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रीबॉन्डिंग करवाने जा रहीं हैं, तो यहां है आपके लिए एक परफेक्ट हेयर केयर गाइड

रीबॉन्डिंग की प्रक्रिया में हीटिंग और केमिकल के इस्तेमाल से आपके बालों को आकर्षक लुक दिया जाता है। पर इस प्रक्रिया के कुछ साइड इफेक्ट भी हैं। 
रीबॉन्डिंग पहुंचा सकती है बालों को नुकसान. चित्र : शटरस्टॉक
शालिनी पाण्डेय Published: 1 Jun 2022, 20:00 pm IST
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आम तौर पर, बालों के साथ की जाने वाली कोई भी स्टाइलिंग उन्हें नुकसान ही पहुंचाती है। पॉइंट इन पॉइंट हेयर रीबॉन्डिंग आपके बालों को सिल्की और स्ट्रेट टच दे सकती है। जिसका आप हमेशा से सपना देखती रही हैं, लेकिन हेयर रिबॉन्डिंग की यह प्रक्रिया आपके बालों को खासा नुकसान भी पहुंचाती है, इतना ही नहीं कई मामलों में यह हेयर फॉल से लेकर गंजेपन तक का कारण बन सकती है। यदि आप भी अपने बालों में इस प्रक्रिया (rebonding hair care tips) का इस्तेमाल कर रही हैं, तो इससे होने वाले दुष्प्रभाव और उनसे बचाव के बारे में भी ज़रूर जान लें। 

क्या है हेयर रीबॉन्डिंग (Hair Rebonding)?

हेयर रीबॉन्डिंग के बारे में बात करते हुए शैम्पेन सैलून दिल्ली की सुवर्णा त्रिपाठी कहती हैं, “यह एक रासायनिक उपचार (chemical treatment) है जो आपके बालों को रिलेक्स करता है। साथ ही आपके बालों के कर्ल को भी सीधा करता है। स्लीक स्ट्रेट बाल पाने के लिए यह आदर्श तकनीक है। खासकर यदि आपके बाल घुंघराले हैं और उन्हें मैनेज करना आपके लिए मुश्किल हो रहा है। 

रिबॉन्डिंग का प्रभाव लंबे समय तक रहता है और यह घुंघराले बालों को काफी हद तक कम करता है। बालों के बीच मौजूद प्रोटीन सेल्स इसे मज़बूत बनाते हैं। हर प्रकार के बालों में नेचुरल बॉन्ड होता है, जो इसकी भौतिक गुणवत्ता को प्रभावित करता है और आके घुंघराले बालों को लहराते बालों में बदल देता है। यह तकनीक इस नेचुरल बॉन्ड को सीधा करने के लिए रसायनों का उपयोग करती है।

बाल को स्ट्रेट करने के लिए करते हैं केमिकल्स का इस्तेमाल । चित्र-शटरस्टॉक।

स्ट्रेटनर आपके बालों को सीधा करने के लिए जहां हीट प्रेसिंग का इस्तेमाल करता हैं, वहीं रीबॉन्डिंग केमिकल्स की मदद से इस बॉन्ड को तोड़ देती है और सीधे बालों के लिए नए बनाए गए बॉन्ड से उन्हें फिर से व्यवस्थित करती है। बालों की प्राकृतिक कोशिका इस संरचना को तोड़ती है और इसे फिर से बनाती है। बालों की संरचना को फिर से जोड़ने के लिए एक न्यूट्रलाइज़र का उपयोग किया जाता है, जिससे आपको बालों की मनचाही बनावट और आकार मिलता है।

एक बार जब बाल सीधे हो जाते हैं, तो आपके प्राकृतिक बालों के विकास के आधार पर 3 महीने या 6 महीने में नियमित रूप से टच-अप की आवश्यकता होती है।

कैसे की जाती है रीबॉन्डिग की प्रक्रिया 

हेयर रीबॉन्डिंग की तकनीक में दो रसायनों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि क्रीम रिलैक्सेंट और न्यूट्रलाइज़र। इनका उपयोग करने से पहले, बालों को माइल्ड शैम्पू से अच्छी तरह धोकर और मध्यम सेटिंग में ब्लो- ड्राई करके लंबी प्रक्रिया के लिए तैयार किया जाता है। कंडीशनर का उपयोग बाद के चरण में किया जाता है। बालों को कंघी की जाती है और इनके वॉल्यूम के आधार पर बड़े करीने से इन्हें कई वर्गों में विभाजित किया जाता है।

इसके बाद, क्रीम रिलैक्सेंट या सॉफ्टनर को पहले बालों के प्रत्येक भाग पर अलग से लगाया जाता है। फिर इसे सीधा रखा जाता है और बालों के प्राकृतिक बंधन को तोड़ने पर इसे सेट होने दिया जाता है।

