क्या आपकी बेटी टीन एज ग्रुप में प्रवेश करने वाली है? संभव है कि उसे एक्ने या पिंपल्स की समस्या हो। इस एज में 10 में से 8 बच्चे स्किन प्रॉब्लम से परेशान होते हैं। टीनएज में स्किन की इलास्टिसिटी अधिक होती है। पिंपल्स और एक्ने की तरह उनकी स्किन पर और भी कई समस्याएं हो सकती हैं। इस एज ग्रुप में विशेष स्किन केयर करनी पड़ती है। स्किन केयर किस तरह की जाए (How to do skin care in teenage), इसके लिए हम यहां कुछ एक्सपर्ट टिप्स साझा कर रहे हैं। किशोरियों की त्वचा की देखभाल के बारे में बात करने से पहले समझते हैं टींस और एडल्ट स्किन के बीच के अंतर को।
जब शरीर किशोरावस्था में प्रवेश करता है, तो वह कई तरह के परिवर्तनों से गुजरता है। जब आप छोटी बच्ची होती हैं, तो स्किन अक्सर खुद को रिन्यू करती रहती है। जैसे ही आप टीनएज में पहुंचती है स्किन की रिन्यू करने की प्रवृत्ति घटने लगती है।
बचपन की तुलना में यह सख्त और अधिक लचीली हो जाती है। टींस की फेस स्किन में भरपूर मात्रा में कोलेजन मौजूद होता है। जैसे ही आप एडल्ट एज में प्रवेश करती हैं, कोलेजन का उत्पादन कम हो जाता है। इससे आपकी त्वचा में सैगिंग, फाइन लाइन्स और रिंकल्स आने की संभावना बनने लगती हैं।
शरीर बढ़ने के साथ-साथ हार्मोनल चेंजेज भी होते हैं, जिससे स्किन प्रॉब्लम होती है। इसके कारण सीबम या ऑयल प्रोडक्शन बढ़ जाता है। ऑयल और पसीने के अत्यधिक प्रोडक्शन के कारण आपके स्किन सेल्स में धूल-मिट्टी या फेस प्रोडक्ट फंसने लगते हैं।
इससे पोर्स बंद हो जाते हैं और पिंपल्स निकल आते हैं। हालांकि हार्मोनल इंबैलेंस के कारण एडल्ट एज, खराब लाइफस्टाइल, खराब डाइट, पीरियड और प्रेगनेंसी के दौरान भी पिंपल्स निकलते हैं।
टीन एज में पहुंचते ही स्किन की देखभाल शुरू कर देनी चाहिए। स्किन जेस्ट की चीफ डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. नुपुर जैन हेल्थ शॉट्स से बताती हैं कि ओपन पोर्स और सीबम सीक्रेशन अधिक होने के कारण स्किन सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। इसलिए स्किन की विशेष देखभाल जरूरी है।
डाॅ. नुपुर बताती हैं, ‘चेहरे को ठीक से धोने के लिए स्किन के अनुकूल क्लींजर का उपयोग करना चाहिए, ताकि स्किन ड्राय न हो या जलन न पैदा हो। ऑयली या नॉर्मल या फिर कॉम्बीनेशन स्किन के लिए सैलिसिलिक एसिड युक्त डेली क्लींजर का उपयोग करना चाहिए। यह पोर्स को साफ कर डिहाइड्रेशन बढ़ाता है।’
सीबम प्रोडक्शन को नियंत्रित करने के लिए विटामिन ए या जिंक की खुराक भी ली जा सकती है। इससे ब्लैकहेड्स को कम किया जा सकता है। चेहरे को रगड़ कर साफ करने की बजाय धीरे-धीरे सर्कल में घुमाते हुए साफ करना चाहिए। साबुन का उपयोग करने से बचें, क्योंकि यह पिंपल्स और एक्ने को ट्रिगर कर सकता है।
स्किन को हाइड्रेटेड रखने और समय से पहले होने वाली फाइन लाइंस और रिंकल्स को रोकने में मदद करने के लिए दिन में दो बार मॉइस्चराइजर लगाएं।
अगर स्किन ऑयली है, तो क्लॉगिंग से बचने के लिए हल्के ऑयल-फ्री मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें। मुहांसे से बचने के लिए जेल बेस्ड मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें।
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कस्टमाइज़ करेंएक ऐसे मॉइस्चराइजर का चुनाव करें, जिसमें ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन भी शामिल हो। सेंसिटिव स्किन वाली टीन लड़कियों को अतिरिक्त सुगंध वाले मॉइस्चराइजर से बचना चाहिए।
पोर्स बंद होने से बचने के लिए बेटी को स्किन को एक्सफोलिएट करते रहने के लिए कहें। क्ले वाले प्रोडक्ट का चुनाव करें, जो नेचुरल एंटीसेप्टिक और एस्ट्रीनजेंट प्रॉपर्टी वाले होते हैं। एएचए और सैलिसिलिक एसिड युक्त एक्सफोलिएटर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जो पोर्स की अच्छी तरह सफाई करते हैं।
पिंपल्स किसी भी उम्र में हो सकते हैं, लेकिन टीनएज में हार्मोनल परिवर्तनों के कारण पिंपल्स होने की संभावना अधिक होती है। स्किन को ड्राय करने के लिए सल्फर क्लींजर और मास्क का प्रयोग किया जाता है। सैलिसिलिक एसिड की तुलना में ये स्किन के लिए अधिक मुलायम होते हैं। बेंजॉयल पेरोक्साइड फेस वॉश, क्रीम, फोम और जैल एंटीबैक्टीरियल और एंटीइन्फ्लामेटरी होते हैं, जो पिंपल्स को खत्म करने में कारगर हैं।
चेहरे को दिन में दो बार गुनगुने पानी से धोना चाहिए। यह गंदगी को हटाने में मदद करता है, लेकिन स्किन के नेचुरल हाइड्रेटिंग ऑयल को बरकरार रखता है। स्किन का सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाव करें। जब भी धूप में निकलें तो पूरी बाजू के टॉप पहनने की कोशिश करें और चेहरे को ढंक कर रखें।
हरी सब्जियों और फलों से भरपूर संतुलित आहार लें। भरपूर पानी पीकर स्किन को हाइड्रेटेड रखें। तैलीय भोजन और शुगर युक्त भोजन के अत्यधिक सेवन से बचें, जो स्किन प्रॉब्लम को बढ़ा सकते हैं।
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