस्या बढ़ कर हमारी स्किन में सूजन भी देने लगती है। ये एक क्रोनिक बीमारी है जो आम तौर पर हमारी कोहनी, घुटने और पीठ पर होती है। इस बीमारी का कारण हमारा अपना इम्यून सिस्टम है। जब हमारा इम्यून सिस्टम हमारी ही स्किन पर हमला करने लगता है तब ये समस्या होती है। इस हमले की वजह से हमारी स्किन सेल्स बहुत तेजी से बढ़ने लगती हैं जिसके लक्षण हमें स्किन पर लाल चकते और सूजन के तौर पर दिखते हैं।
डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर रत्नाकर शुक्ला के अनुसार, इस बीमारी के की गंभीरता के आधार पर इसके अलग अलग प्रकार हैं जैसे –
1.प्लाक सोरायसिस- इसमें स्किन पर मोटे लाल चकत्ते होते हैं, जो सफेद परत से ढके होते हैं।
2.गटेट सोरायसिस- गटेट सोरायसिस में छोटे-छोटे धब्बे जैसे चकत्ते होते हैं। इनमें लगातार खुजली भी होती है।
3.इनवर्स सोरायसिस- इसमें शरीर के मोड़ों में लाल और चिकनी त्वचा होती है। जहां जहां भी आपका शरीर मुड़ता होगा, जैसे – आपका कोहनी, घुटना, पीठ या गर्दन वहाँ पर आपकी स्किन लाल हो जाएगी, जिसमें खुजली भी हो सकती है।
4.पुटुलर सोरायसिस- ये सोरायसिस का थोड़ा अलग टाइप है क्योंकि इसमें स्किन पर लाल नहीं, सफेद रंग के छोटे-छोटे धब्बे होते हैं।
5.एरिथ्रोडर्मिक सोरायसिस- सोरायसिस का ये सबसे गंभीर रूप है क्योंकि इसमें पूरे शरीर की स्किन पर सूजन और लाल चकते दिखाई दे सकते हैं।
यह सही है कि सोरायसिस बढ़ती उम्र के साथ दस्तक देता है जब हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और हार्मोनल इमबैलेन्स की वजह से अपने ही स्किन पर हमला करने लगता है लेकिन इसके कुछ बाहरी कारण भी हो सकते हैं। अमेरिकन हेल्थ डिपार्टमेंट की रिपोर्ट कहती है कि कुछ दवाइयों के असर की वजह से भी ऐसा होता है।
अमूमन लंबे समय से दिल की बीमारियों के लिए दवा खा रहे लोगों में ये देखा जाता है। इसके अलावा मोटापा भी इसका एक कारण बन सकता है। डॉक्टर रत्नाकर कहते हैं कि सायरोसिस के और भी कारण हो सकते हैं, जैसे – कई बार ये कुछ इन्फेक्शन के कारण भी होता है। कुछ एचआईवी के मरीजों में भी सायरोसिस (Psoriasis and swelling) देखा गया है। अगर आप बहुत ज्यादा स्मोकिंग करते हैं तो भी आपमें सायरोसिस के खतरे हो सकते हैं।
सोरायसिस (Psoriasis and swelling) में सूजन का कारण हमारी इम्यून सिस्टम का अलग तरीके से काम करना है। दरअसल, ऐसी स्थिति में हमारा इम्यून सिस्टम हमारी स्किन सेल्स को पहचान नहीं पाता और हमला करने लगता है। इस हमले से स्किन सेल्स का साइज बढ़ने लगता है और इसी के परिणाम स्वरूप सूजन बढ़ने लगती है। इसी वजह से स्किन में खुजली भी होती है।
सूजन की वजह ये भी है कि जब इम्यून सिस्टम अपना काम ठीक से नहीं करता तो वो अन्य पार्ट्स को भी डैमेज करता है, जैसे हार्ट जिससे हमारा ब्लड प्रेशर भी प्रभावित होता है। इस वजह से हमारे स्किन को ठीक तरह से ऑक्सीजन और न्यूट्रीएंट्स नहीं मिल पाते। स्किन में सूजन और इन्फेक्शन इस वजह से भी होते हैं।
