यदि आपके बाल भो बहुत ज़्यादा फ्रिजी या कर्ली हैं तो आप समझ सकती होंगी कि इन्हें मैनेज करना कितना मुश्किल होता है। खासकर यदि आपके बेबी हेयर और स्पिलट एन्ड्स हैं, जो आपको परेशान करते हैं जब भी आप अपने बालों को स्टाइल करती हैं। ऐसे में आप चाहें कितने भी प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल क्यों न कर लें बाल उलझे हुए ही रहते हैं।
आप जब भी सैलून हेयर यर कट लेने जाती होंगी तो एक बात आपको आपके हेयर स्टाइलिस्ट नें ज़रूर बोली होगी और वो है ‘रीबॉन्डिंग’ (rebonding ) करा लेजिए! नहीं तो ‘हेयर स्मूदनिंग’ (hair smoothening) आपको ट्राई करनी चाहिए। मगर आखिर इन दोनों में क्या अंतर है? यह ट्रीटमेंट कैसे काम करते हैं? इनके क्या फायदे हैं? क्या आपको इन्हें कराना चाहिए या नहीं? यदि आप ही यह सब सवालों के जवाब जानना चाहती हैं तो यह लेख आपके लिए है।
हेयर रिबॉन्डिंग एक रासायनिक प्रक्रिया है जो आपके बालों की प्राकृतिक बनावट के को सुधारने में मदद करती है। ताकि वे शाइन करें और स्मूद हो जाएं। यह प्रक्रिया यह रसायनों की मदद से आपके बालों के प्राकृतिक बैरियर को तोड़ देती है और इसे एक नया रूप देती है। आपके बाल बॉन्ड से बने होते हैं जो अनिवार्य रूप से आपके बालों की बनावट और आकार को परिभाषित करते हैं। रिबॉन्डिंग में उपयोग किए जाने वाले रसायन उन बॉन्ड को तोड़ते हैं और हीट का उपयोग करके उन्हें पुनर्व्यवस्थित करते हैं। इसकी वजह से बाल बिल्कुल सीधे और स्मूद हो जाते हैं।
रीबॉन्डिंग के बाद आपके बाल एकदम स्ट्रेट दिखेंगे। इसके बेबी हेयर, फ्लाईअवे और स्प्लिट एंड्स बिलकुल गायब हो जाते हैं। एक बार यह ट्रीटमेंट लेने के बाद आपके बालों की क्वालिटी सुधर जाएगी।
यदि आपके बाल पहले बहुत ज़्यादा उलझे हुये रहते थे तो अब ये बिल्कुल फ्रिज़ फ्री और स्ट्रेट हो जाएंगे। यह आपको समय और ऊर्जा बचाने में भी मदद करेगा, हर बार जब आप अपने बाल धोते हैं तो इसे स्टाइल करते हैं।
बालों को स्मूद करना, जिसे ब्राज़ीलियाई ब्लोआउट के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रक्रिया में अमीनो एसिड का उपयोग शामिल है जो बालों की रक्षा करते हैं और किसी भी फ्रिज़ को खत्म करके बालों को स्मूद टेकस्चर देते हैं। यह आपके बालों में अमीनो एसिड को लॉक करने के लिए स्ट्रेटनर के माध्यम से हाई हीट का उपयोग करता है, जिसके परिणामस्वरूप बाल नरम और चिकने हो जाते हैं। स्मूदिंग ट्रीटमेंट आपके बालों की प्राकृतिक संरचना को नहीं बदलता है। इसलिए बालों का आकार काफी हद तक एक जैसा रहता है, बिना किसी फ्रिज़ के।
स्मूदनिंग के बाद आपके बालों की बनावट वही रहती है, लेकिन यह बहुत बेहतर और हेल्दी हो जाते हैं। स्मूदनिंग फ्रिज़ से निपटने में मदद करती है और बालों को चमकदार और अधिक मैनेजेबिल बनाती है।
स्मूदनिंग में भारी केमिकल्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता है और यह आपके बालों के प्राकृतिक बनावट को नहीं बदलता है। रसायन जितने कम होंगे, आपके बालों को उतना ही कम नुकसान होगा।
यह पूरी तरह से आपके बालों और उसकी क्वालिटी के ऊपर निर्भर करता है कि आपके बालों के लिए क्या सूट करेगा और क्या नहीं। यदि आपके बाल सिर्फ उलझते हैं तो आपको स्मूदनिंग के लिए जाना चाहिए। मगर यदि आपके बाल फ्रिजी होने के साथ कर्ली भी हैं तो रीबॉन्डिंग आपकी मदद कर सकती है।
मगर केमिकल्स का बालों पर जितना कम इस्तेमाल हो उतना अच्छा। तो किसी हेयर एक्सपर्ट से बात करें और जानें कि आपके बालों के लिए क्या सही है क्या नहीं!
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