कंघी करते समय 2-4 बालों का टूटना सामान्य है। यदि किसी के कंघी करते हुए प्रति दिन 125 से अधिक बाल झड़ रहे हैं, तो इसका मतलब है कि उसे हेयर फॉल की समस्या है। इसके लिए हम डैंड्रफ और स्कैल्प इन्फेक्शन की समस्या को जिम्मेदार मानते हैं। बालों के झड़ने के कुछ और संभावित कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि इसके लिए जीन भी जिम्मेदार हो सकते हैं? एक रिसर्च रिपोर्ट के निष्कर्ष बताते हैं कि जीन भी हेयर फॉल (genetic hair fall solution) के संभावित कारण हो सकते हैं। क्या है यह रिसर्च?
यूनाइटेड स्टेट्स के बाल्टीमोर स्थान के मैरीलैंड विश्वविद्यालय के फिजिस्ट के नेतृत्व में हेयर फॉल पर एक नया अध्ययन किया गया यह अध्ययन जीन को नियंत्रित करने वाली सेलुलर प्रक्रियाओं पर प्रकाश डालता है। साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित पेपर के अनुसार, क्रोमैटिन नामक पॉलीमर में डीएनए पैक किया जाता है। इसका मूवमेंट जीन एक्सप्रेशन को नियंत्रित करता है।
मशीन लर्निंग और स्टेटिस्टिक्स एल्गोरिदम के उपयोग के माध्यम से शोध दल ने पाया कि क्रोमैटिन सेकंड के भीतर लो और हाई मोबिलिटी के बीच स्विच कर सकता है। टीम ने पाया कि कोशिकाओं के अंदर क्रोमेटिन का लो मूवमेंट जीन एक्सप्रेशन से जुड़ा होता है।
महिलाओं में बाल्डिंग के जेनेटिक कंपोनेंट को अभी भी व्यापक रूप से समझा नहीं जा सका है। इसके लिए कई अलग-अलग तरह के जीन शामिल हो सकते हैं। एरोमाटेज़ एंजाइम के उत्पादन के लिए जीन कोड किया जाता है। ये टेस्टोस्टेरोन को एस्ट्राडियोल में परिवर्तित करते हैं। इसके कारण हेयर फॉल और बाल्डनेस बढ़ (cause of hair fall and baldness) जाती है। यही कारण है कि मेनोपॉज के बाद कई महिलाएं अपने बाल खो देती हैं।
आनुवंशिक कारक के कारण बालों का झड़ना होता है। इसे रोकने या धीमा करने के लिए भी कुछ उपाय किये जा सकते हैं।
प्लोस जेनेटिक्स जर्नल के अनुसार, संतुलित आहार लेने, पर्याप्त नींद लेने, तनाव कम करने, नियमित एक्सरसाइज करने, बालों को सप्ताह में दो बार साफ़ करने और हेयर ओइलिंग से हेयर हेल्थ में सुधार हो सकता है।
हेयर एक्सपर्ट की सलाह के अनुसार, मिनोक्सिडिल जैसी दवाएं हेयर फॉल ट्रीटमेंट के लिए जरूरी है। डॉक्टर की सलाह पर ही हेयर क्रीम और हेयर जेल का प्रयोग अपने स्कैल्प पर करें।
यदि हेयर फॉल अधिक हो रहा है या बाल्डनेस की समस्या दिखाई दे रही है, तो डॉक्टर फ़िनास्टराइड जैसी ओरल दवाओं को लेने की सलाह दे सकते हैं।
कोलम्बिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के शोध बताते हैं कि फ़ॉलिक्यूलर यूनिट ट्रांसप्लांटेशन और फ़ॉलिक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन दो प्रकार की हेयर ट्रांसप्लांटेशन सर्जरी हैं। जहां हेयर फॉलिकल कम दिखाई देते हैं, वहां पर इन सर्जरी को अप्लाई किया जा सकता है।
यदि जेनेटिक कारणों से बाल झड़ रहे हैं, तो कीमोथेरेपी या लेजर थेरेपी इस समस्या का इलाज हो सकता है। लेजर थेरेपी बालों के घनत्व को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। यह उपचार विकल्प कितना प्रभावी है, यह निर्धारित करने के लिए और अधिक शोध किये जा रहे हैं। प्लेटलेट वाले प्लाज्मा इंजेक्शन भी हेयर फॉल रोकने में प्रभावी हो सकते हैं।
हेयर फॉल के लिए कई अलग-अलग जीन शामिल जिम्मेदार हो सकते हैं। यदि जेनेटिक कारणों से बाल अधिक झड़ रहे हैं, तो दवाएं, लेजर थेरेपी और प्लेटलेट वाले प्लाज्मा इंजेक्शन और हेयर ट्रांसप्लांट अधिक कारगर हो सकते हैं।
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