व्यक्ति की उम्र बढ़ने के साथ ही उसका शरीर भी कमजोर होता जाता है। त्वचा पर बढ़ती उम्र के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। उम्र बढ़ने के साथ इंसान की त्वचा के साथ-साथ बालों में भी बहुत बड़ा बदलाव आता है। उम्र बढ़ने के साथ बाल पतले हो सकते हैं और व्यक्ति को बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है। अलग-अलग लोग बालों की बनावट, रंग और मोटाई से जुड़े अलग-अलग बदलावों का अनुभव कर सकते हैं।
हाल ही में एक इंस्टाग्राम पोस्ट में, सेलिब्रिटी त्वचा विशेषज्ञ डॉ जयश्री शरद ने खुलासा किया, “जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, रोम छिद्र से कम मेलेनिन का उत्पादन होता है, जिसके कारण हमारे बाल अपना रंग खोना शुरू कर देते हैं और भूरे हो जाते हैं। जब बाल उगना कम होते हैं, तो इससे बाल पतले होने लगते हैं। उम्र बढ़ने के अलावा कुछ अन्य कारण भी हैं, जिनके कारण बाल झड़ने के शुरुआती लक्षण दिखते हैं, जिसमें तनाव, अनहेल्दी खानपान, धूम्रपान, प्रदूषण, केमिकल युक्त हेयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल, हार्मोनल असंतुलन और पोषण की कमी शामिल है।
यहां जानिए आपके बालों पर कैसे दिखाई देती है बढ़ती उम्र
डॉ. शरद के अनुसार, उम्र के साथ बालों में तीन बड़े बदलाव आते हैं:
1. बालों का पतला होना या बालों का झड़ना
हममें से ज्यादातर लोगों के आमतौर पर हर दिन 50-100 बाल झड़ते हैं। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमें मानव शरीर पुराने बालों को छोड़ देता है, क्योंकि रोम से नए बाल उगते और बढ़ते रहते हैं। उम्र के साथ, जब कुछ रोम नए बाल पैदा करना बंद कर देते हैं, तो इससे बाल अपने आप पतले हो जाते हैं और बालों का घनत्व कम हो जाता है, जिसे बालों का झड़ना भी कहा जा सकता है। वास्तव में, उम्र की वजह से आए हार्मोनल बदलाव न सिर्फ आपके बालों की ग्रोथ को बल्कि आपकी स्कैल्प को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
2. बाल घुंघराले या भूरे हो जाते हैं
जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, उनके बाल भी अधिक झड़ते हैं। बाल पहले की तरह चमकदार या चिकने नहीं रह जाते हैं और घुंघराले भी हो सकते हैं। इसके पीछे कुछ पर्यावरणीय कारक हो सकते हैं, जैसे पराबैंगनी (UV rays) किरणें, आर्द्रता (humidity) और हवा (air)।
इसी तरह, बालों के लिए बने उत्पादों और बालों के उपचार में इस्तेमाल हुए रसायनों का बालों की संरचना पर भारी प्रभाव पड़ सकता है। जिसके परिणामस्वरूप बाल पहले जैसे नहीं रह जाते हैं। समय के साथ, ये समस्याएं बालों को अधिक नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे बालों के टूटने की संभावना बढ़ जाती है। अंततः वे भूरे या सफेद भी हो जाते हैं। हर किसी को अपना पहला सफ़ेद बाल ज़रूर याद होता है ?
उम्र के साथ, एक व्यक्ति बालों के व्यास (मोटाई-width) में कमी का अनुभव करता है, जिससे बालों की ग्रोथ के लिए ज़रूरी टेंसिल (tensile) में कमी आती है। इस कमी के कारण बालों में पोषण कमी के कारण वे कमजोर हो जाते हैं और टूटने की संभावना अधिक हो जाती है। अधिक बाल झड़ने और कमजोर बालों का मतलब बालों की मोटाई और बालों की लंबाई का कम होना है।
हर व्यक्ति को उम्र बढ़ने के साथ बालों के झड़ने या उनकी बनावट और गुणवत्ता में बदलाव की समस्या होती ही है। इसलिए सबसे अच्छा है कि आप अपने बालों की देखभाल पर ध्यान दें। ताकि समय के साथ बालों के झड़ने की संभावना को कम किया जा सके। इसके अलावा, हेयर एक्सपर्ट से कंसल्ट करना भी बालों को स्वस्थ बनाए रखने का एक विकल्प हो सकता है।
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