छोटे और बड़े शहरों में रहने वाली लाखों-करोड़ों महिलाओं को दिन के दस से बारह घंटे घर से बाहर बिताने पड़ते हैं। अजीब ये है कि हर शहर धूल-मिट्टी और प्रदूषण के मामले में किसी से पीछे नहीं है। इस सब का असर सबसे पहले नजर आता है उनकी स्किन पर। जो लड़कियां ज्यादातर फील्ड में रहती हैं, उनकी स्किन पर क्या बीतती हैं, वे बेहतर जानती हैं। असल में वायु प्रदूषण न सिर्फ आपके लिए सांस लेना मुश्किल करता है, बल्कि यह आपकी त्वचा को भी उम्र से पहले बूढ़ा बना देता है। आइए जानते हैं आपकी स्किन (Air pollution effect on skin) को कैसे प्रभावित करता है वायु प्रदूषण।
तनाव, आहार और खराब स्किन केयर के बाद जो कारक सबसे ज्यादा स्किन को प्रभावित करता है, वह है वायु प्रदूषण। असल में हवा में मौजूद इन तत्वों को पार्टिकुलेट मैटर (particulate matter) के रूप में जाना जाता है। इसके सॉलिड पार्टिकल्स, गैसियस फॉर्म और लिक्विड फॉर्म भी हो सकते हैं।
एयर पाॅल्यूशन (Air pollution) में कुछ ऐसे पॉल्यूटेंट भी मौजूद हो सकते हैं, जिन्हें सादा आंखों (Naked eye) से देखना मुश्किल होता है। हीटिंग, इंडस्ट्री और गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ भी एयर पॉल्यूशन में शामिल है। ये सारे तत्व मिलकर आपकी स्किन को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं, इस बारे में विस्तार से बता रहीं हैं स्किन ऐंड ब्यूटी एक्सपर्ट निशा मोदी।
निशा मोदी के अनुसार, पॉल्यूटेड शहरों में रहने वाली महिलाएं अपनी स्किन को साफ रखने के लिए स्किन केयर प्रोडक्ट का बहुत अधिक इस्तेमाल करती हैं। इससे उनकी स्किन डिहाइड्रेटेड हो जाती है। इससे स्किन में एक्सफोलिएशन अच्छी तरह नहीं हो पाता है।
पॉल्यूशन पार्टिकल्स के साथ कुछ केमिकल भी स्किन लेयर में प्रवेश कर जाते हैं। इससे ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस हो जाता है। इसका दुष्परिणाम यह होता है कि स्किन बैरियर कमजोर पड़ने लगते हैं। इससे स्किन इन्फ्लेमेशन को बढ़ावा मिल जाता है। कई स्किन डिजीज जैसे कि एग्जिमा होने की संभावना बनने लगती है।
यदि स्किन से पॉल्यूशन पार्टिकल्स का एक्सपोजर ज्यादा होता है, तो स्किन पिगमेंटेशन होने लगती है। जिससे स्किन डल हो जाती है और उस पर झुर्रियां भी होने लगती हैं। नतीजतन आप उम्र से पहले बूढ़ी दिखने लगती हैं।
4 एक्ने और पिंपल्स की समस्या
एयर पॉल्यूशन पार्टिकल्स स्किन पोर्स को बंद कर देते हैं। इससे उन्हें बार-बार एक्ने और पिंपल्स की समस्या से जूझना पड़ता है। और जब आप इनका उपचार करती हैं, तो त्वचा को अतिरिक्त अत्याचार झेलना पड़ता है। प्रदूषण के कारण फ्री रेडिकल्स भी डैमेज होने लगते हैं, जिससे आपकी त्वचा असमय एजिंग की शिकार हो जाती है। यानी समय से पहले चेहरे पर झुर्रियां आ जाती हैं।
अल्ट्रा वाॅयलेट रेज (UV Rays) स्किन के लिए खतरनाक हैं। कम्पयूटर और मोबाइल से निकलने वाली ब्लू लाइट भी स्किन को नुकसान पहुंचा सकती है। पर्व-त्योहारों पर फूटने वाले पटाखों या खेतों में जलाई जाने वाली पराली के कारण उत्पन्न हुए स्मॉग से निकले कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और लेड भी स्किन को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। ये प्रदूषण के वे तत्व हैं, जिनका अलग-अलग समय पर आपकी स्किन को सामना करना पड़ता है। जिसके चलते आपकी स्किन डल, ड्राई और समय के साथ-साथ गहरे रंग की होती जात है।
इस सवाल का जवाब है, ‘हां’। मगर कुछ हद तक। त्वचा विशेषज्ञ निशा मोदी सुझाव देती हैं कि बच्चे जैसी बेदाग और सौम्य त्वचा पाना प्रदूषित शहरों में एक सपना हो सकता है। पर अगर आप अपनी उम्र के बीस के दशक में ही अपनी त्वचा का ठीक से ख्याल रखें, तो वायु प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभावों को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
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कस्टमाइज़ करें1 ज्यादा एसपीएफ (SPF) और मिनरल बेस्ड सनब्लॉक क्रीम (Sunblock Cream) का इस्तेमाल करें।
2 ब्लू लाइट के दुष्प्रभाव से बचने के लिए SPF वाली बीबी क्रीम (Beautifying Balm) फायदेमंद होती है। इसे दिन में दो बार जरूर लगाएं।
3 विटामिन-सी और विटामिन-ई के फॉर्म्यूलेशन वाली नाइट क्रीम का इस्तेमाल करें।
4 सोने से पहले पानी तथा अच्छे फेश वॉश से चेहरा जरूर साफ करें। ताकि दिन भर की जमा धूल साफ हो जाए।
5 ऐसे स्किन प्रोडक्ट का इस्तेाल करें, जिससे स्किन मॉयश्चराइज हो सके।
6 बाहर जाते समय चेहरे पर स्कार्फ या फिर मास्क पहनेें। ताकि स्किन डायरेक्ट पॉल्यूशन के संपर्क में न आ सके।
7 हमेशा समय पर और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेने से आप अपनी त्वचा की सौम्यता और नमी बचाए रख सकती हैं।
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