किसी न किसी रूप में केमिकल्स का इस्तेमाल हेयरलॉस का कारण साबित होता है। अधिकतर लोग बालां के झड़ने की बढ़ती समस्या की रोकथाम के लिए ऑयलिंग और कंडीशनिंग का इस्तेमाल करते हैं। मगर इन दिनों हेयर सीरम का बढ़ता चलन बालों की ग्रोथ में मददगार साबित होता है। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर सीरम बालों पर प्रोटेक्टिड लेयर के रूप में कार्य करता है, जिससे बालों को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सकता है। जानते हैं बालों पर हेयर सीरम लगाने के फायदे और इसे बनाने की विधि (homemade hair serum) ।
हेयर सीरम एक स्टाइलिंग प्रोडक्ट है, जिसे बालों कोटिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस तरल और हल्के प्रोडक्ट से बालों की कंडीशनिंग में मदद मिलती है। हेयर सीरम फ्रिज़ीनेस को कम करता है और स्मूदनेस को बढ़ाता है। इस बारे में ब्यूटी एक्सपर्ट रेखा कुमारी बताती हैं कि सीरम को हेयर स्ट्रैंड पर लगाया जाता है। बालों की कोटिंग के लिए हेयर सीरम का इस्तेमाल किया जाता है।
इससे बालों की रफनेस और शुष्कता कम होने लगती है। सीरम से बालों की शाइन मेंटेन रहती है और हीट ट्रीटमेंट के लिए इसका इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है। लिक्विड फॉर्म में मिलने वाले हेयर सीरम को बालों को धोने के बाद कुछ बूंद अप्लाई किया जाता है। इससे बालों की जड़ों को मज़बूती मिलती है।
इसे बालों में लगाने से स्कैल्प हाइड्रेट रहता है और बालों का टूटना कम होने लगता है। इसे अप्लाई करने से केमिकल ट्रीटमेंट के कारण बालों के बढ़ने वाले खुरदरेपन को कम किया जा सकता है। बालों की लेंथ से लेकर सिरों पर इसे लगाने से हेयर ग्रोथ में मदद मिलती है।
बालों की कमज़ोरी को बढ़ने से रोकने के लिए एक प्रोटेक्टिव लेयर की आवश्यकता होती है। ऐसे में बालों को शैम्पू से धोने के बाद उनकी मज़बूती के लिए इसे अप्लाई करने से फॉलिकल्स की मज़बूती बढ़ जाती है और बालों को टूटने से बचाया जा सकता है। हर्बल सीरम का इस्तेमाल करने से बालों को पर्यावरणीय प्रभावों से बचाया जा सकता है।
हेयरवॉश के बाद लंबे बालों में उलझकर टूटने की समस्या बनी रहती है। ऐसे में शैमपू करने के बाद सीरम को अप्लाई करके वॉश करने से बालों की स्मूदनेस बनी रहती है। इससे बालों को टूटने से भी बचाया जा सकता है। इसे सीधे, कर्ली और वेवी हेयर में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे बालों की चमक बरकरार रहती है और उलझने से बच जाते हैं।
कम उम्र में सफेद बालों की समस्या से बचने के लिए नेचुरल सीरम का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है। इसे बालों की लेंथ पर लगाने से मेलेनिन पिगमेंट का उत्पादन बढ़ने लगता है, जिससे बालों का नेचुरल कलर मेंटेन रहता है। सप्ताह में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
एक चम्मच मेथीदाना, एक चम्मच कलौंजी, कटा हुआ प्याज और 4 से 5 लौंग लेकर उन्हें गुनगुने पानी के साथ एक बोतल में डालकर रख दें। 3 से 4 घंटे के बाद इस पानी का छानकर स्प्रे बॉटल में डालें और बालों की जड़ों में लगाएं। इसे ओवरनाइट बालों में लगाने से भी फायदा मिलता है।
सफेद बालों से बचने के लिए कड़ी पत्ते को पानी में डालकर उबालें और साथ में अदरक के टुकड़े डाल दें। इन्हें कुछ देर तक चावल के पानी में उबलने दें। उसके बाद पानी को छानकर शैम्पू करने के बाद उसे बालों पर अप्लाई करें। इससे बालों का टूटना कम होने लगता है।
बालों के रूखेपन को दूर करने के लिए 1 चम्मच पिसी हुई चीनी में आधा चम्मच फिटकरी मिलाएं। अब इसमें 1 गिलास चावल का पानी एड कर दें। शैम्पू के बाद बालों पर अप्लाई इसे स्कैल्प पर अप्लाई करें। इससे बालों को टूटने से बचाया जा सकता है और रूखापन दूर होने लगता है।
हेयर थिननेस से बालों को बचाने के लिए एक बाउल में पानी डालकर उसमें एलोवेरा जेल मिलाएं और रोज़मेरी ऑयल की कुछ बूंदे डालें। अब इसे बालों पर स्प्रे करके हल्के हाथों से मसाज करें। इससे बालों की शाइन मेंटेन रहती है और बालों को टूटने से बचाया जा सकता हे।
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