क्या रूखापन फिश स्केल त्वचा का कारण बन रहा है? पढ़िए इस बारे में एक्सपर्ट क्या कहते हैं
त्वचा का रूखापन सर्दियों का एक संकट है जो हर किसी को परेशान करता है, लेकिन थोड़ी सी भी देखभाल त्वचा के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में बहुत मदद करती है। इसे अनदेखा करने से अत्यधिक सूखापन भी हो सकता है, जो बदले में इचथ्योसिस वल्गरिस (ichthyosis vulgaris) या फिश स्केल त्वचा की समस्या (Fish scale skin disease) नामक स्थिति को जन्म दे सकता है।
सर्दियों में, त्वचा शुष्क हो जाती है। जिससे संवेदनशीलता और खुजली होने का खतरा बढ़ जाता है। इस सब के लिए कड़ाके की ठंड, तेज हवा, गर्म पानी जिम्मेदार हो सकते हैं। इस मौसम में पहले से मौजूद कई त्वचा रोग जैसे डैंड्रफ और एक्जिमा भी बढ़ सकते हैं।
सौम्या जगदीशन, एसोसिएट प्रोफेसर, त्वचाविज्ञान विभाग, अमृता अस्पताल, कोच्चि, हेल्थशॉट्स को बताती हैं, “त्वचा की अत्यधिक शुष्कता विरासत में मिली या अधिग्रहित कारणों से हो सकती है। शरीर पर मछली जैसी त्वचा के रूप में प्रकट हो सकती है। जिसे इचिथोसिस (इचिथिस) (ichthyosis) भी कहा जाता है। यह त्वचा विकारों का एक समूह है।”
इचथ्योसिस के कारणों के बारे में और जानें, जिसे फिश स्केल डिजीज भी कहा जाता है :
इचथ्योसिस, जिसे फिश स्केल डिजीज या फिश स्केल स्किन डिजीज के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार का त्वचा विकार है। जो जन्म के कुछ महीनों बाद, देखने को मिल सकता है। वयस्कों में, इचिथोसिस एक चिकित्सा बीमारी के कारण या किसी दवा के इफेक्ट से भी हो सकता है। इसे ‘अधिग्रहित’ इचिथोसिस कहा जाता है। जगदीशन के अनुसार ठंड के मौसम में सूखापन और स्केलिंग हो सकती है।
खुजली आमतौर पर अत्यधिक शुष्कता से जुड़ा एक प्रमुख लक्षण है। इसलिए, सावधानी बरतना और अपनी त्वचा को पोषण देना लंबे समय में फायदेमंद हो सकता है। जगदीशन कहती हैं, “अत्यधिक शुष्क त्वचा या इचिथोसिस वाले लोगों को शरीर के अधिक गर्म होने, सीमित गतिशीलता, द्वितीयक जीवाणु संक्रमण आदि से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। खुजली वाली सूखी त्वचा अक्सर त्वचा पर देखी जाती है, खासकर सर्दियों के दौरान।”
कहने की जरूरत नहीं है कि सर्दियों के मौसम में अपनी त्वचा की अतिरिक्त देखभाल करना और अपनी त्वचा को हाइड्रेट और मॉइस्चराइज रखना बहुत जरूरी है।
वह आगे बताती हैं कि वयस्कों में, इचिथोसिस कई अन्य बीमारियों जैसे कि गुर्दे की विफलता, कुछ कैंसर, कुष्ठ और एचआईवी के परिणामस्वरूप भी हो सकता है।
इचिथोसिस के अलावा, कई अन्य कारक हैं जो आपकी त्वचा पर मछली की तरह स्केल का कारण बनते हैं। इनमें डैंड्रफ (जिसे सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस भी कहा जाता है), सोरायसिस (एक प्रकार का त्वचा रोग जो आपकी त्वचा को लाल और खुजलीदार बनाता है) और एक्जिमा (एटोपिक डर्मेटाइटिस के रूप में भी जाना जाता है) जैसे कुछ सामान्य कारक शामिल हो सकते हैं।
