हम अपनी स्किन को लेकर काफी सजग रहते हैं। सभी को दाग-धब्बे रहित त्वचा अच्छी लगती है। जब किसी काम को लेकर हम घर से बाहर निकलते हैं, तो हमारी स्किन टैन हो जाती है। स्किन टैन हटाने के लिए हम स्किन ब्लीच की ओर रुख कर लेते हैं।मन ही मन हम यह भी सोचते रहते हैं कि क्या ब्लीचिंग स्किन के लिए सुरक्षित है? अधिक सोच विचार करने की बजाय आज हम अपनी आशंका एक्सपर्ट व्यूज से दूर कर लेते हैं।
डर्मेटोलोजिस्ट डॉ. रश्मि की राय जानने से पहले स्किन ब्लीचिंग के बारे में जान लेते हैं। ब्लीचिंग एजेंटों का उपयोग अक्सर दाग-धब्बों, उम्र के कारण पड़ने वाले निशान और झाइयों (Skin Pigmentation) के कारण हुए डार्क स्किन को हल्का करने के लिए किया जाता है। इसे स्किन ब्लीचिंग के रूप में जाना जाता है।
यह ब्लीचिंग क्रीम, साबुन या गोली का प्रयोग करके किया जाता है। समस्या के समाधान के लिए ब्यूटी क्लिनिक में केमिकल पील ऑफ़ और लेजर थेरेपी भी की जा सकती है।
स्किन का रंग शरीर द्वारा उत्पादित मेलेनिन की मात्रा से निर्धारित होता है। मेलेनिन एक प्राकृतिक स्किन पिगमेंट है, जो मेलानोसाइट्स कोशिकाओं द्वारा बनाया जाता है। हर किसी में मेलानोसाइट्स की संख्या समान होती है। मेलेनिन का निर्माण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है। गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों की कोशिकाओं में अधिक मेलेनिन होता है। ब्लीच का उपयोग करने पर यह स्किन में मेलेनिन के उत्पादन को कम करता है। इससे त्वचा साफ़ दिखती है।
डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. रश्मि अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं स्किन टैन को तुरंत हटाने का उपाय है ब्लीचिंग। यह प्रभावी प्रक्रिया त्वचा की ऊपरी परत पर जमे हुए मेलेनिन पिगमेंट को हटाने में मदद करता है। यह डेड स्किन को हटा देता है, जिससे स्किन साफ़ हो जाती है। डर्मेटोलोजिस्ट के अनुसार ब्लीच करने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है।
अक्सर जब हम छुट्टियां मनाकर आते हैं या तेज धूप से वापस आते हैं, तो हमारी स्किन ड्राई, लाल और सूजन वाली होती है। इस समय तुरंत ब्लीच न करें। स्किन को हाइड्रेट होने दें। उसे आराम दें और लालिमा, सूजन और ड्राईनेस को खुद ठीक होने दें। ये सारी चीज़ें ठीक होने के बाद ही ब्लीच करें। ब्लीच के बाद तुरंत धूप में नहीं जाएं।
अगर आपकी त्वचा रूखी है, तो पहले मॉइस्चराइजर लगाएं। कुछ देर बाद गर्म पानी से धो लें। फिर स्किन टैन को हटाने के लिए ब्लीच लगा सकती हैं।
हम अक्सर ब्लीच को लंबे समय तक अपने चेहरे पर रख लेते हैं। हम सोचते हैं कि आधे घंटे तक रखने पर स्किन अधिक साफ़ हो जाएगी। ऐसा नहीं है। इससे स्किन को नुकसान पहुंचता है। हमें स्किन पर ब्लीच को 5-10 मिनट तक रखना चाहिए।
ब्लीच के बाद मॉइस्चराइजर के साथ-साथ सनस्क्रीन भी लगाना जरूरी है। मॉइस्चराइजर खोई हुई नमी लौटाता है, तो सनस्क्रीन हानिकारक यूवी किरणों से स्किन का बचाव करता है।
डॉ. रश्मि के अनुसार, बार-बार ब्लीच का प्रयोग नहीं करना चाहिए। हमें लगता है कि एक्सफोलिएशन से स्किन और अधिक साफ़ हो जाएगी। ध्यान रखें कि जिस दिन आप ब्लीच करें, उसी दिन एक्सफोलिएशन का प्रयोग कभी नहीं करें।
दिन के अंत में ब्लीच करें, ताकि सूर्य की रोशनी स्किन को प्रभावित नहीं करे। हमेशा अच्छी कंपनी की ब्लीच का प्रयोग करें। सही मात्रा की जानकारी जरूरी है। माथे से लेकर गर्दन तक ब्लीच लगाएं। आंखों के नीचे भी लगाना न भूलें। ध्यान रखें कि ब्लीच आँखों के अंदर नहीं जाये।
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