जब भी मैं अपनी रूखी और बेजान त्वचा की शिकायत करती, मां एक ही जवाब देती थी- “मलाई लगाया करो।” अब क्योंकि मम्मी के नुस्खे हमेशा कारगर साबित होते थे, इसलिए मैंने उनकी बात मान ली और मलाई लगाने का निश्चय किया। लेकिन इस बार मम्मी के नुस्खे ने मुझे निराश ही नहीं किया, मेरी त्वचा को भी खराब कर दिया।
मैंने 10 दिन तक रोज चेरहे पर मलाई लगाई। शुरू में तो स्किन में चमक और ग्लो आया, जिससे मैं बहुत संतुष्ट थी। लेकिन फिर मेरी त्वचा पैची होने लगी और एक्ने निकलने लगे।
यह परिणाम मुझे पहले ही समझ आ जाने चाहिए थे। मौसम में इतनी उमस और नमी है कि रूखी त्वचा भी ऑयली महसूस होती है। ऐसे में चेहरे पर मलाई लगने से स्किन के ऊपर फैट की एक और परत लग गयी। मलाई में मौजूद फैट ने न सिर्फ गन्दगी और धूल को आकर्षित किया, बल्कि स्किन के पोर्स को भी ब्लॉक कर दिया। और परिणाम हुआ एक्ने और मुंहासे।
मैंने गुरुग्राम के पारस हॉस्पिटल की जानी मानी डर्मेटोलोजिस्ट डॉ नंदिनी बरुआ से अपनी समस्या साझा की तो उन्होंने बताया,”स्किन में पी एक्ने नामक बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो वैसे तो सुसुप्त स्थिति में रहते हैं, लेकिन सीबम क्लोग हो जाने पर एक्टिव हो जाते हैं। त्वचा के पोर्स बन्द होने पर सीबम अंदर ही निकलता रहता है जो इन बैक्टीरिया के लिए परफेक्ट होता है और तब यह बैक्टीरिया मुंहासों का कारण बन जाते हैं।”
डॉ नंदिनी ने बताया कि मलाई हमारी त्वचा में अब्सॉर्ब नहीं होती। त्वचा सिर्फ 10 प्रतिशत मलाई को ही सोख पाती है, बाकी 90 प्रतिशत मलाई चेहरे के ऊपर परत के रूप में जमा हो जाती है और गन्दगी को अब्सॉर्ब करती रहती है।
मुझे यह जानकारी नहीं थी कि मलाई लगाकर बाहर नहीं निकलना चाहिए। और जब तक डॉक्टर ने मुझे यह बात बताई मेरी स्किन को नुकसान पहुंच चुका था। दरअसल सूरज की खतरनाक UV किरणे ऑयली स्किन पर ज्यादा प्रभाव डालती हैं, इसलिए मलाई लगाने से मेरा चेहरा टैन और पैची हो गया था।
यह मेरे लिए बहुत चौंकाने वाली बात थी क्योंकि चेहरे का स्कैल्प से सम्बन्ध मुझे मालूम नहीं था। साथ ही मैं मानती थी कि डैन्ड्रफ ड्राई स्कैल्प के कारण होता है। डॉ नंदिनी ने मुझे बताया कि चेहरे और स्कैल्प के ऑयल ग्लैंड एक ही होते हैं, इसलिए अगर चेहरा ऑयली है तो स्कैल्प भी ऑयली होगी। ऑयली स्कैल्प के कारण फंगल इन्फेक्शन बढ़ने की सम्भावना होती है जो डैन्ड्रफ को जन्म देती है।
डर्मेटोलॉजिस्ट द्वारा सुझाई गयी बातों और अपने अनुभव से मैंने यह सीखा-
1. मॉनसून में कभी भी चेहरे पर मलाई न लगाएं। मलाई लगाने का सही मौसम सर्दियां हैं।
2. हफ्ते में एक बार मलाई लगाएं और आधे से एक घण्टे बाद चेहरा धो लें।
3. मलाई लगाकर कभी बाहर न निकलें।
4. मलाई लगाने के बाद फेस वॉश से चेहरे को धोएं।
तो अगली बार अगर आप मलाई चेहरे पर लगाने का मन बनाएं, तो वे गलतियां न करें जो मैंने की हैं। मलाई स्किन के लिए अच्छी जरूर है लेकिन उसे सही तरह से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
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