डार्क स्पॉट (Dark spots) यानी कि काले धब्बे का नजर आना एक सामान्य समस्या बनता जा रहा है। ज्यादातर महिलाओं को इसकी शिकायत रहती है। वहीं कुछ महिलाएं इसे नजरअंदाज कर देती हैं, जिसकी वजह से समय के साथ यह अधिक बढ़ता जाता है और त्वचा पूरी तरह से पिगमेंटेड नजर आने लगती है। महिलाएं इसे लेकर बेहद चिंतित रहती हैं। हालांकि, इसके लिए कुछ और नहीं महिलाओं के द्वारा की जाने वाले स्किन केयर मिस्टेक्स जिम्मेदार होते हैं।
डार्क स्पॉट का सबसे बड़ा कारण सूरज की हानिकारक किरणें हैं। इनके प्रभाव से त्वचा पिगमेंटेड हो जाती है, साथ ही साथ काले धब्बे भी आना शुरू हो जाते हैं। ऐसे में कुछ जरूरी स्किन केयर टिप्स का ध्यान रख, आप अपनी डार्क स्पॉट की समस्या के खतरे को कम कर सकती हैं। क्योंकि अक्सर हम सूरज के संपर्क में जाने के पहले और बाद में कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिसकी वजह से त्वचा इरिटेट हो जाती है, और डार्क स्पॉट ही नहीं कई अन्य त्वचा संबंधी समस्याएं भी आपको परेशान कर सकती हैं।
कामिनेनी हॉस्पिटल की सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर कुना रामदास ने सूरज के संपर्क में आने से होने वाले डार्क स्पॉट को अवॉइड करने के कुछ जरूरी टिप्स दिए हैं। तो चलिए जानते हैं, उनके बारे में अधिक विस्तार से (tips to avoid black spots on skin)।
अल्ट्रा वायलेट (यूवी) रेज मेलेनिन के उत्पादन को तेज़ कर देती हैं, जो एक प्राकृतिक पिगमेंट है, जो त्वचा को उसका रंग देता है। सालों तक सूरज के संपर्क में रहने वाली त्वचा पर, मेलेनिन के क्लंप्ड बनने या उच्च सांद्रता में बनने पर एज स्पॉट्स दिखाई देते हैं। व्यावसायिक टैनिंग लैंप और बेड का उपयोग भी उम्र के धब्बे पैदा कर सकता है।
अगर आप नियमित रूप से अपनी त्वचा को एक्सफोलिएट करते हैं, या रेटिनॉल (दोनों ही महीन रेखाओं और त्वचा की बनावट के लिए बेहतरीन हैं) का इस्तेमाल करते हैं, तो धूप वाले दिन से पहले इनका इस्तेमाल न करना ही बेहतर है।
ये उत्पाद आपकी त्वचा को संवेदनशील बना सकते हैं, जिससे स्किन जलन और जलन के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है। जबकि कुछ लोग बिना किसी समस्या के धूप में निकलने से पहले इनका इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन कुछ दिनों के लिए अपने स्किन बैरियर को बनाए रखना ज़्यादा सुरक्षित है।
इन सक्रिय पदार्थों का इस्तेमाल करने के बजाय, पेप्टाइड्स, सेरामाइड्स और हाइलूरोनिक एसिड जैसे तत्वों वाले हाइड्रेटिंग सीरम का इस्तेमाल करें। इस तरह, धूप का सामना करने से पहले आपकी त्वचा पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी।
यह बिना कहे ही स्पष्ट है, आपको लंबे समय तक धूप में रहने के दौरान पूरे दिन सनस्क्रीन लगाना चाहिए और इसे फिर से दौहराना चाहिए। त्वचा विशेषज्ञ हर दो घंटे में इसे फिर से लगाने की सलाह देते हैं। अगर आप सीधे धूप में हैं, पसीना आ रहा है, या तैराकी कर रही हैं, तो इसे जरूर लगाएं।
दिन खत्म होने पर शाम के समय डबल क्लींजिंग प्रक्रिया से अपनी त्वचा से Spf को निकालें (वॉटर बेस्ड क्लींजर से पहले तेल या माइसेलर पानी का उपयोग करें)। खासकर अगर आपको एक्ने की समस्या है, तो इसका ध्यान जरूर रखें।
सूर्य के संपर्क में आने के बाद, आपकी त्वचा स्वाभाविक रूप से खुद को ठीक करने की कोशिश करेगी। आपको इसमें अपनी स्किन का सपोर्ट करना है, जिसकी शुरुआत हाइड्रेशन से होती है। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और अन्य हाइड्रेटिंग फल एवं सब्जियों का सेवन करें।
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आप हाइड्रेटिंग फेस मास्क के साथ अपनी दिनचर्या को और भी बेहतर बना सकती हैं। जैसे की खरे और चिया सीड्स से बना फेस मास्क, साथ ही दही को त्वचा पर अप्लाई करें, इसके अलावा शहद एक बेहतरीन मॉइश्चर प्रदान करता है, आप इसे भी अपनी त्वचा पर अप्लाई कर सकती हैं।
सूरज की किरणों में लंबा समय बिताने के बाद, त्वचा को एक्सफोलिएशन की आवश्यकता होती है। परंतु आप फौरन एक्सफोलिएट करना शुरू न कर दें, त्वचा को 1 से 2 दिन का समय दे उसके बाद से एक्सफोलिएट करें। क्युकी सूरज की किरणों के कारण मृत त्वचा का निर्माण हो सकता है, इसलिए इसे हटाने से एक ताज़ा रंगत मिलेगी और बंद पोर्स को खोलने में मदद मिलेगी।
आप अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार किसी भी एक्सफोलिएंट का इस्तेमाल कर सकती हैं। वहीं आप चाहे तो, अपने घर घरेलू एक्सफोलिएंट भी तैयार कर सकती हैं। चीनी और शहद से बना स्क्रब, साथ ही कॉफी और कोकोनट ऑयल का कॉन्बिनेशन भी डेड स्किन सेल्स को रिमूव करने में आपकी मदद कर सकता है। इतना ही नहीं ओट्स भी एक बेहतरीन आईडिया है।
हालांकि, अगर आपको धूप से जलन हुई है, चाहे वह हल्की ही क्यों न हो, तो एक्सफोलिएट करने से पहले रेडनेस और सेंसटिविटी के पूरी तरह से कम होने तक प्रतीक्षा करें। जब संदेह हो, तो अपने गाल पर पैच टेस्ट करें।
आपके लिए यह जानना जरूरी है कि सूरज त्वचा में कोलेजन को तोड़ता है, और इसे कम कर देता है। वास्तव में, त्वचा की उम्र बढ़ने के 80% दिखाई देने वाले लक्षण धूप के संपर्क में आने से होते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार 20 के दशक के मध्य के बाद कोलेजन उत्पादन में 1% वार्षिक गिरावट और मेनोपॉज के पहले 5 वर्षों में 30% गिरावट के साथ, त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज़ी से बढ़ सकती है।
हेल्दी स्किन के लिए नियमित त्वचा देखभाल के साथ कोलेजन बूस्टिंग टिप्स को अपनाना भी जरूरी है। घर पर कोलेजन बूस्टिंग मास्क तैयार कर सकती हैं। इसके साथ-साथ कोलेजन बूस्टिंग खाद्य पदार्थों का सेवन भी बेहद फायदेमंद साबित होगा।
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