प्रति दिन 80 से 100 बालों का झड़ना सामान्य है। लेकिन अगर बाल इससे ज्यादा संख्या में झड़ रहे हैं तो यह आसामान्य है। बालों के झड़ने के विभिन्न कारण हो सकते हैं। इन अलग-अलग कारणों को समझना जरूरी है। तभी समाधान की ओर बढ़ा जा सकता है। इन्हीं में से एक है फीमेल पैटर्न हेयर लॉस (FPHL)। आइए जानते हैं क्या है ये और कैसे इससे बचा जा सकता है।
फीमेल पैटर्न हेयर लॉस (female pattern hair loss) का अर्थ महिलाओं में एक खास प्रकार से लगातार बालों के झड़ने से है। यह युवावस्था के बाद किसी भी महिला को प्रभावित कर सकता है। 50 साल की उम्र तक लगभग 40% महिलाएं, फीमेल पैटर्न हेयर लॉस से प्रभावित होती हैं। इसमें सर पर तो बालों का अधिक फैलाव होता है, लेकिन नीचे आकर वे पतले होने लगते हैं।
इस तरह के बालों का झड़ना जेनेटिक और हार्मोनल प्रभावों के कारण होता है। लेकिन female pattern hair loss (FPHL) उन महिलाओं में भी देखा गयाा जिनके परिवार में गंजेपन का कभी कोई केस नहीं होता।
जब बालों के रोम छिद्र संवेदनशील हो अथवा एण्ड्रोजन हार्मोन सही प्रकार से कार्य न कर रहें हो। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि शरीर में जन्मजात हार्मोनल की असामान्यता है अथवा हार्मोन की अधिकता है। FPHL वाली अधिकांश महिलाओं में एक सामान्य हार्मोनल प्रोफ़ाइल होती है।
यही कारण है कि जब महिलाओँ में फीमेल-पैटर्न हेयर लॉस का पता चलता है तो उसके समाधान के लिए नियमित हार्मोनल परीक्षण की आवश्यकता नहीं होती। यदि आपके शरीर में एण्ड्रोजन हॉर्मोन्स के अन्य लक्षण हैं- जैसे चेहरे पर बाल, मुंहासे, अनियमित मासिक धर्म या पीसीओएस (PCOS) में वृद्धि (polycystic ovarian syndrome)। तो आपके डॉक्टर हार्मोनल परीक्षण करने की सलाह दे सकते हैं।
FPHL में, अगर बालों की लंबाई लगातार कम हो रही हैं और वे पतले पड़ते जा रहे हैं तो यह फीमेल पैटर्न हेयर लॉस का सामान्य लक्षण है।
FPHL से प्रभावित महिलाओं में अक्सर सर के बालों का पतला और मांग वाले भाग का चौड़ा होना देखा जा सकता है। हेयरलाइन सामान्य रहती है, लेकिन कई महिलाओं को हेयरलाइन के साथ-साथ बालों के पतले होने का भी अनुभव होता है।
कुछ महिलाओं को पीरियड्स के बाद बालों के झड़ने का अनुभव हो सकता है। लेकिन, फीमेल पैटर्न हेयर लॉस काफी लंबा समय लेता है। जिससे बालों की मात्रा और घनत्व धीरे-धीरे कम होता है।
इसके उपचार में फीमेल पैटर्न हेयर लॉस के कारण बालों के पतले होने को कम करने पर फोकस किया जाता है। इसमें ओरल मेडिसिन और बालों पर लगाने वाली दवाओं का इस्तेडमाल किया जाता है।
कुछ खास मामलों में हल्की लेज़र थेरेपी और प्लेटलेट रिच प्लाज्मा को भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है। अन्य विकल्पों में कॉस्मेटिक का सहारा लिया जाता है। जैसे- विग,हेयर एड करना, उनमें घनापन लाना, बालों में सिंथेटिक फाइबर युक्त स्प्रे और हेयर ट्रांसप्लांट जैसे सर्जिकल उपचार शामिल हैं।
अगर आप भी फीमेल पैटर्न हेयर लॉस का सामना कर रहीं हैं, तो जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर से परमर्श करें। क्योंकि सही आकलन से ही सही उपचार का चुनाव किया जा सकता है।