होली के रंग हर दिल को सुहाते है, लोग सूखे और गीले रंगों से इस त्योहार का लुत्फ उठाते है। गुलाब से सने सफेद कपड़े जहां इस त्योहार को खुशगवार बना देते हैं, तो वहीं इनमें मौजूद केमिकल्स त्वचा के ख्ुरदरेपन और बालों को रूखा बना देते हैं। अक्सर मौसम बदलने के चलते लोगों को हेयरलॉस की समस्या से दो चार होना पड़ता है। मगर रंगों में रसायन का इस्तेमाल बालों की क्षति को बढ़ा देता हैं। ऐसे में रंगों की कठोरता से बचने के लिए बालों की देखभाल बेहद ज़रूरी है। जानते हैं बालों को होली (hair care tips on Holi) के मौके पर किस तरह से करें प्रोटेक्ट।
अधिकतर लोग बालों से होली के रंग को निकालने के लिए केमिकल युक्त शैम्पू और कंडीशनर से बालों (hair care tips on Holi) को धोते है। इससे रूखापन बढ़ने लगता है और स्कैल्प इचिंग का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में कुछ आसान घरेलू नुस्खे बेहद कारगर साबित होता है। ऐसे में नेचुरल हेयर ऑयल से लेकर होममेड हेयर मास्क बेहद कारगर साबित होते हैं।
होली के रंगों से बालों में (hair care tips on Holi) रूखापन, हेयरफॉल और स्कैल्प इचिंग की समस्या बढ़ जाती है। इसके अलावा जड़ें भी कमज़ोर होने लगती है। केमिकल युक्त रंग सफेद बालों की समस्या का भी कारण साबित होते है। इस बारे में आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि नारियल तेल, तिल का तेल और एलोवेरा जेल बालों के इर्द गिर्द एक प्रोटेक्टिव लेयर बना देते है। इससे बालों के क्यूटिकल में रंग के एबजॉर्बशन को कम किया जा सकता है। साथ ही धूप से बालों को होने वाले नुकसान से भी बचाया जा सकता है। इसके अलावा हेयर कंडीशनर भी फायदेमंद साबित होता है।
बालों की शुष्कता को कम करने और धूप के कारण होने वाले हेयर डैमेज को रोकने के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल करे। इसे स्कैल्प से लेकर लेंथ पर अप्लाई करें, जो बालों की मज़बूती को बढ़ाते है और हेयरकलर के प्रभाव को कम करता है। इससे रंग बालों में चिपकने और उलझने से बच जाते है। साथ ही हेयरफॉल से भी बचा जा सकता है। इसके लिए हल्के गुनगुने तेल से स्कैल्प मसाज करें और बालों को बांध लें।
चावल के पानी में कुछ बूंद बादाम के तेल की मिलाकर बालों पर स्प्रे कर लें। इससे बालों पर प्रोटेक्टिव लेयर बनने लगती है, जिससे हेयर शाफ्ट की मज़बूती बढ़ जाती है। साथ ही हेयर डेंसिटी भी प्रभावित नहीं होती है। इसके लिए उबले हुए चावन के पानी को स्प्रे बॉटल में डालकर कुछ बूंद बादाम ऑयल डालें। इस मिश्रण को बालों पर स्प्रे कर लें। इससे बालों का टूटना कम होने लगता है।
खुले बालों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में बालों को बांधकर रखें। इसके लिए बालों की चोटी बना लें या बन बनाकर उन्हें टूटने और उलझने से बचाने का प्रयास करें। होली के रंग से दो मुंहे बालों की भी समस्या बढ़ने लगती है। ऐसे में हेयरफॉल और डैमेज से बचने के लिए बालों को बांधकर रखें ।
केमिकल युक्त रंगों के संपर्क में आने से बचने के लिए बालों को कवर करके रखें। इससे हेयरलॉस की समस्या हल हो जाती है। साथ ही स्कैल्प पर बढ़ने वाले संक्रमण से भी बचा जा सकता है। होली खेलने से पहले स्कार्फ, बंदाना या दुपट्टे से सिर को कवर करके रखें।
होली खेलने के बाद बालों में शैम्पू या कोई मास्क अप्लाई करने से पहले गुनगुने पानी से स्कैल्प को धोएं। इससे बालों में लगे रंग को निकालना आसान हो जाता है। इसके बाद बालों को तौलिए से हल्का सुखा लें।
बालों को धोने के लिए सल्फेट मुक्त होममेड शैम्पू का प्रयोग करें। इसके लिए सूखे आंवला, शिकाकाई की कलियां और रीठे को रातभर भिगोकर रखें। उसके बाद उसगली सुबह उन्हें छालकर पानी अलग कर लें और उस मिश्रण से बालों को धोएं। इससे बालों पर केमिकल के बढ़ते प्रभाव को रोका जा सकता है।
बालों की डीप कंडिशनिंग के लिए अलसी के बीज के पानी को शहद में मिलाकर बालों में इस्तेमाल करें। इससे बालों की शाइन बढ़ती है और बालों के टैक्सचर में सुधार आनक लगता है। नियमित रूप से इसका इस्तेमाल बालों की जड़ों को मज़बूत बनाता है।
इसके बाद हेयरमास्क को बालों पर अप्लाई करें। इसके लिए दही में शहद को मिलाकर बालों के बीचों बीच लगा सकते है। इसके अलावा एलोवेरा जेल में टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदे मिलाकर स्कैल्प से लेकर लैथं पर अप्लाई कर दें। 10 से 15 मिनट के बाद बालों को धो दें।
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