कई बार हम ढेर सारा स्किन केयर प्रोडक्ट खरीद तो लेते हैं, लेकिन उनका उपयोग नहीं करते हैं। समय की कमी या लापरवाही की वजह से हम जब काम से वापस आते हैं, तो बिना फेश वाॅश किये सो जाते हैं। कई बार बिना सनस्क्रीन के प्रयोग के घर से बाहर निकल जाते हैं। कुछ मामलों में यह भी हो सकता है कि स्किन की साफ़-सफाई के चक्कर (importance of skin care) में बहुत अधिक स्किन एक्स्फोलिएट कर लेते हैं।
एक्सपर्ट बताते हैं कि स्किन केयर को अवॉयड करने से न सिर्फ हमारी स्किन, बल्कि लाइफ की गुणवत्ता (Life quality) भी प्रभावित हो जाती है। डर्मेटोलोजिस्ट और स्किन एक्सपर्ट डॉ. गीतिका गोयल बताती हैं कि यदि स्किन केयर के आसान से टिप्स को हम नियमित रूप से फ़ॉलो करें, तो हमारी क्वालिटी ऑफ़ लाइफ (importance of skin care) में सुधार आ सकता है। कॉन्फिडेंस विकसित हो सकता है।
डॉ. गीतिका कहती हैं, ‘त्वचा की देखभाल (Skin Care) संपूर्ण स्वास्थ्य और आपके अपीयरेंस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह शरीर का सबसे बड़ा अंग है। त्वचा की देखभाल के अंतर्गत मुख्य रूप से चेहरे, गर्दन, हाथ-पैर, चेस्ट के साथ-साथ प्राइवेट पार्ट्स की स्किन की देखभाल भी जरूरी है।
इसमें क्लींजिंग, मॉइस्चराइजिंग और समस्याओं के इलाज पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। स्किन हमारे आंतरिक तंत्र के लिए एक बैरियर के रूप में कार्य करती है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
जब त्वचा ड्राई या इरिटेटिंग होती है, तो स्किन क्रेक हो सकते हैं। इससे संक्रमण होने का खतरा अधिक हो जाता है। धूप और हानिकारक किरणों से बचाने में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसीलिए वयस्कों और बच्चों को भी रोजाना सनस्क्रीन लगाने की सलाह दी जाती है। सबसे आम कैंसर स्किन कैंसर किसी भी उम्र के लोगों में हो सकता है।’
डॉ. गीतिका के अनुसार, यदि आपको ऑफिस से आने के बाद चेहरा धोने की आदत नहीं है, तो यह आदत डाल लें। आपका चेहरा धोने का तरीका क्या है, इस पर भी ध्यान दें। बहुत अधिक रगड़ने या केमिकल के अत्यधिक इस्तेमाल से स्किन फोलिकल्स पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। साफ़ करते समय स्किन टाइप का ख्याल रखना और सही फेस-वाशिंग तकनीक की प्रैक्टिस आवश्यक है। चेहरे को दिन में दो बार से ज्यादा नहीं धोएं। बहुत अधिक गर्म या बहुत अधिक ठंडे पानी का प्रयोग नहीं करें।
उम्र के अलग-अलग पड़ाव में आपकी स्किन बदलती रहती है। इसलिए साल में एक बार डेर्मेटोलोजिस्ट से जरूर मिलें। एक स्किन एक्सपर्ट आपके पूरे शरीर की जांच कर सकता है। यदि आपको किसी तरह की घाव, तिल या पिगमेंट है, तो वह उसके आधार स्किन का इलाज करेगा और उसके अनुकूल प्रोडक्ट का सुझाव देगा।
हर दिन सनस्क्रीन एप्लाई करना और हर दो घंटे में फिर से लगाना सभी के लिए जरूरी है।यह यूवी किरणों से होने वाली क्षति को रोकने के लिए जरूरी है। अक्सर ठंड के दिनों में या बादल वाले दिनों में हम सनस्क्रीन नहीं एप्लाई करते हैं।
आपकी स्किन के अनुसार डर्मेटोलोजिस्ट आपको उचित एसपीएफ़ वाले सनस्क्रीन का सुझाव दे सकती हैं। पर्यावरणीय कारकों जैसे कि प्रदूषण और उपकरणों से निकलती है नीली रोशनी। इसके खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करने वाला मिनरल सनस्क्रीन आपके लिए सही है या नहीं, स्किन हेल्थ के लिए यह जानकारी होना जरूरी है।
स्किन केयर रूटीन के महत्व को कम मत आंकें। त्वचा की देखभाल की रूटीन के लिए अपनी स्किन के प्रकार और लाइफस्टाइल को भी ध्यान में रखना चाहिए। इसके अंतर्गत एक माइल्ड क्लीन्ज़र, टोनर, मॉइस्चराइज़र, सनस्क्रीन, एक्सफ़ोलिएंट और सीरम भी शामिल हैं। ऑयली स्किन के लिए ऐसे स्किनकेयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें, जो प्लांट एक्सट्रेक्ट, एंटीऑक्सिडेंट और हायलूरोनिक एसिड से बने होते हैं।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंसंवेदनशील स्किन के लिए ऐसे स्किनकेयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें, जो स्किन केयर के साथ-साथ हाइड्रेटेड दिखे और महसूस कराए। ड्राई स्किन की नमी बहाल हो सके और स्किन हाइड्रेट हो सके। ध्यान रखें कि अत्यधिक मात्रा में स्किन एक्स्फोलिएशन से स्किन में क्रैक हो सकती है। समय से पहले एजिंग शुरू हो सकती है।
यह भी पढ़ें :- क्या सनटैन से बचने के लिए काफी है सनस्क्रीन का इस्तेमाल? जानिए इस बारे में क्या कहते हैं स्किन एक्सपर्ट