ऐसा बहुत बार होता है कि आपने सुना होगा कि ‘पैराबेंस’ आपके लिए बुरे हैं’ और ‘आपको केवल उन्हीं उत्पादों का उपयोग करना चाहिए, जो पैराबेंस-फ्री हैं।’ लेकिन, बहुत से लोग यह नहीं समझाते कि पैराबेंस को हानिकारक क्यों और कैसे माना जाता है। वास्तव में वे हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं। एक बड़ा सवाल ये है कि पैराबेंस (Parabens) आखिर क्या हैं?
बहुत से लोग पैराबेंस-फ्री उत्पादों का प्रयोग करते हैं, और उन्हें लगता है कि वह इसके प्रभाव से बच गए बिना ये समझे कि ये क्या है?
आप शैम्पू की एक बोतल खरीदते हैं और इसे बाथरूम कैबिनेट पर रखते हैं। यह जानते हुए भी कि आप इसे एक महीने से ज्यादा उपयोग कर सकती हैं। लेकिन, क्या आपने सोचा है कि आपके ब्यूटी प्रोडक्ट्स जैसे मॉइस्चराइज़र, कंडीशनर, बॉडी वॉश और शैंपू इतना लंबा क्यों चलते हैं?
आप शायद प्रिजर्वेटिव्स के कांसेप्ट से अवगत है, लेकिन आप में से कितने लोगों को पता होगा कि ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी पैराबेंस होते हैं, जिससे उनमें बैक्टीरिया या फंगस न लगे। ये न सिर्फ उत्पाद को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि हमें भी इसके दुष्परिणाम से बचाते हैं।
यदि आप अपनी बॉडी वॉश की बोतल देख रहे हैं और उसमे ‘पैराबेंस’ कहीं देखने को नहीं मिला तो इसका मतलब ये नही है कि ये प्रिजर्वेटिव्स फ्री है! ब्यूटाइलपरबेन, मिथाइलपरबेन, एथिलपरबेन और प्रोपाइलपरबेन जैसे शब्द सौंदर्य उत्पादों में उपयोग किए जाते हैं और सबसे आम ‘पैराबेंस’ हैं|
सच तो ये है कि आपके द्वारा उपयोग किये जाने वाले हर ब्यूटी प्रोडक्ट में ‘पैराबेंस’ मौजूद होते हैं क्योंकि उनका काम प्रेसर्व करना है और ये सबसे महत्वपूर्ण कार्य है।
‘पैराबेंस’ के खिलाफ ऐसे कई सवाल हैं जो बीते कुछ सालों में उठ चुके हैं जैसे:
कुछ उपभोक्ताओं को डर है कि पैराबेंस उनके एंडोक्राइन डिसरप्शन में हस्तक्षेप कर सकते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। महिलाएं विशेष रूप से चिंतित हैं क्योंकि पैराबेंस, एस्ट्रोजन के कार्य की नकल करते हैं और स्तन कैंसर का कारण बनते हैं।
2004 में, ब्रिटेन के एक छोटे से अध्ययन में पाया गया कि, 20 महिलाओं में से 19 के स्तन के ऊतकों में पैराबेन मौजूद थे। इस बात का कोई सबूत नहीं था कि पैराबेंस स्तन कैंसर का कारण बनते हैं लेकिन यह स्पष्ट हो गया कि पैराबेंस हमारी त्वचा के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं और ऊतक में बने रह सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने पैराबेंस और कैंसर या एंडोक्राइन डिसरपशन से संबंधित बीमारियों के बीच कोई मजबूत संबंध स्थापित नहीं किया है, लेकिन यह देखते हुए कि यह ऊतक में रहता है जब तक हम इसके दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में नहीं जानते हैं तब तक हमें इसकी सुरक्षा के बारे में निर्णय नही करना चाहिए।
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कस्टमाइज़ करेंपैराबेंस हमारे पर्यावरण के लिए भी हानिकारक साबित हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पर्यावरण में छोड़े जाने वाले सीवेज के माध्यम से परबीन जल निकायों और समुद्री जानवरों के लिए अपना रास्ता ढूंढते हैं।
वास्तव में, एनवायरनमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव नामक पत्रिका में प्रकाशित प्रयोगशाला परीक्षणों से पता चला कि पैराबेंस का मूंगा भित्तियों पर विनाशकारी प्रभाव हो सकता है। इसके अलावा, एक समीक्षा जिसका शीर्षक है – ‘Occurrence, fate and behavior of parabens in aquatic environments: a review’ में जल निकायों और मछलियों में पैराबेंस की उपस्थिति का उल्लेख किया गया है।
पसंद स्पष्ट रूप से आपकी है, लेकिन जब तक हम अपने शरीर पर पैराबेंस और उनके प्रभावों के बारे में अधिक जानकारी हासिल नहीं हो जाती हैं, तब तक हमें उनसे मुक्त उत्पादों का उपयोग करने का प्रयास करना चाहिए।