हेयर रिबॉन्डिंग के बाद बालों पर नजर आ सकते हैं ये 5 साइड इफेक्ट, जानें इन्हें कैसे करना है मैनेज

महिलाओं को रिबॉन्डिंग ट्रीटमेंट्स पर हजारों रुपए खर्च करने से पहले इनके बारे में अच्छी तरह समझ लेना चाहिए, क्योंकि इस प्रकार के ट्रीटमेंट आपके बालों को बुरी तरह से डैमेज कर सकते हैं।
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हेयर स्ट्रेटनिंग क्रीम में फॉर्मेल्डिहाइड की मात्रा ज्यादा होने से सांस लेने में कठिनाई, नाक और आँखों में जलन, त्वचा का लाल होना व जलन और स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। चित्र : शटरस्टॉक
Published On: 3 Jul 2024, 05:09 pm IST
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आजकल महिलाएं बालों पर अलग-अलग प्रकार के केमिकल ट्रीटमेंट्स ले रही हैं। बालों के टेक्सचर को इंप्रूव करने से लेकर बालों को पर्मानेंट स्ट्रेट रखने के लिए यह ट्रीटमेंट करवाए जाते हैं। इन्हीं ट्रीटमेंटस में से एक है, रिबॉन्डिंग (hair rebonding), जो काफी ज्यादा ट्रेंड कर रहा है और महिलाएं फ्रिक्वेंटली इसे करवा रही हैं। हालांकि, महिलाओं को इन ट्रीटमेंट्स पर हजारों रुपए खर्च करने से पहले इनके बारे में अच्छी तरह समझ लेना चाहिए, क्योंकि इस प्रकार के ट्रीटमेंट आपके बालों को बुरी तरह से डैमेज कर सकते हैं।

रेडिकल स्किन एंड हेर क्लीनिक सेक्टर 17 फरीदाबाद की डर्मेटोलॉजिस्ट और हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ राधिका रहेजा ने रिबॉन्डिंग (hair rebonding) के कुछ साइड इफेक्ट्स पर बात की है। तो चलिए जानते हैं, इसके क्या साइड इफेक्ट्स हैं (side effects of hair rebonding), साथ ही जानेंगे इसे कैसे करना है मैनेज।

जानें बालों पर क्या होते हैं रिबॉन्डिंग के नुकसान (side effects of hair rebonding)

1. स्कैल्प डैमेज हो सकता है

केमिकल और हीट ट्रीटमेंट का मतलब है, स्कैल्प को नुकसान पहुंचाना। इस प्रक्रिया के दौरान, हीट और इस्तेमाल किए गए केमिकल आपस में मिलकर स्कैल्प को जला देते हैं और नुकसान पहुंचाते हैं। जब केमिकल बालों पर लंबे समय तक रहते हैं, या मेटल प्लेट का तापमान अधिक होता है, तो इससे नुकसान हो सकता है। इस स्थिति में स्कैल्प में सोरायसिस और बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

Heat damage hair ko kaise repair karein
बाल रूखे और बेजान हो सकते हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक

2. जरूरी नहीं कि आपको सूट करे

हेयर रीबॉन्डिंग हर प्रकार के बालों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है। कई महिलाओं ने ट्रीटमेंट के बाद हेयर फॉल का सामना किया है, वहीं कुछ महिलाओं के बाल अधिक सेंसिटिव हो जाते हैं जिन पर आसानी से कोई भी समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं यह बालों को डैमेज और पतला कर देता है।

गर्भावस्था के दौरान हेयर रीबॉन्डिंग ट्रीटमेंट की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि केमिकल रक्तप्रवाह में पहुंच सकते हैं और बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

3. बाल हो जाते हैं ड्राई और फ्रिजी

अगर आपके बाल संवेदनशील हैं और आप रीबॉन्ड किए गए बालों की अच्छी तरह से देखभाल नहीं करती हैं, तो वे रूखे हो जाते हैं और आसानी से उलझ जाते हैं। ट्रीटमेंट के दौरान, गर्मी बाल और स्कैल्प की नमी को सोख लेती है। अपने बालों को बार-बार रिबॉन्ड करवाने से उनमें से प्राकृतिक तेल खत्म हो जाते हैं, और वे रूखे, ड्राई और डैमेज नजर आने लगते हैं।

