हाई कॉर्टिसोल भी हो सकता है स्किन प्रोब्लम्स का कारण, जानिए त्वचा पर कैसे दिखता है तनाव

कॉर्टिसोल हार्मोन एक स्ट्रैस हार्मोन है, जिसका स्तर बढ़ने से त्वचा में सीबम प्रोडक्शन बढ़ने लगता है, जो स्किन संबधी समस्याओं का कारण बन जाता है। जानते हैं कॉर्टिसोल से बढ़ने वाली स्किन समस्याएं और उससे डील करने के उपाय
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शरीर में उच्च कोर्टिसोल का स्तर स्किन में सीबम के प्रोडक्शन को बढ़ा देता है। । चित्र : शटरस्टॉक
Published On: 1 Jul 2024, 08:00 am IST
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त्वचा में आने वाले बदलाव कई समस्याओं का संकेत हो सकते हैं। कुछ लोगों को बार बार मुहांसों का सामना करना पड़ता है तो कुछ लोग स्किन पर बढ़ने वाले फ्रेकल्स की समस्या से परेशान है। हांलाकि प्रयोग की जाने वाले क्रीम और अन्य फैंसी थेरेपीज़ का इस्तेमाल लॉन्गलास्टिंग नहीं होता है। दरअसल, शरीर में हार्मोनल असंतुलन भी स्किन संबधी समस्याओं का कारण बनने लगता है। कॉर्टिसोल हार्मोन एक स्ट्रैस हार्मोन है, जिसका स्तर बढ़ने से त्वचा में सीबम प्रोडक्शन बढ़ने लगता है, जो स्किन संबधी समस्याओं का कारण बन जाता है। जानते हैं कॉर्टिसोल से बढ़ने वाली स्किन समस्याएं और उससे डील करने के उपाय भी।

जर्नल ऑफ वेस्टलेक डर्माटोलॉजी के अनुसार शरीर में उच्च कॉर्टिसोल का स्तर स्किन में सीबम के प्रोडक्शन को बढ़ा देता है। इसके चलते स्किन पोर्स बंद हो जाते है। इसके चलते एक्ने, ब्लैकहेड्स, सूजन और संक्रमण का खतरा बना रहता है। इसके चलते मुँहासों का सामना करना पड़ता हैं। इस हार्मोन की मात्रा शरीर में बढ़ने से एक्जिमा, सोरायसिस या रोसैसिया जैसे अन्य त्वचा विकारों का जोखिम बढ़ने लगता है।

जानते हैं एक्सपर्ट से कॉर्टिसोल हार्मोन किस प्रकार से करता है त्वचा को प्रभावित

1. त्वचा का लचीलापन कम होना

इस बारे में एम डी, डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ अमित कुमार मीना बताते हैं कि शरीर में कॉर्टिसोल बढ़ जाने से एजिंग की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। दरअसल कॉर्टिसोल को कोलेजन किलर माना जाता है। ऐसे में कोलेजन का प्रोडक्शन कम होने से त्वचा का लचीलापन कम होने लगता है। इसके चलते स्किन पर रिंकल्स की समस्या बढ़ जाती है।

Skin elasticity kaise kum hone lagti hai
शरीर में कॉर्टिसोल बढ़ जाने से एजिंग की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

2. मुहासों का बढ़ना

त्वचा में सीबम के प्रोडक्शन में बढ़ोतरी होने से क्लॉग पोर्स की समस्या बढ़ने लगती है। इससे त्वचा पर जमा तेल पोर्स में भर जाता है और ब्लैकहेड्स का सामना करना पड़ता है। ऐसे में त्वचा पर बार बार मुहासों का सामना करना पड़ता है। एक्ने ब्रेकआउट के अलावा सूजन और संक्रमण की समस्या भी बढ़ जाती है।

3. रैशेज का खतरा

अधिक मात्रा में सीबम रिलीज़ होने से सेंसिटिव स्किन पर रैशेज की समस्या बढ़ जाती है। इससे स्किन पर रैड पैचेज और सूजन का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा कुछ लोगों को सोरायसिस और एग्जिमा का सामना करना पड़ता है। इससे स्किन डलनेस बढ़ जाती है।

4. फेशियल हेयर बढ़ जाना

डॉ अमित कुमार मीना बताते हैं कि तनाव हार्मोन कॉर्टिसोल के उच्च स्तर से शरीर और चेहरे पर बालों की ग्रोथ बढ़ जाती है। इससे स्किन की खूबसूरती कम होने लगती है और अनचाहे बालों का सामना करना पड़ता है।

इस समस्या से बचने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें

1. स्किन केयर रूटीन अपनाएं

अपनी त्वचा का मॉइश्चराइज़ करें और सनस्क्रीन का इस्तेमाल अवश्य करें। इससे स्किन यूथफुल रहती है और स्किन सेल्स को रिपेयर करने में मदद मिलती है। इसके अलावा मार्निंग और नाइट स्किन केयर रूटीन को फॉलो करें। इससे स्किन रिलैक्स हो जाती है और सीबम के प्रोडक्शन को नियंत्रित किया जा सकता है।

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टैनिंग से बचने का आपका विश्वसनीय तरीका क्या है?

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हेल्दी स्किन पाने के लिए स्किन केयर रुटीन फॉलो करें। चित्र शटरस्टॉक

2. ब्रीदिंग एक्सरसाइज़

स्किन पर बढ़न वाली झुर्रियों की समस्या को रिवर्स करने के लिए कुछ वक्त ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करें। इससे तनाव का स्तर शरीर में कम होने लगता है और हार्मोनस को संतुलित करने में भी मदद मिलती है। इससे शरीर में एनर्जी बूस्ट होती है और मूड स्विंग से बचा जा सकता है।

3. भरपूर नींद लें

दिन में 8 से 10 घंटे की नींद अवश्य लें। इससे तनाव के स्तर को कम किया जा सकता है और मेंटल हेल्थ बूस्ट होने लगती है। तनाव को घटाने के लिए सोने और उठने का समय तय कर लें। इससे नींद न आने की समस्या भी हल होने लगती है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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