पतले प्लास्टिक बोर्ड का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि क्रीम बालों के प्रत्येक स्ट्रैंड पर लग जाए। सामान्य से लहराते बालों के लिए, क्रीम को आदर्श रूप से 30 मिनट के लिए छोड़ दिया जाता है। जबकि सूखे, घुंघराले और अत्यधिक घुंघराले बालों के लिए इसे अधिक समय तक छोड़ा जा सकता है। हालांकि इसे ज्यादा देर तक रखने से बालों को ज़्यादा नुकसान हो सकता है। 

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बालों के प्रकार के साथ ही किया जाता है बालों के साथ अलग-अलग ट्रीटमेंट होता है 

इसके बाद बालों की बनावट और सामान्य स्थिति के आधार पर बालों को 30-40 मिनट तक स्टीम किया जाता है। अच्छी तरह से बालों को गीला करने और ब्लो-ड्राई के बाद आगे की प्रक्रिया होती है।  बचे हुए कर्ल को चिकना करने के लिए केराटिन लोशन लगाया जाता है। 

एक बार जब बाल संतोषजनक रूप से सीधे हो जाते हैं, तो इसे फिर से विभाजित किया जाता है। इस चरण के बाद न्यूट्रलाइज़र लगाया जाता है, जो आपके बालों को एक चिकना और सीधा लुक देने के लिए बॉन्ड को फिर से बानाता और स्थिर करता है। न्यूट्रलाइज़र को बालों पर और 30 मिनट के लिए छोड़ दिया जाता है और फिर बालों को आखिरी बार धोकर ब्लो-ड्राय किया जाता है।
बालों को पोषण देने के लिए , सीरम को हर जगह सावधानी से लगाया जाता है। अंत में, बालों को आयरन से सीधा किया जाता है। अच्छे परिणामों के लिए रिबॉन्डिंग प्रक्रिया के बाद कम से कम तीन दिनों तक बालों को न धोने की सलाह दी जाती है।

अब इसके दुष्प्रभाव भी जान लीजिए 

1.रिबाउंडिंग के बाद, आपके बालों को अत्यधिक देखभाल की आवश्यकता होती है, क्योंकि उपचार के बाद यह नाजुक हो जाते हैं। पहले महीने के लिए बालों को पीछे या बांधकर नहीं रखा जा सकता है अन्यथा इससे नुकसान हो सकता है ।

2. प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाले सभी रसायनों की गर्मी आपकी स्कैल्प के लिए हानिकारक हो सकती है और इसे जला भी सकती है। यदि धातु की प्लेटों का तापमान आवश्यकता से अधिक हो या रसायनों को आवश्यकता से अधिक समय तक रखा जाए, तो क्षति लंबे समय तक चल सकती है।

प्रक्रिया के बाद एक दो दिन शैम्पू नहीं करना चाहिए

3.प्रक्रिया के बाद बालों की बनावट और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए नियमित रूप से टच-अप करवाने की आवश्यकता होती है।

4.नुकसानदायक रसायनों का उपयोग किया जाता है जो बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं और हर टच-अप के बाद बाल कमजोर हो जाते हैं।

चूंकि यह एक स्थायी प्रक्रिया है, इसलिए प्रभाव लंबे समय तक चलने वाले हो सकते हैं और  इसे करवाने के बाद आपके प्राकृतिक बालों में कोई बदलाव नहीं आता है।

बेहतर परिणाम के लिए रिबॉन्डिंग के दौरान रखें इन बातों का ध्यान 

सीधे बालों के लिए विशिष्ट शैम्पू का प्रयोग करें और बाल धोने के बाद कंडीशनर का प्रयोग करें।

अपने बालों को तौलिए से सुखाने के बाद सीरम लगाएं। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे उलझे हुए और फ्रिज़ी नहीं हैं।

प्राकृतिक पोषण के लिए बालों में नियमित रूप से तेल लगाना आवश्यक है और सप्ताह में एक बार प्राकृतिक घरेलू हेयर मास्क का उपयोग करने की सलाह दी जाती है- जैसे कि अंडे के साथ जैतून का तेल, एलोवेरा जेल या दही।

स्वस्थ दिखने वाले बालों के लिए हफ्ते में एक बार भाप लेने का सुझाव दिया जाता है या आप अपने बालों को गहरी कंडीशनिंग के लिए गर्म गीले तौलिये को चारों ओर लपेट भी सकती हैं।

नट्स और स्प्राउट्स से युक्त संतुलित, पौष्टिक आहार लें।

अपने बालों को डीप कंडीशन करने के लिए होममेड हेयर मास्क का इस्तेमाल करें ।

प्रक्रिया के तुरंत बाद अपने बालों को न बांधें। साथ ही कम से कम एक सप्ताह तक कोई हेयर एक्सेसरीज न पहनें।

सुनिश्चित करें कि आप रीबौन्डिंग के बाद पहले सप्ताह के दौरान नहाते समय शॉवर कैप पहनें ताकि आपके बालों पर पानी गिरने से बचाया जा सके।

शालिनी पाण्डेय

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