फिलर ग्राफ्टिंग और फेशियल फिलर्स मॉडर्न कॉस्मेटिक्स और ब्यूटी ट्रेंड्स में सबसे ऊपर हैं। ये तकनीकें चेहरे के निखार को बढ़ावा देती हैं। यह एक संतुलित और आकर्षक चेहरा बनाने में मदद करती हैं। बीमारियों और दुर्घटनाओं के कारण चेहरे में हुई दिक्कत को ठीक करती है।
इसमें आपकी डर्मिस (dermis) में ऐक्टिव इंग्रीडिएंट्स को इंजेक्ट किया जाता है। यह लोच में सुधार करने, त्वचा को चिकना करने और झुर्रियों को दूर करने के लिए कारगर है। फेशियल ग्राफ्टिंग फैट सेल्स को निकालकर एक क्षेत्र से दूसरे जरूरी क्षेत्र में ट्रांसफ़र करता हैं।
जर्नल ‘प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी’ द्वारा प्रकाशित एक शोध के अनुसार, ये दोनों तकनीक ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस से जुड़े फेशियल लिपोआट्रोफी के लिए प्रभावी उपचार के तौर-तरीके हैं। यह चेहरे के सेल्स को स्वस्थ बनाकर उनमें निखार लाता है।
फेशियल ग्राफ्टिंग में पेट या जांघों से निकाली गई फैट का उपयोग किया जाता है। इसमें फैट को शुद्ध किया जाता है, और चेहरे के आवश्यक क्षेत्रों में इंजेक्ट किया जाता है। दूसरी ओर फेशियल फिलर्स में बायोकंपैटिबल पदार्थ जैसे हायलूरोनिक एसिड, पॉली-एल-लैक्टिक एसिड और कैल्शियम हाइड्रॉक्सीलैपटाइट का इस्तेमाल होता हैं।
जब ग्राफ्टिंग की बात आती है, तो नॉर्थ अमेरिका के फेशियल प्लास्टिक सर्जरी क्लीनिक के शोध के अनुसार,इसके परिणाम धीरे-धीरे प्रकट होते हैं। कुछ मामलों में, एक से अधिक सेशन की भी आवश्यकता हो सकती है।
फेशियल फिलर्स कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। यह कंटूरिंग बढ़ाने और झुर्रियों और महीन रेखाओं को हटाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। फिलर के प्रकार के आधार पर परिणाम तुरंत या धीरे-धीरे दिखाई देते हैं।
फेस ग्राफ्टिंग के परिणामों को प्रकट होने में समय लग सकता है, लेकिन वे अनिश्चित काल तक चलते हैं। आपको ग्राफटिंग के किस तकनीक को चुनना है यह आपकी जरूरतों पर निर्भर करता है। यदि आप पूरे चेहरे में बदलाव चाहते है,, तो ग्राफ्टिंग आपको इसे प्राप्त करने में मदद करेगी। यह फेस फिलर से अधिक समय तक टिकेगी।
इनके परिणाम कुछ महीनों से लेकर एक साल तक रह सकते हैं।
यह सुरक्षित होते हैं और उपचार के बाद शायद ही कभी दर्द, सूजन और लालिमा का कारण बनते हैं। हालांकि, ग्राफ्टिंग की तरह इसका प्रभाव लंबे समय तक नहीं रहता है। इसके लिए नियमित सेशन की आवश्यकता हो सकती है। फेशियल ग्राफ्टिंग में फैट ट्रांसप्लांट शामिल होता है। इसका प्रभाव लंबे समय तक रहता है, लेकिन यह सेन्सिटिव या मुँहासे वाली त्वचा के लोगों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है।
फेशियल फिलर्स चेहरे के छोटे फीचर्स जैसे गाल, ठुड्डी और होंठों के लिए अधिक उपयुक्त होते हैं। वहीं, ग्राफ्टिंग का इस्तेमाल पूरे चेहरे को निखारने के लिए किया जा सकता है।
इसलिए, अपनी कॉस्मेटिक और सौंदर्य आवश्यकताओं के आधार पर, आप किसी विशेषज्ञ से सलाह करने के बाद, वह तकनीक चुन सकते हैं जो आपके लिए सबसे उपयुक्त हो।
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