हर खुजली सिर्फ ड्राईनेस नहीं, पहचानिए त्वचा पर होने वाली ये 8 तरह की समस्याएं

त्वचा का रूखापन सर्दियों के कारण होता है पर कई बार यह खुजली किसी गंभीर एलर्जी का भी संकेत हो सकती है। इन्हें पहचान कर ही इनका इलाज संभव है।
skin infection
इंफेक्शन भी कई अलग-अलग प्रकार के हो सकते हैं। चित्र : शटरस्टॉक
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केवल सर्दियों में ही नहीं, त्वचा पर होने वाली समस्याओं (Skin Problems) का सामना आपको किसी भी मौसम में करना पड़ सकता है। यह ज्यादातर बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial infection) के कारण होता है। मगर इंफेक्शन भी कई अलग-अलग प्रकार के हो सकते हैं। इसलिए सिर्फ खुजलाने या मॉइश्चराइज लगाने की गलती न करें। यहां हम त्वचा पर होने वाली उन 8 समस्याओं के बारे में बता रहे हैं, जो आपको परेशान कर सकती हैं। इन्हें पचानिए और सही इलाज की ओर बढ़िए। 

पहचानिए स्किन पर होने वाले इन अलग-अलग रैशेज को : 

1 बैक्टीरियल इंफेक्शन ( bacterial infection ) 

बैक्टीरियल इंफेक्शन छोटे से शुरू होकर बड़ा रूप ले सकते है। यह स्थिति को इतना खराब कर सकता हैं कि फिर इसका इलाज होना मुश्किल हो जाता है। त्वचा विशेषज्ञ मार्क एंड कंपनी के अनुसार बैक्टीरियल इंफेक्शन कीड़े के काटने या त्वचा पर अन्य बैक्टीरिया के कारण हो जाता है। जो धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलने लगता है। 

यदि बैक्टीरियल इंफेक्शन शुरुआत में ही पहचान लिया जाए, तो एंटीबैक्टीरियल या एंटीबायोटिक क्रीम लगाकर इसका उपचार किया जा सकता है। लेकिन यदि यह शरीर के ज्यादा हिस्से को प्रभावित कर देता है, तो एंटीबायोटिक दवाइयां लेने और डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है। 

विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार एंटीबायोटिक दवाइयों के अति प्रयोग ने बैक्टीरिया को सुपर स्ट्रेन बना दिया है। जिन पर एंटीबायोटिक दवाएं कम प्रभाव डालती हैं। इसलिए किसी भी दवा को लेने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें। 

2 फंगल इन्फेक्शन ( fungal infection ) 

त्वचा पर होने वाले फंगल इंफेक्शन के दौरान खुजली लाल चकत्ते, दाग व जलन की संभावनाएं होती हैं। यह सभी समस्याएं टिनिया परिवार से संबंधित है। इसमें फंगस भी शामिल है जो गर्म, नरम क्षेत्रों में पनपता है। जैसे कि कमर,पैर की उंगलियां और अंडरआर्म्स। 

यह सभी समस्याएं टिनिया परिवार से संबंधित है। चित्र : शटरस्टॉक

मिशिगन विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर का मानना है कि शरीर के गर्म स्थान और नरम क्षेत्र फंगल इंफेक्शन को पनपने के लिए उचित वातावरण देते हैं।

3 पित्ती ( hives ) 

यह समस्या आपको कभी ना कभी जरूर झेलनी पड़ी होगी। यह एक सामान्य त्वचा की स्थिति है इसमें स्किन फूल जाती है और दाने जैसे निशान बनने लगते हैं, जो बहुत ज्यादा खुजली करते हैं। ज्यादा खुजाने से कई बार यह छिल सकते हैं और इनमें से खून भी आ सकता है। 

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यह ज्यादातर एलर्जी के कारण होता है। चित्र : शटरस्टॉक

ऐसा ज्यादातर एलर्जी के कारण होता है। इस समस्या को ट्रिगर करने में कुछ खाद्य पदार्थ समेत सर्दी-गर्मी व दवाइयां शामिल हैं। अमेरिकी कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा और इम्यूनोलॉजी के अनुसार इसके जेनेटिक कारण भी हो सकते हैं।

4 एक्जिमा ( eczema ) 

एग्जिमा जिसे एटोपिक डरमैटिटिस के नाम से भी जाना जाता है। यह कभी-कभी छोटे खुजली वाले रैशेज का कारण बन जाते हैं। इनमें से पानी निकलता है, जो जहां-जहां लगता है फैलने की संभावनाएं बढ़ जाती है। 

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इसका दूसरा नाम एटोपिक डरमैटिटिस है। चित्र : शटरस्टॉक

हालांकि इस बात की कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है कि यह कितने लंबे वक्त तक त्वचा पर टिकता है। इसमें जीन भी अपनी भूमिका निभाते हैं। डॉक्टर इस स्थिति को कम करने के लिए क्रीम, गोलियों और इंजेक्शन की सलाह देते हैं। इसके अलावा आप त्वचा को नम रखने या कुछ साबुन जैसी चीजों से बचें। बचाव आपकी मदद कर सकते हैं।

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5 कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस  ( contact dermatitis ) 

कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस भी एक प्रकार का एक्जिमा, जो एलर्जी के कारण ही होता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन की एक रिपोर्ट के अनुसार कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस एक अलग प्रकार का एक्जिमा है, जो शारीरिक रूप से किसी ऐसी चीज को छूने से शुरू होता है जिससे एलर्जी होती है। एएडी के अनुसार, तीव्र खुजली, द्रव से भरे फफोले के साथ दाने हो जाते हैं।

6 सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस ( seborrheic dermatitis ) 

फ़ार्मेसी एंड थेरेप्यूटिक्स में प्रकाशित शोध के अनुसार, डैंड्रफ़ की तरह, सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस एक फंगस है जो आमतौर पर सर, चेहरे, ऊपरी छाती और पीठ जैसे तैलीय क्षेत्रों में होता है। अध्ययन में कहा गया है कि यह बेहद सामान्य है जो लगभग 12 प्रतिशत आबादी और 70 प्रतिशत शिशुओं को प्रभावित करता है।  

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कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस एक अलग प्रकार का एक्जिमा है। चित्र : शटरस्टॉक

7 दाद ( Shingles ) 

सीडीसी के अनुसार, दाद, एक और वायरल रैश है। ये दर्दनाक, खुजलीदार होता है जो जलन करता है। सादा खो जाने से यह फैल भी सकता है। दाद उन लोगों में हो सकता है, जिन्हें पहले चिकन पॉक्स हो चुका हो। हालांकि इसका कई चिकित्सा में इलाज मौजूद है। 

8 हर्पीज ( herpes ) 

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हर्पीज को जननेन्द्रिय हर्पीज़ भी कहा जाता है। चित्र : शटरस्टॉक

हर्पीज संक्रमण के दौरान त्वचा पर छोटे-छोटे छाले हो जाते हैं जो काफी दर्दनाक होते हैं।  हर्पीज का संक्रमण हर्पीज़ सिंप्लेक्स वायरस (Herpes Simplex Virus) की वजह से होता है। हर्पीज को जननेन्द्रिय हर्पीज़ (Herpes Genitalis) या जेनिटल हर्पीज (Genital Herpes) भी कहा जाता है। हर्पीज एक यौन संचारित रोग यानी एसटीडी (STD) है। 

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सेहत, तंदुरुस्ती और सौंदर्य के लिए कुछ नई जानकारियों की खोज में ...और पढ़ें

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