शाइनी, स्ट्रेट और मुलायम बाल हर किसी की पहली पंसद होते हैं। बालों को नया लुक देने के लिए लोग तरह तरह की ट्रीटमेंट की मदद लेते हैं। इससे बालों में नयापन बढ़ने लगता है और ओवरऑल पर्सनेलिटी में सुधार आ जाता है। खुद को बेहतरीन लुक देने और ट्रेंड सेटर बनने के लिए यूं तो बाज़ार में कई प्रकार के हेयर ट्रीटमेंट (Hair treatment) आ चुके हैं, मगर अक्सर लोग उनके चयन को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं। वे इस बात को तय नहीं कर पाते हैं कि उन्हें अपने लिए किस ट्रीटमेंट को चुनना चाहिए। तो चलिए जानते हैं इस लेख में इन दिनों ट्रेंडिंग हेयर ट्रीटमेंट (Hair treatment) और उनके फायदों और नुकसान दोनों के बारे में भी।
मानसून की शुरूआत के साथ ही बालों में फ्रिजीनेस का खतरा बढ़ने लगता है। मगर बालो को बेहतरीन लुक देने के लिए कैराटीन, स्ट्रेटनिंग और रिबॉन्डिंग (Hair rebonding) का चलन दिनों दिन बढ़ रहा है। इससे हेयर स्टाइलिंग का झंझट खत्म हो जाता है और बाल स्मूद दिखने लगते है। केमिकल्स के प्रयोग से की जाने वाली इन हेयर ट्रीटमेंट (hair treatment) के कुछ नुकसान भी हैं।
इस बारे में सर्टिफाइड ब्यूटी एक्सपर्ट रेखा कुमारी बता रही हैं कि हेयर ट्रीटमेंट से बालों को नई संरचना और लुक मिलता है। इससे बालों की फ्रिज़ीनेस को कम करके उन्हें स्मूद और शाइनी बनाया जाता है। जानते हैं हेयर ट्रीटमेंट किस प्रकार बालों को करते हैं प्रभावित।
हेयर रीबॉन्डिंग एक केमिकल प्रक्रिया है जो बालों के नेचुरल टैक्सचर को बदलकर उन्हें स्ट्रेट और स्मूद बना देते हैं। इस प्रोसेस को केमिकल स्ट्रेटनिंग (chemical straightening भी कहा जाता है। हेयर रीबॉन्डिंग (Hair rebonding) कॉस्मेटोलॉजिस्ट करते हैं, जिसमें मल्टीस्टेप के ज़रिए हेयर फॉलिकल्स में मौजूद प्राकृतिक बॉन्ड को नष्ट किया जाता है। नेचुरल बॉन्ड को तोड़कर बालों को मन मुताबिक आकार दिया जाता है।
हेयर स्मूदनिंग (Hair smoothening) एक ऐसी तकनीक है, जिसमें बालों की फ्रिज़ीनेस को खत्म करके टेकस्चर को स्मूद लुक दिया जाता है। इसके लिए केमिकल को बालों पर अप्लाई करके रूखेपन को कम किया जाता है और फिर उसे लॉक करने के लिए स्ट्रेटनर का इस्तेमाल करते हैं। इससे बालों के बॉन्ड में कोई परिवर्तन नहीं किया जाता है। 2 से लेकर 5 महीनों तक इस केमिकल का प्रभाव बालों पर देखने को मिलता है।
केराटिन ट्रीटमेंट की मदद से बालों को प्रोटीन तत्व मिलता है। कैराटीन वो तत्व होता है, जो शरीर नेचुरली प्रोड्यूस करता है, जिससे स्किन, बालों और नाखूनो की देखरेख में मदद मिलती है। बालों पर कैराटीन करने के लिए कैराटीन बेस्ड प्रोडक्टस को बालों पर लगाकर उसे आयरन से सील कर दिया जाता है।
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