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4. बालों की बनावट बदल जाती है

रिबॉन्डिंग को बालों को स्थायी रूप से सीधा करने वाला उपचार माना जाता है। केमिकल प्रोडक्ट्स के अत्यधिक उपयोग से आपके बालों की बनावट बदल सकती है। उसके बाद, पुराने रूप को वापस पाना लगभग असंभव हो जाता है, सिवाय इसके कि आप अपने रिबॉन्ड किए हुए बालों को कटवा लें और फिर से नए बाल उगाएं।

5. एलर्जिक रिएक्शन

कई महिलाओं को हेयर रिबॉन्डिंग में इस्तेमाल किए गए केमिकल से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। वहीं ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें महिलाओं ने इसके साइड इफेक्टस का सामना किया है। गर्दन, स्कैल्प, आंख और त्वचा पर खुजली होने का खतरा बना रहता है।

Dry aur dead hair ke liye try kare ye gharelu hair mask
बालों के साथ ही एलर्जिक रिएक्शन भी हो सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

जानें रिबॉन्डिंग के साइड इफेक्ट्स को कम करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है

1. हीटिंग टूल्स को पूरी तरह से अवॉइड करें

रिबॉन्डिंग के बाद आपके बाल पूरी तरह से स्ट्रेट हो जाते हैं, इसके बावजूद यदि आप स्ट्रेटनर और कर्लर का इस्तेमाल कर रही हैं, तो इसे फौरन रोक दें। क्योंकि केमिकल प्रोसेस के दौरान बाल पहले से ड्राई हो चुके होते हैं, वहीं इन पर हीटिंग टूल्स के इस्तेमाल से ये अधिक डैमेज हो सकते हैं।

2. स्कैल्प क्लीनिंग पर दें विशेष ध्यान

अक्सर केमिकल ट्रीटमेंट के बाद स्कैल्प पर केमिकल डिपॉजिट हो जाते हैं, जिसकी वजह से स्कैल्प इचिंग, इन्फेक्शन, डैंड्रफ आदि की समस्या हो सकती है। ऐसे में स्कैल्प क्लीनिंग पर ध्यान देना बहुत जरूरी है, अन्यथा स्कैल्प के पोर्स बंद हो जाते हैं और हेयर फॉलिकल्स पर नकारात्मक असर पड़ता है। जिससे की हेयर फॉल की समस्या बढ़ सकती है।

बालों को वॉश करने से पहले ऑयलिंग करना जरूरी है, अक्सर रिबॉन्डिंग के बाद लोग ऑयल का इस्तेमाल करना बंद कर देते हैं। इतना ही नहीं बालों को हफ्ते में 2 बार सल्फेट फ्री माइल्ड शैंपू से वॉश करें।

3. दूसरे केमिकल ट्रीटमेंट्स को अवॉइड करें

पार्लर वाले अक्सर एक केमिकल ट्रीटमेंट के बाद दूसरे केमिकल ट्रीटमेंट की सलाह देते हैं। इससे हमेशा बचने की कोशिश करें। यदि अपने रिबॉन्डिंग करवा ली है, तो इसके साइड इफेक्ट से बचने के लिए बालों पर दूसरा कोई भी केमिकल ट्रीटमेंट न लें।

कोशिश करें कि किसी भी प्रकार के केमिकल ट्रीटमेंट को अवॉइड किया जाए, क्योंकि आपके बाल पहले से डैमेज हो चुके होते हैं, और दोबारा इन पर केमिकल्स का इस्तेमाल इन्हें अधिक बुरी तरह से डैमेज कर सकता है।

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यह खाद्य बालों की ग्रोथ में आपकी मदद कर सकते हैं। चित्र शटरकॉक

4. पोषण का भी ध्यान रखें

यदि अपने बालों पर किसी प्रकार की केमिकल ट्रीटमेंट ली है, तो उस दौरान बाल बेहद कमजोर हो जाते हैं, विटामिन और मिनरल से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें, ताकि आपके शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी न हो और बाल जड़ से मजबूत बने। खासकर विटामिन ए और विटामिन बी को डाइट में शामिल करना जरूरी है, क्योंकि यह स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ा देते हैं, जिससे कि नेचुरल हेयर ग्रोथ में मदद मिलती है।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं।

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