आयुर्वेद में हिबिस्कस के फूल को जिसे गुड़हल का फूल भी कहा जाता है बालों को बढ़ाने के लिए काफी प्रसिद्ध है। फूल के पंखुड़ियों और पत्तियों दोनों को उनके पित्त-संतुलन गुणों के कारण बालों के विकास में सुधार करने के लिए जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, बालों का झड़ना शरीर में अत्यधिक गर्मी के कारण हेयर फॉलिकल्स को नुकसान पहुंचाने के कारण होता है। हिबिस्कस के ठंडे गुण इसे एक अच्छा पित्त-संतुलन जड़ी बूटी बनाते हैं, जो बालों के झड़ने और पुनर्विकास संबंधी समस्याओं के लिए फायदेमंद है।
गुड़हल के फूल में फ्लेवोनोइड्स और अमीनो एसिड से भरपूर होते है। फ्लेवोनोइड्स सिर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। निष्क्रिय फॉलिकल्स को उत्तेजित करने में मदद करता है। जबकि अमीनो एसिड बालों में केराटिन उत्पादन में मदद करता है। जिससे बालों को काफी चमक मिलती है और बाल लंबे भी होते है। इससे बालों के पतले होने की समस्या भी दूर होती है।
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स्कैल्प का संक्रमण शुरू में आपको सामान्य लग सकता है। लेकिन जैसे जैसे ये बढ़ता है ये कई बालों का समस्या का कारण बनता है। अगर बालों के संक्रमण पर ध्यान नही दिया जाता तो बालों में रूसी, बालों का झड़ना, बालों का पतला होना, दोमुंहे बाल होने जैसी समस्या हो सकती है। हिबिस्कस का तेल का इस्तेमाल इस संक्रमण को फैलने से रोक सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार डैंड्रफ वात और कफ दोष के बढ़ने के कारण होता है। इन दोषों के खराब होने से आपके स्कैल्प पर यीस्ट जमा हो जाता है, जिससे गीला या सूखा डैंड्रफ होता है। डैंड्रफ रोम छिद्रों को बंद कर देते हैं और बालों को बढ़ने से रोकता है, जिससे बालों के झड़ने जैसी स्थिति पैदा कर देते हैं। इसके लिए भी हिबिस्कस के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
हिबिस्कस के पौधे रेसिलिएंट गुणों से भरे होते हैं जो आपके स्कैल्प को सूरज से होने वाली क्षति से बचाता है। एक शोध के अनुसार, हिबिस्कस में मौजूद फ्लेवोनॉयड्स आपके बालों को यूवीबी किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन की तरह काम करते हैं।
सिर में सेबेसियस ग्रंथि होती है जो वो बालों को ड्राई होने से बचाने के लिए सीबम नाम का एक तैलीय पदार्थ का उत्पादन करता है। हार्मोन असंतुलन होने के कारण या कफ दोष बढ़ने के कारण ज्यादा सीबम के उत्पादन को ट्रिगर करता है। जिससे बालों में अधिक तेल निकलता है और बाल चिपचिपे हो जाते है।
गुड़हल के कसैले गुण आपके बालों में प्राकृतिक नमी को बनाए रखने के लिए इन ग्रंथियों की गतिविधि को संतुलित करते हैं।
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1 पेस्ट बनाने के लिए तीन से चार गुड़हल की पत्तियों और फूलों को ब्लेंड करें
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें2 पेस्ट में चार बड़े चम्मच दही डालें और एक स्मूथ पेस्ट बनाने के लिए अच्छे से मिलाएं
3 इस पेस्ट को अपने बालों और स्कैल्प पर अच्छी तरह लगाएं
4 इसे एक घंटे के लिए छोड़ दें। आप अपने बालों को शावर कैप से ढक सकते हैं
5 अपने बालों को पानी और हल्के शैम्पू से धो लें
1 एक कटोरी में दो बड़े चम्मच कुटी हुई गुड़हल की पंखुड़ियां, नारियल का दूध और शहद मिलाएं
2 मिश्रण में चार बड़े चम्मच एलोवेरा जेल और दो बड़े चम्मच दही डालें और एक गाढ़ा पेस्ट बनाने के लिए अच्छी तरह मिलाएं
3 इस पेस्ट को अपने स्कैल्प और बालों में लगाएं और 30 मिनट तक लगा रहने दें।
4 गुनगुने पानी और एक हल्के शैम्पू से धो लें
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