बाहों, अंडर आर्म्स और पैरों जैसे शरीर के कुछ हिस्सों से बालों को हटाने का सबसे बेहतर तरीका वैक्सिंग है। वैक्सिंग करके एक ही बार में काफी बड़े हिस्से से अनचाहे बालों को हटाया जा सकता है। वैक्सिंग करने से बाल जड़ से निकल जाते हैं। हालांकि इस प्रक्रिया में थोड़ा दर्द होता है, लेकिन परिणाम संतोषजनक होते हैं।
स्किन भी मुलायम और चिकनी लगती है । समय के साथ, बाल मुलायम हो जाते हैं। कहा जाता है कि वैक्सिंग से बालों की ग्रोथ धीरे-धीरे कम हो जाती है और वैक्स कराने का समय बढ़ता रहता है।
हॉट वैक्स में चीनी और नींबू, या शहद और नींबू से बनी वैक्स का इस्तेमाल किया जाता है । ये अधिक तापमान पर पिघल जाते हैं और ठंडे होने पर स्किन पर सख्त हो जाते हैं। हॉट वैक्स बालों के बढ़ने की दिशा में स्किन पर लगाई जाती है।
सूती कपड़े की पट्टियों को वैक्स पर रखकर दबाया जाता है और फिर बालों के बढ़ने की दिशा में खींच लिया जाता है। हॉट वैक्स से वैक्सिंग करना ज्यादा कारगर होता है।
कोल्ड वैक्स पैराफिन वैक्स और रेसिन जैसी सामग्रियों से बनाई जाती है । रेडीमेड कोल्ड वैक्स या वैक्सिंग स्ट्रिप्स भी आती हैं। शरीर के बड़े हिस्से पर वैक्स करने के लिए कोल्ड वैक्स ज्यादा असरदार होती है। कभी-कभी, स्किन पर वैक्स रह जाती है, जिन्हें हटाना पड़ता है।
यदि आप वैक्सिंग के लिए ब्यूटी सैलून नहीं जा सकते हैं, तो आप वैक्स स्ट्रिप्स से घर पर ही वैक्सिंग कर सकते हैं। शुरू में थोड़ा दर्द हो सकता है, लेकिन आसानी से इनका इस्तेमाल किया जा सकता है और समय भी अधिक नहीं लगता है।
परिणाम भी अच्छा मिलता है। वैक्सिंग किट में पहले से ही उचित मात्रा में वैक्स से ढकी हुई वैक्स स्ट्रिप्स होती हैं, इसलिए आपको किसी भी वैक्स को गर्म करने और अपनी स्किन पर सही मात्रा में लगाने की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
ब्यूटी सैलून द्वारा चीनी और नींबू से बनी वैक्स का इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है। इसे सैलून में करना बेहतर है, क्योंकि ब्यूटीशियन के पास बालों को हटाने की ट्रेनिंग होती है। इस बात का ध्यान रखें कि वैक्स ज्यादा गर्म न हो, क्योंकि इससे स्किन पर जलन हो सकती है।
वैक्स के थोड़ा ठंडा होने पर इसे अपनी उंगली पर चैक करें। यह वैक्स चीनी, नींबू और पानी जैसे प्राकृतिक अवयवों से बनती है, जो त्वचा के लिए फायदेमंद होते हैं और समय के साथ टैन को दूर करने में भी मदद करते हैं।
स्किन के ट्रीटमेंट में अधिकतर चॉकलेट वैक्स का इस्तेमाल किया जाता है। महंगे स्पा और सैलून में, चॉकलेट वैक्सिंग प्रीमियम ट्रीटमेंट बन गया है। यह विशेष रूप से तैयार किए गए वैक्स से किया जाता है, जिसमें कोको बीन्स या डार्क चॉकलेट होता है।
शोध से पता चला है कि डार्क चॉकलेट में कोको की मात्रा होने के कारण स्किन को फायदा होता है। इसमें बहुत अधिक मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जिसके एंटी-एजिंग लाभ होते हैं।
चॉकलेट स्किन को मुलायम और कोमल बनाती है। कोको बीन्स भी एंटी- इंफ्लेमेंटरी हैं। ऐसे में चॉकलेट वैक्सिंग करने से सूजन कम होती है और लालपन व दर्द भी कम होता है। चॉकलेट वैक्सिंग से असुविधा भी कम होती है। लम्बे समय तक वैक्स की जरूरत नहीं पड़ती।
सिर्फ इतना ही नहीं चॉकलेट में स्वादिष्ट सुगंध होती है, जिससे शरीर को आराम मिलता है। क्योंकि इसमें मूड बदलने वाले गुण होते हैं। यह मन को शांत करता है और “फील-गुड” महसूस होता है।
आजकल एलोवेरा या स्ट्रॉबेरी जैसे प्राकृतिक तत्व से बनी रेडीमेड वैक्स भी उपलब्ध हैं। एलोवेरा स्किन को मॉइश्चराइज, कोमल और ठीक करने में मदद करता है। एलोवेरा में एंटी- इंफ्लेमेंटरी गुण होते हैं। यह छोटे बालों के लिए सुविधाजनक है और यह कम तापमान पर काम करती है।
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