वेडिंग सीजन में कूल आइडिया है एक्रेलिक नाखूनों का इस्तेमाल, पर इसके 4 साइड इफैक्ट्स भी जान लें

नेल आर्ट ने हमारे रेगुलर मैनीक्योर को लोकप्रिय बना दिया है। लेकिन क्या नकली नाखूनों का इस्तेमाल सुरक्षित है? आइये जानते हैं।
जानिए एक्रेलिक या आर्टिफिशियल नाखून यूज करने के 4 साइड इफैक्ट्स। चित्र : शटरस्टॉक
विदुषी शुक्‍ला Published: 1 Dec 2020, 16:03 pm IST
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हम सभी सेल्फ केयर के उद्देश्य से पार्लर जाते हैं और खुद के बारे में बेहतर महसूस करना हमारा अधिकार है। बॉडी मसाज, स्पा, पेडीक्योर और फेशियल इत्यादि अलग-अलग तरीके हैं खुद को रिलैक्स करने और खुद से प्यार जताने के। ऐसा ही एक तरीका है मैनीक्योर जिसमें हम अपने हाथों और नाखूनों की देखभाल करते हैं।

कोई खास मौका हो, पार्टी के लिए तैयार होना हो या सिर्फ खूबसूरत हाथों की इच्छा हो, मैनीक्योर हर लड़की के ब्यूटी रूटीन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

सामान्य तौर पर मैनीक्योर में नाखूनों की मॉइस्चराइजिंग, क्यूटिकल ट्रिमिंग और नाखूनों को शेप करना शामिल होता है। लेकिन आज के समय में मैनीक्योर में नकली नाखून यानी ऐक्रेलिक नेल्स का उपयोग होता है। और ये नकली नाखून आपकी सेहत के लिये ठीक नहीं, खासकर अगर आप नियमित इस्तेमाल करती हैं।

कहीं आपके नेल आर्ट का आपके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव तो नहीं डाल रहा? चित्र : शटरस्टॉक

हम बताते हैं नकली नाखून इस्तेमाल करने के नुकसान और स्वास्थ्य जोखिम।

1. आपके प्राकृतिक नाखून पतले हो जाते हैं

नकली नाखूनों के प्रयोग का सबसे बड़ा साइड इफेक्ट है कि आपके असली नाखून पतले हो जाते हैं। मिआमि स्कूल ऑफ मेडिसिन द्वारा की गई एक स्टडी में पाया गया कि जेल मैनीक्योर में मौजूद केमिकल नाखूनों को पतला कर देता है। यही नहीं, इन नाखूनों को निकालने के लिए हाथों को एसीटोन में डुबाया जाता है जो नाखूनों को डैमेज करता है।

2. अल्ट्रावायलेट किरणों से होता है नुकसान

शेल्लक और एक्रेलिक नाखून लगाने के लिए नाखूनों को यूवी किरणों के नीचे रखा जाता है। इस प्रोसेस को क्योर करना कहते हैं। ये तो आप जानती हैं कि यूवी किरणें स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक हैं। UVA स्पेक्ट्रम की किरणें स्किन एजिंग, भूरे दाग धब्बे और झुर्रियों के लिये जिम्मेदार होती हैं। यही नहीं, अत्यधिक एक्सपोजर से स्किन कैंसर का जोखिम भी बढ़ता है। ये ना सिर्फ आपके हाथ के लिए खतरनाक होता है, बल्कि आंखों को भी प्रभावित कर सकता है। नियमित रूप से एक्रेलिक मैनीक्योर स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।

आपके नाखूनों का रंग आपकी सेहत के संकेत देता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
आपके नाखूनों का रंग आपकी सेहत के संकेत देता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

3. नाखूनों को रूखा और बदरंग बना सकता है

नकली नाखूनों को चिपकाने और छुड़ाने की प्रक्रिया में आप अपने नाखूनों को बहुत सारे केमिकल में भिगोती हैं। इससे नाखूनों के आसपास की त्वचा जिन्हें क्यूटिकल कहते हैं, सूख जाती हैं। यही नहीं, नियमित केमिकल का उपयोग नाखूनों को पीला और कांतिहीन बना देता है।
दो मैनीक्योर के बीच एक महीने का गैप होना और नाखूनों को नियमित मॉइस्चराइज करना बहुत जरूरी है।

4. फोटो टॉक्सिसिटी

फोटो टॉक्सिसिटी नकली नाखूनों के इस्तेमाल से जुड़ा एक बहुत बड़ा जोखिम है। LED लाइट या UV किरणों के कारण आपकी आंखों का रेटिना डैमेज हो जाता है। अगर आप नियमित सैलून जाती है तो अपने डॉक्टर से इससे जुड़े रिस्क पर चर्चा जरूर कर लें।

नाखूनों का ख्‍याल रखना बहुत जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक
नाखूनों का ख्‍याल रखना बहुत जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक

अपने नाखूनों को डैमेज से बचाने के लिए इन बातों का ख्याल रखें

1. सुंदर नाखूनों की चाहत कोई गलत बात नहीं है, बस आपको सही प्रीकॉशन पता होने चाहिए। जब भी अपने नकली नाखून निकलवायें तो फाइलर का इस्तेमाल न करें। अपने नाखूनों को रगड़ें नहीं, बल्कि एसीटोन की मदद से नाखून हटाएं।

2. हर मैनीक्योर के बीच एक महीने का गैप लें।

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3. नाखूनों को नारियल तेल या ग्रेपफ्रूट ऑयल से हर रात मसाज करें।

4. एक्रेलिक नाखूनों को लगवाते समय उंगलियां ना ढकने वाले दस्ताने पहन सकती हैं। इससे आपके हाथ UV किरणों से बचे रहेंगे।

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पहला प्‍यार प्रकृति और दूसरा मिठास। संबंधों में मिठास हो तो वे और सुंदर होते हैं। डायबिटीज और तनाव दोनों पास नहीं आते। ...और पढ़ें

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