एक महिला के जीवन में सबसे यादगार और खुशी का समय उसकी गर्भावस्था होती है। वह अपने भीतर एक जीवन का पोषण कर रही होती है। इसलिए वह उसका और अपना ख्याल सबसे अधिक रखना चाहती है। पहली तिमाही एक ऐसा समय होता है जब उसका शरीर बहुत सारे शारीरिक और मनोवैज्ञानिक परिवर्तनों से गुजर रहा होता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि एक छोटी सी आदत भी अजन्मे बच्चे के लिए अनहेल्दी साबित हो सकती है। महिलाएं महीने में एक बार ब्यूटी सैलोन चली ही जाती हैं। क्या प्रेगनैंसी के दौरान ब्यूटी सैलोन जाना बच्चे को खतरे में डाल सकती (Beauty treatment during pregnancy) है? जानते हैं एक्सपर्ट से।
गर्भावस्था के पहले तीन महीने में बच्चा तेजी से बढ़ने लगता है। इस समय गर्भपात होने (Miscarriage) की संभावना भी सबसे अधिक होती है।सेक्सोलोजिस्ट और सीनियर गायनेकोलोजिस्ट डॉ. अंजलि कुमार कहती हैं कि गर्भ के अंदर बच्चे के समुचित विकास के लिए किसी भी तरह की अनिश्चितता के जोखिम को कम करना चाहिए। गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए।
प्रेगनेंसी का यह मतलब नहीं है कि इस दौरान ब्यूटी सैलोन जाकर अपनी देखभाल करना बंद कर दें। सिर्फ वहां जाने से पहले यह जान लें कि वहां ली जाने वाली कौन सी सुविधा बच्चे के सेहत पर असर डाल सकती है।
डॉ. अंजलि कहती हैं, हमेशा कोई भी सैलोन उपचार लेने से पहले सावधान रहें। उनमें से कई अजन्मे बच्चे के लिए सुरक्षित नहीं हो सकते हैं । वहीँ दूसरी ओर कई से मां को भी संक्रमण का खतरा हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह के केमिकल पील्स, लेजर ट्रीटमेंट और इलेक्ट्रिकल ट्रीटमेंट का बुरा प्रभाव पड़ता है। इन उपचारों के दौरान शरीर के अंदर भेजे जाने वाले कंपन और किरणें भ्रूण (Foetus) के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान चेहरे या शरीर पर अधिक बाल हो जाते हैं। चेहरे और शरीर के बाल तेजी से बढ़ सकते हैं। यह सामान्य बात है। संभवतः एंड्रोजन हार्मोन में वृद्धि के कारण ऐसा हो सकता है। बिखरे हुए बालों से छुटकारा पाने के लिए सुरक्षित रूप से ट्वीज़, वैक्स या शेव कर सकते हैं। डॉ. अंजलि के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान वैक्सिंग (Waxing), नेल एक्सटेंशन (Nail Extensions), पेडीक्योर (Pedicure), फेशियल (Facials), ब्लीच (Bleach) करना भी सेफ हो सकता है। इन सभी प्रक्रियाओं में केमिकल का नाम मात्र का प्रयोग होता है।
गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित फेशियल विकल्प अपनाना चाहिए। हाइड्रेटिंग फेशियल, कोलेजन फेशियल, ऑक्सीजन फेशियल, स्टीम फेशियल लिया जा सकता है।
ऐसे फेशियल नहीं करवाएं, जिनमें केमिकल शामिल हों। नेचुरल कंपाउंड वाले फेशियल सुरक्षित (Beauty treatment during pregnancy) होते हैं। फ्रूट पील और एक्सट्रैक्शन भी इसमें शामिल हैं।
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कस्टमाइज़ करेंडॉ. अंजलि बताती हैं गर्भावस्था के दौरान दौरान बालों का कलर कराना(Hair color), दांत को धाग-धब्बे से रहित करने के लिए सफेद करवाना(Teeth Whitening), सौना (सौना), चेहरे पर केमिकल पील(Chemical Peels) का प्रयोग करना, हेयर किरेटिन उपचार(Hair Keratin Treatment) आदि जैसी क्रियाएँ सेफ नहीं होती हैं। इन सभी क्रियाओं में केमिकल का प्रयोग होता है।
गर्भावस्था के अंतिम छह महीनों के दौरान हानिकारक रसायनों के संपर्क में आने से हानि हो सकती है। बच्चे का विकास धीमा (Child development) हो सकता है। मस्तिष्क का विकास प्रभावित हो सकता है। यदि बच्चे का विकास धीमा हो जाता है, तो जन्म के समय बच्चे का वजन सामान्य से कम हो सकता है। इससे शारीरिक जन्म दोष होने की संभावना नहीं हो सकती है।
इस दौरान ऐसी पॉलिश से बचना चाहिए, जिनमें डिबुटाइल थैलेट (dibutyl phthalate), टोल्यूनि (Toluene), फॉर्मलडिहाइड (formaldehyde) हो। ब्यूटी सैलोन की प्रक्रिया में इन सभी केमिकल के प्रयोग होने की संभावना बनी रहती है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान इन सुविधाओं का लाभ नहीं लेना चाहिए।