सर्दियों कें मौसम में अक्सर लोग तन की दुर्गंध से राहत पाने के लिए डियो स्प्रे और परफ्यूम का इस्तेमाल करने लगते है। मगर ज़रा ठहरिए और सोचिए कि दुर्गंध दूर करने का दावा करन वाले ये प्रोडक्ट्स दिनभर तन पर लगाए रखने के कारण किस तरह से आपके स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसमें कोई दोराय नहीं कि इसे लगाने से दिनभर व्यक्ति अच्छी फ्रेगरेंस को महसूस करता है। मगर साथ ही इसका अत्यधिक इस्तेमाल सिरदर्द, रैशेज़, एलर्जी और कॉन्टैक्ट एक्जिमा समेत कई समस्याओं का कारण बनने लगता है। इसमें मौजूद रासायनिक तत्व शरीर को कई तरह से प्रभावित करने लगता है। जानते हैं परफ्यूम से शरीर को हेने वाले नुकसान (Side effect of perfume) ।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के अुनसार सुगंधित उत्पादों में थैलेट्स, एल्डीहाइड्स, पैराबेंस और एल्युमीनियम समेत कई कंपाउड पाए जाते हैं। इसके चलते स्किन एलर्जी, स्तन कैंसर, रिप्रोडक्टिव डिसऑर्डर, माइग्रेन और रेस्पीरेटरी समस्याओं का खतरा बना रहता है। स्किन केयर उत्पादों में मौजूद खुशबू में गेरानियोल, यूजेनॉल, सिट्रोनेलोल, फथलेट्स जैसे एलर्जेंस होते हैं। इनसे त्वचा की एलर्जी, हाइव्स, खुजली, रैशेज़, छींक और पिगमेंटेशन की समस्या बनी रहती है।
वीपी ऑफ प्रोडक्ट फॉर डरमैलोज़ी केयर, ललिता आर्या बताती हैं कि परफ्यूम का इस्तेमाल भले ही खुशबू के लिए किया जाता है लेकिन इसमें मौजूद कुछ केमिकल्स आपकी त्वचा और सेहत पर हानिकारक असर डाल सकते हैं (Side effect of perfume) । एक्सपर्ट के अनुसार परफ्यूम में इस्तेमाल होने वाले सिंथेटिक सुगंधित तत्व और प्रिज़र्वेटिव्स से एलर्जी, जलन और रैशेज़ जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई बार ये समस्याएं तुरंत दिखाई नहीं देतीं, लेकिन लंबे समय तक परफ्यूम के इस्तेमाल से त्वचा की संवेदनशीलता बढ़ सकती है।
परफ्यूम में मौजूद केमिकल्स से त्वचा पर खुजली, लाल चकत्ते और सूजन की समस्या बढ़ने लगती है। इसमें मौजूद केमिकल्स से त्वचा की नमी कम होने लगती है और स्किन के अैक्सचर में बदलाव आने लगता है। इससे स्किन डलनेस और इरिटेशन बढ़ जाती है। साथ ही त्वचा पर सूजन की समस्या भी बढ़ने लगती है (Side effect of perfume) ।
सर्दी के मौसम में अधिक मात्रा में पानी न पीना डिहाइड्रेशन को बढ़ाता है। मगर साथ ही परफ्यूम का अत्यधिक इस्तेमाल भी इस समस्या का कारण सिद्ध हो सकता है। दरअसल, परफ्यूम अल्कोहल बेस्ड होते हैं, जिससे त्वचा की नमी छिन जाती है और रूखापन बढ़ने लगता हैं। साथ ही त्वचा पर दाने नज़र आने लगते हैं।
इसके लगातार इस्तेमाल से आंखों में जलन, छींकना और खुजनी बढ़ने लगती है। दरअसल, परफ्यूम में इथेनॉल की उच्च मात्रा पाई जाती है, जो हर उम्र के लोगों के लिए खतरनाक साबित होती है। एनवायरमेंटल वर्किंग ग्रुप के रिसर्च के अनुसार परफ्यूम में मौजूद 34 फीसदी इंग्रीडिएंटस में विषाक्तता यानि टॉक्सीसिटी पाई जाती है।
सुबह परफ्यूम लगाने के बाद धूप में जाने से त्वचा में जलन और पिगमेंटेशन का भी खतरा बना रहता है। इससे स्किन पर यूवी रेज़ का प्रभाव नज़र आने लगता और सन टैनिंग की भी समस्या बनी रहती है। दरअसल, इसके इस्तेमाल से स्किन इरीटेशन, डिसकलरेशन और जलन की समस्या बनी रहती है और इस स्थिति को फोटो टॉक्सीसिटी भी कहा जाता है। वे लोग जिनकी त्वचा संवेदनशील हैख् उन्हें इससे दूर रहने की आवश्यकता है।
परफ्यूम की तेज गंध कुछ लोगों में सांस की समस्या या सिरदर्द का कारण बनने लगती है। एक्सपर्ट के अनुसार परफ्यूम का इस्तेमाल सीमित मात्रा में करें और त्वचा पर सीधे लगाने से बचें। अगर आपको एलर्जी की समस्या है, तो बिना खुशबू वाले उत्पादों का चयन करें। हेल्थ डायरेक्ट की रिर्पोट के अलुसार लगभग 3 में से हर 1 व्यक्ति सुगंधित उत्पादों के संपर्क में आने पर स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त महसूस होता है। इयसे अस्थमा अटैक, हे फीवर, सिरदर्द, माइग्रेन, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ व कंजेशन बढ़ने लगती हैं।