Hair Fall Treatment : आयुर्वेद की नस्य क्रिया कम कर सकती है बालों का झड़ना, जानिए क्या है यह

अयुर्वेद में नस्य क्रिया या नस्य थेरेपी उन कारणों पर काम करती है जो बालों के झड़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसलिए इसे अन्य किसी भी उपाय से ज्यादा प्रभावी माना जाता है।
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शरीर में मौजूद तीन दोषों में से पित्त दोष की अधिकता को बालों के झड़ने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। चित्र : शटरस्टॉक
Published On: 22 Feb 2024, 09:30 am IST
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आज कल लोग अपने पतले होते बालों के लिए प्राकृतिक उपचार की तलाश कर रहे हैं। बाल झड़ने की समस्या से जूझ रहे कई लोगों की यह शिकायत होती है कि बहुत सारे ट्रीटमेंट ट्राई करने के बाद भी उन्हें राहत नहीं मिल सकी। बालों के झड़ने के प्राकृतिक उपचार के सबसे लोकप्रिय सामाग्रियों में आयुर्वेद उपचार, प्राकृतिक पैक और हर्बल सप्लीमेंट और दवाएं हैं। आयुर्वेद में एक ऐसी क्रिया है, जो हेयर फॉल का प्रभावी उपचार हो सकती है। जिसे नस्य क्रिया कहा जाता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

क्या है आयुर्वेद में बाल झड़ने का कारण

शरीर में मौजूद तीन दोषों में से पित्त दोष की अधिकता को बालों के झड़ने के लिए जिम्मेदार माना जाता है। हेयर फॉलिकल्स में एक उप-प्रकार का पित्त होता है, जिसे ब्रजक पित्त कहा जाता है। जब यह वात दोष के अन्य संयोजनों के साथ असंतुलित हो जाता है, तो बाल बहुत ज्यादा झड़ने लगते हैं।

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अगर आप बालों को हेल्दी बनाना चाहती हैं, तो स्कैल्प मसाज करना बेहद ज़रूरी है। चित्र : एडोबी स्टॉक

इसके अलावा बढ़ा हुआ कफ दोष रक्त ऊतकों के साथ मिलकर हेयर फॉलिकल्स चैनलों को अवरुद्ध कर देता है। बालों के रोम ख़राब होने लगते हैं, और जब उनमें पोषक तत्वों का प्रवाह पूरी तरह से इस हद तक अवरुद्ध हो जाता है कि बालों के रोमों का कोई नया विकास नहीं होता है और इस प्रकार गंजापन होता है।

इसलिए, जो कुछ भी शरीर में इस पित्त दोष को बढ़ाता है वह बालों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। गर्म मौसम, अत्यधिक खट्टा, नमकीन, तला हुआ, अम्लीय और अत्यधिक मसालेदार भोजन का सेवन, कॉफी, चाय और शराब का बहुत अधिक सेवन, लाल मांस से भरपूर मांसाहारी आहार और धूम्रपान कुछ ऐसे कारक हैं जो आयुर्वेद के अनुसार पित्त को बढ़ाते हैं।

आयुर्वेद की नस्य थेरेपी कम कर सकती है बालों का झड़ना

नस्य आयुर्वेद में एक चिकित्सीय प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य नासिका मार्ग को साफ करना और फिर से जीवंत करना है। आयुर्वेदिक दर्शन में, नाक को सिर का प्रवेश द्वार माना जाता है, और माना जाता है कि नस्य इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण ऊर्जा (प्राण) को संतुलित करने में मदद करता है।

इस क्रिया के दौरान, औषधीय तेल, हर्बल अर्क या पाउडर को नाक में डाला जाता है। नस्य में उपयोग किए जाने वाले कुछ सामान्य पदार्थों में तिल का तेल, घी, औषधीय हर्बल तेल और हर्बल पाउडर शामिल हैं। इस प्रक्रिया में आम तौर पर सिर को थोड़ा पीछे झुकाना और प्रत्येक नथुने में बूंद-बूंद करके औषधीय पदार्थ डाला जाता है।

बालों का झड़ना कैसे कम करती है नस्य क्रिया (How nasya helps in hair fall) 

1 स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ता है

नस्य थेरेपी सिर क्षेत्र में प्राण को संतुलित करने में मदद करती है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाती है। स्कैल्प में बेहतर सर्कुलेशन आपके बालों को बढ़ने में मदद करता है।

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2 कम होता है तनाव

तनाव को बालों के झड़ने का सबसे महत्वपूर्ण कारण माना जाता है। नस्य चिकित्सा, आपको आराम देती है और तंत्रिका तंत्र को संतुलित करके, तनाव के स्तर को कम करने में मदद कर सकती है।

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नस्य आयुर्वेद में एक चिकित्सीय प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य नासिका मार्ग को साफ करना।

3 दोषों को संतुलित करती है

शरीर के दोषों में असंतुलन बालों के झड़ने सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। नस्य थेरेपी दोषों, विशेष रूप से वात और कफ दोषों को संतुलित करने में मदद करती है, जो अक्सर बालों और स्कैल्प के स्वास्थय को प्रभावित करते हैं।

4 स्कैल्प और बालों को पोषण मिलता है

नास्य थेरेपी में उपयोग किए जाने वाले अलग अलग हर्बल तेलों या पदार्थों का उपयोग स्कैल्प और बालों के रोमों को पोषण देता है। नस्य में उपयोग किए जाने वाले कुछ हर्बल तेल, जैसे ब्राह्मी तेल या भृंगराज तेल, आपको बालों को मजबूत करते है।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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