विशेषज्ञ बताते हैं कि कैसे ये कारक त्वचा के रूखेपन और मछली जैसी स्किन का कारण बनते हैं:
सर्दियों के मौसम में त्वचा का रूखापन भद्दा और खुरदुरा दिखाई दे सकता है। लेकिन उचित कारण और उपचार का पता लगाना फायदेमंद हो सकता है।
डॉ नवजोत सिंह अरोड़ा, त्वचाविज्ञान सलाहकार, एचसीएमसीटी मणिपाल अस्पताल द्वारका, नई दिल्ली, त्वचा की सामान्य स्थितियों के बारे में बताते हैं जो त्वचा के रूखेपन और त्वचा पर मछली जैसी त्वचा का कारण बन सकती हैं:
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कस्टमाइज़ करेंसेबोरिक डर्मटाइटिस:
इसका हल्का रूप डैंड्रफ के रूप में जाना जाता है, यह आमतौर पर देखा जाता है और सर्दियों में बढ़ता है, सर के अलावा पुरुषों में भौहें, पलकें, नाक के किनारे, दाढ़ी और मूछ क्षेत्र जैसे चेहरे के क्षेत्र भी शामिल हो सकते हैं। यह लाल, परतदार, हल्के खुजली वाले पैच के विकास की ओर जाता है।
सोरायसिस:
यह एक और ऑटोइम्यून त्वचा की स्थिति है, जो मुख्य रूप से सर, कोहनी-घुटने के जोड़ों, हथेली और तलवों पर दिखाई देने वाले लाल पैच और मोटी त्वचा का कारण बनती है। लेकिन कुछ लोगों में यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है।
ऐटोपिक डरमैटिटिस:
यह त्वचा का एक प्रकार का एलर्जी संबंधी विकार है, जिसमें हाथ की सिलवटों या घुटने के आसपास, आंखों के नीचे, अंडरआर्म्स क्षेत्र की त्वचा शामिल होती है। त्वचा शुष्क, लाल और खुजलीदार हो जाती है और कभी-कभी बार-बार खरोंचने के कारण द्वितीयक जीवाणु संक्रमण हो सकता है।
लेडीज, आपकी त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाने के लिए इन स्थितियों पर उचित ध्यान और देखभाल की आवश्यकता है।
जानिए इसकी रोकथाम और उपचार के टिप्स
1 विभिन्न त्वचा स्थितियों के लिए अलग-अलग प्रोटोकॉल होते हैं। लेकिन शुष्क त्वचा की सभी स्थितियों के लिए हाइड्रेटिंग और पोषण मुख्य उपचार है।
2 आपको पीएच बैलेंस मॉइस्चराइजिंग साबुन और बॉडी वॉश का उपयोग करना चाहिए।
3 नहाने के बाद, अपने तौलिये को धीरे से रगड़ें और हाइड्रेशन को बहाल करने के लिए थोड़ी गीली त्वचा पर बॉडी लोशन से मॉइस्चराइज़ करें।
4 डैंड्रफ को नियंत्रित करने के लिए एंटी-डैंड्रफ शैंपू का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसमें एंटीफंगल और कई अन्य घटक होते हैं।
5 खासतौर पर रात के समय तेल से अपनी त्वचा की मालिश करें।
6 जिन लोगों की त्वचा पर विशिष्ट स्थितियां हैं, उन्हें त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए। ताकि वे स्थिति की गंभीरता के आधार पर साधारण या गंभीर उपचार करें। इनमें एंटी-एलर्जी गोलियों से लेकर स्टेरॉयड आधारित लोशन तक शामिल हो सकते हैं। सर्दियां कठोर हो सकती हैं, लेकिन उचित उपचार और अपनी देखभाल चमत्कार कर सकती है।