अंतिम पीरियड के एक साल बाद शुरू होता है मेनोपॉज फेज (Menopause Phase)। इसकी शुरुआत 40- 50 के बीच होती है। इसके कारण शरीर में कई तरह के बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। मेनोपॉज फेज शुरू होने पर सबसे अधिक प्रभावित होती है स्किन और बाल। जैसे-जैसे हार्मोन लेवल घटता है, स्किन सूखी, डल होनी शुरू हो जाती है। चेहरे पर ज्यादा बाल आने लग जाते हैं और सिर के बाल झड़ने लगते हैं। यदि सही तरीके से देखभाल शुरू नहीं की जाये, तो स्किन पर और भी बुरे प्रभाव पड़ सकते हैं। यहां एक्सपर्ट शहनाज हुसैन बता रही हैं कि मेनोपॉज फेज़ में स्किन की देखभाल किस तरह करनी (Menopausal skin care) चाहिए।
पेरिमेनोपॉज में हार्मोन लेवल में उतार-चढ़ाव होता है। इससे त्वचा के पीएच लेवल में परिवर्तन हो जाता है। इससे स्किन की गंभीर समस्या भी हो सकती है। मुंहासे के अलावा, रोसैसिया, एक्जिमा और सोरायसिस की समस्या भी हो सकती है। झुर्रियां (Wrinkles), भूरे रंग के धब्बे (Brown Spots), जौल्स (Jowls) और शुष्क त्वचा (Dry Skin) उम्र बढ़ने और मेनोपॉज फेज के कारण अधिक स्पष्ट दिखाई दे सकता है।
शहनाज हुसैन के अनुसार, मेनोपॉज फेज में व्यायाम के साथ- साथ स्वस्थ खाने का पैटर्न अपनाएं। आहार में ताजे फल, अनप्रोसेस्ड अनाज, सलाद, अंकुरित अनाज, हल्की पकी सब्जियां, दही और स्किम्ड दूध, सूप, ताजे फलों का रस शामिल करना होगा। ध्यान दें कि वसा, चीनी और स्टार्च का प्रयोग कम से कम करना होगा। विटामिन और मिनरल्स से भरपूर आहार लेना होगा।
उम्र के साथ तेल ग्रंथियों और त्वचा की गतिविधि कम हो जाती है, जिससे स्किन ड्राई हो जाती है। त्वचा की देखभाल दिनचर्या में क्लींजिंग, टोनिंग, मॉइस्चराइजिंग जरूर शामिल होना चाहिए। डेली मॉइस्चराइजिंग से स्किन को पोषण मिलता है और स्किन मुलायम बनी रहती है।
इस समय सीबम के निचले स्तर के साथ त्वचा की कोशिकाओं का री न्यूअल कम हो जाता है। इससे स्किन डल हो सकती है। ठीक से देखभाल न करने पर जीवन शक्ति में कमी आ सकती है।
मेनोपॉज फेज में स्किन के लिए कोलेजन और विटामिन सी सप्लीमेंट जरूरी है। इससे सेल उत्पादन को बढ़ावा देने और स्किन को साफ़ करने में मदद मिलती है। कोमल स्किन के लिए गर्दन और उसके आसपास के क्षेत्र पर विशेष ध्यान देना जरूरी है।
आंखों के आसपास की त्वचा की मालिश करने से बचें। क्योंकि यहां की स्किन आसानी से खींची जा सकती है और उसमें खरोंच लग सकती है। इन दिनों बाज़ार में आंखों के आसपास के क्षेत्र की देखभाल के लिए विशेष क्रीम मिलती हैं, जो स्किन की इलास्टिसिटी को बनाए रखने और शुरुआती झुर्रियों को रोकने में मदद करती हैं।
सप्ताह में एक बार अच्छे पेशेवर से स्किन की मालिश कराएं। साथ ही सफाई, टोनिंग और फेस मास्क का प्रयोग करे। इससे स्किन फिर से जीवंत हो जाएगी। इससे स्किन को पर्याप्त नमी बनाए रखने में मदद मिलती है। सेल नवीनीकरण की प्रक्रिया भी होती है। इस उम्र में पिगमेंटेशन, डार्क स्पॉट और स्किन पैचेज की समस्या बढ़ जाती है। इसलिए धूप में जाने से बचें। सनस्क्रीन का प्रयोग करें। कई क्लिनिक उम्र बढ़ने पर त्वचा से जुड़ी समस्याओं के लिए भी उपचार प्रदान करते हैं। जरूरत पड़ने पर जरूर संपर्क करें।
अपने बारे में अच्छा महसूस करने का प्रभाव स्किन पर भी दीखता है। तनाव मुक्त रहें। किसी नई चीज़ को सीखने की कोशिश करें। अपनी रुचियों और शौक को विकसित करें। कुछ नया सीखें। एक्टिव रहें। अपने-आपको अधिक सक्रिय महसूस कराएं। सही और स्किन के अनुकूल मेक अप का चुनाव करें।
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