कहीं भी बाहर निकलने से पहले या किसी समारोह में शामिल होने से पहले महिलाएं मेकअप करना चाहती हैं। सुंदर और स्वस्थ दिखने की चाहत में वे केमिकल से भरपूर ऐसे मेकअप प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर लेती हैं, जो उनकी स्किन को हानि पहुंचाते हैं। इन प्रोडक्ट्स से स्किन पर न सिर्फ एक्ने और पिंपल्स की समस्या हो जाती है, बल्कि दाग-धब्बे भी हो जाते हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि मेकअप करना बुरा नहीं है, लेकिन केमिकल का अत्यधिक प्रयोग स्किन के लिए हानिकारक होता है। यदि हर्बल और नेचुरल सामग्रियों से तैयार प्रोडक्ट्स (benefits of herbal makeup) का इस्तेमाल किया जाए, तो मेकअप स्किन को हील कर सकता (makeup on healing skin) है।
मेकअप स्किन को हील कर संपूर्ण पोषण किस तरह दे सकता है, इसके बारे में कामा आयुर्वेद के आयुर्वेदिक सलाहकार डॉ. विवेकानंद ने हेल्थशॉट्स को विस्तार से बताया।
डॉ. विवेकानंद कहते हैं, ‘स्किन पर अप्लाई करने के लिए किस तरह के प्रोडक्ट का आप चुनाव करती हैं, यह सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। यदि आप मेकअप को उतारने या रात में सोने से पहले नेचुरल क्लींजिंग मिल्क का इस्तेमाल करती हैं, तो इसमें मौजूद इनग्रीडिएंट्स स्किन की छोटी-मोटी समस्याओं को भी खत्म कर देंगी।’
पिंपल्स खत्म करने वाले तथा अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट में बेंजोयल पेरोक्साइड केमिकल होता है, जिससे स्किन ड्राय हो जाती है और रेड रैशेज हो जाते हैं। वहीं यदि टी ट्री ऑयल और लैवेंडर के अर्क वाले नेचुरल ब्यूटी प्रोडक्ट का प्रयोग किया जाए, तो ड्रायनेस और जलन से राहत मिल जाती है। साथ ही, स्किन को संपूर्ण पोषण मिल जाता है और वह मुलायम हो जाती है।
सूर्य की हानिकारक अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचाव के लिए हम कई सारे सनस्क्रीन लोशन का प्रयोग करते हैं। इसमें मौजूद जिंक ऑक्साइड, टाइटेनियम ऑक्साइड स्किन को रूखा और बेजान बनाते हैं। साथ ही असमय झुर्रियां भी आने लगती हैं।
वहीं अश्वगंधा, गोखरू, भृंगराज आदि जैसे आयुर्वेदिक सामग्रियों वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल किया जाए, तो स्किन मॉयश्चराइज हो जाती है और असमय झुर्रियों से भी बचाव होता है।
मेकअप के लिए जिस फाउंडेशन क्रीम का इस्तेमाल किया जाता है, उसमें सिलिकॉन, माइक्रोप्लास्टिक, ग्लूटेन और आर्टिफिशियल सुगंध मौजूद होते हैं। ये कुछ घंटों के लिए तो स्किन को धब्बे रहित रखते हैं, लेकिन बाद में स्किन के इनर लेयर को नुकसान पहुंचा कर दाग-धब्बे बना देते हैं। जैस्मिन, मोगरा जैसे फूलों के अर्क और ऑलिव ऑयल से तैयार फाउंडेशन दाग-धब्बे दूर कर स्किन की अंदरूनी परत की टूटफूट को भी रिपेयर कर देते हैं।
हम अपने लिप्स को सजाने के लिए लिप्सटिक का प्रयोग करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार रूखे और फटे हुए लिप्स स्किन की अंदरूनी ड्रायनेस के कारण होती है।
यदि गाय के घी, गुलाब, सूर्यमुखी के फूल और तिल के तेल से तैयार लिप्सटिक का प्रयोग किया जाए, तो न सिर्फ लिप्स को पर्याप्त नमी मिलेगी, बल्कि उनके रंग में भी निखार आएगा।
डॉ. विवेकानंद कहते हैं, कई फेशवॉस लिक्विड या क्रीम में रोज पेटल्स मौजूद होते हैं। इनमें मौजूद विटामिन स्किन के डैमेज सेल्स को रिपेयर कर देते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट गुणों वाली गुलाब की पंखुड़ियां स्किन को पॉल्यूशन के कारण होने वाले नुकसान से भी बचाव करती है। मेकअप उतारने के लिए जिस फेशवॉश क्रीम का इस्तेमाल किया जाता है, यदि उसमें विटामिन ई से भरपूर जोजोबा, कैस्टर सीड ऑयल या ऑलिव ऑयल मौजूद हो, तो गंदगी साफ करने के अलावा, स्किन को पर्याप्त नमी भी मिलेगी।
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