सोरायसिस में त्वचा की देखभाल बहुत जरूरी है। त्वचा को नर्म और मुलायम बनाए रखें। जैसे – सोरायसिस के मरीजों को अपनी स्किन को लगातार मॉइस्चराइज करना चाहिए। इससे त्वचा में नमी बनी रहती है और सूजन कम होती है। इसके अलावा उन्हें गरम पानी से नहाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे उनकी स्किन और ज्यादा सूख सकती है जो कई समस्याओं को जन्म दे सकती है।
डॉक्टर रत्नाकर के अनुसार आपका खाना आपके शरीर के बीमारियों से निपटने के लिए सबसे जरूरी है। ऐसा ही सोरायसिस के भी साथ है। खाने में फल और सब्जियां शामिल करें जो एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर हों ताकि आपकी स्किन हेल्दी रह सके। इसके अलावा ऐसी चीजें जैसे – मछली, अखरोट या बादाम जिसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड मिले, उन्हें भी अपने खाने में शामिल करें। ध्यान रखें कि फाइबर भी इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने में हमारी मदद करता है। इसलिए साबुत अनाज जिसमें फाइबर खूब होते हैं, उन्हें स्नैक्स या खाने का हिस्सा जरूर बनाएं।
नियमित व्यायाम करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है। ब्लड सर्कुलेशन दुरुस्त होने से स्किन तक ऑक्सीजन और न्यूट्रीएंट्स खून के जरिए पर्याप्त मात्रा में पहुंचता है जिससे हमारी स्किन स्वस्थ रहती है। ये सूजन को कम करता है और सूजन को कंट्रोल करता है। इसके अलावा नियमित थोड़ा सा व्यायाम आपके स्ट्रेस लेवल को भी कंट्रोल करता है, इससे भी सोरायसिस कमजोर पड़ता है। अगर आप व्यायाम करने में खुद को कमजोर पा रहे हैं तो योग या मेडिटेशन को अपने दिनचर्या का हिस्सा जरूर बनाएं।
स्टेरॉयड क्रीम्स सूजन को कम करने में मदद करती हैं और आपके स्किन को ठंडा करती हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर आप इनका इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके अलावा डॉक्टर आपको ऐसी दवाएं दे सकते हैं जो आपके इम्यून सिस्टम के ठीक से काम करने में मदद करते हैं।
ऐसी दवाएं अगर डॉक्टर ने दिया हो तो उनका नियमित इस्तेमाल करें। सोरायसिस (Psoriasis and swelling) अक्सर स्किन सेल्स के बढ़ जाने से ही होती हैं, इसलिए डॉक्टर्स कई बार विटामिन डी क्रीम्स भी देते हैं ताकि स्किन सेल्स हरकत कम करें और आपकी सूजन कम हो। लेकिन याद रखें ये सब जतन आपको तब ही करने हैं जब डॉक्टर ने आपको ऐसा करने को कहा हो।
1.गर्म पानी से न नहाएं। यह त्वचा को और अधिक सूखा सकता है।
2.बहुत ज्यादा केमिकल युक्त साबुन का इस्तेमाल मत करिए। ये त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं, खासकर उनकी नमी को ऐसे साबुन कम कर देते हैं।
3.अभी हमने ऊपर पढ़ा कि ज्यादा स्मोकिंग भी सायरोसिस के कारणों में से एक है। इसलिए स्मोकिंग तो मत ही करें। इसके अलावा शराब से हमारे इम्यून सिस्टम को खतरा होता है। इससे सायरोसिस के खतरे बढ़ते हैं। इसलिए शराब को भी अपने आप से दूर रखिए।
4.सायरोसिस के दौरान खुजली होनी आम है। लेकिन जहां भी खुजली हो रही हो वहाँ खुजलाने से बचें। ये आपके स्किन इन्फेक्शन को और बढ़ा सकता है।
5. ज्यादा धूप में न जाएं। तेज धू प भी सोरायसिस को बढ़ाती है। जब भी धूप में जाने की मजबूरी हो, संस क्रीम का इस्तेमाल करिए।
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