आप शायद हैरान हों, लेकिन बाल झड़ने की भी एक आनुवांशिकी होती है। बाल झड़ने का सबसे आम कारण जो हमें समझ में आता है, वह है उम्र। आम तौर पर 20 से 30 की उम्र से बाल झड़ने शुरू हो जाते हैं। कुछ महिलाओं में मेनोपॉज तक यह परिवर्तन होते रहते हैं।
नेशनल सेंटर फोर बायो टैक्नोलॉजी इन्फोर्मेशन के एक अध्ययन के अनुसार , बालों के झड़ने की प्रवृत्ति दोनों तरफ के परिवार से विरासत में मिल सकती है। हम अपने माता-पिता से न केवल हेयर फॉल पैटर्न कैरी करते हैं, बल्कि डीएचटी या डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन- एक पुरुष सेक्स हार्मोन जो बालों के रोम को पतला बनाता है और गंजापन के लिए जिम्मेदार होता है, वह भी कैरी करते हैं।
यह आनुवांशिक इफैक्ट बालों के झड़ने और पतले होने के रूप में नजर आता है। इससे स्कैल्प से बालों की ग्रोथ पर भी असर पड़ता है। इसका सबसे साफ संकेत आपको अपने तकिये पर, नहाते समय बाथरूप में या कंघी में भी नजर आने लगते हैं। पुरुषों में, बालों का झड़ना आम तौर पर माथे से शुरू होकर क्राउन एरिया तक जाता है। और यह एम के आकार का पैटर्न बनाता है। एक्स्ट्रीम लेवल पर सिर के किनारों पर बालों का सिर्फ एक घेरा रह जाता है। सौभाग्य से, महिलाओं में बालों का झड़ना ज्यादा होता है पर यह हिडन रहता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित शोध के अनुसार, एआर जीन हमारे आनुवंशिक जीन्स की ओर संकेत करता है, जिसका अर्थ है एण्ड्रोजन रिसेप्टर प्रोटीन। यह विशेष प्रोटीन बालों के रोम कोशिकाओं को एण्ड्रोजन हार्मोन (जैसे टेस्टोस्टेरोन) का पूरे शरीर में सर्कुलेट होने में मदद करता है। टेस्टोस्टेरोन और अन्य एण्ड्रोजन हॉर्मोन किसी के व्यक्ति के बाल कब, कहां, और कितने बढ़ेंगे इस पर असर डालते हैं।
हेयर फॉल जेनेटिक्स बालों के झड़ने के पैटर्न को समझने में मदद करते हैं। इसलिए जब हम बालों को झड़ने से रोकने के लिए अपने जीन्स में परिवर्तन करना चाहत हैं, तो हमें बालों की देखभाल पर और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है। इसके लिए हम इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं:
बाल प्रोटीन से बने होते हैं और मांस, चिकन, मछली, अंडे, पनीर, और नट्स जैसे खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने से बालों को मजबूती मिलती है और उनकी ग्रोथ भी बेहतर होती है।
अगर आपको पता है कि आपके बाल पहले से ही आनुवांशिक तौर पर कमजोर हैं तो आपको ऐसे हेयर स्टाइल बनाने से बचना चाहिए, जिनसे बाल तंग होते हैं या टूटते हैं। जैसे कि ब्रैड, बन या पोनीटेल। इस तरह के हेयरडोस बालों पर टंग जाते हैं, उन्हें जड़ से खींचते हैं और उन पर तनाव भी पैदा करते हैं।
यदि आपको समय रहते पता चल गया है कि वंशानुगत तौर पर आपको हेयर फॉल या हेयर लॉस हो रहा है तो जरूरत है उसका सही उपचार ढूंढने की। हेयर लॉस रोकने के लिए फ़ाइनस्टराइड (बालों के झड़ने से लड़ने के लिए टेस्टोस्टेरोन को डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन में परिवर्तित करता है) या मिनॉक्सिडिल (वंशानुगत बालों के झड़ने में प्रगतिशील संतुलन को धीमा करता है) पर आधारित उपचार शुरू करने से पहले किसी एक्सपर्ट से इस पर सलाह लेना जरूरी है।
इसके अलावा, देखें:
तो इससे पहले कि हम किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचे और अपने माता-पिता को दोष देना शुरू करें, याद रखें कि आनुवांशिक बालों के झड़ने का साइंस काफी जटिल है। इसके साथ ही इनसे निपटने के लिए बहुत से उपचार भी अब उपलब्ध हैं।